हर राह पर निकलेगी आह

कांवरियों के आने के हर रास्ते पर मुसीबतें हजार

(रिएलिटी चेक)

पेज वन इंट्रो

सावन का महीने शुरू होने में अब सिर्फ पांच दिन बचे हैं। 10 जुलाई से सावन शुरू होने के साथ ही बनारस में कांवरियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। लेकिन शहर में आने वाले लगभग हर रास्ते पर नंगे पांव चलने वाले कांवरियों की आह निकलना लगभग तय है। क्योंकि अधिकांश सड़कों की हालत खराब है और अब तक उनका मरम्मत नहीं हुआ। सड़कों की सच्चाई जानने निकली डीजे आई नेक्स्ट की टीम ने जो देखा, वो आप भी देखिये।

देख के सड़क कांवरियां न जाएं भड़क!

- दस जुलाई से शुरू हो रहा है सावन का महीना लेकिन कांवरियां रुट्स की सड़कों की अब तक मरम्मत नहीं

- प्रमुख सचिव ने दिया है सात जुलाई तक सारी सड़कों को दुरुस्त करने का आदेश, फिर भी बनी हुई है सुस्ती

- दो दिन में सभी सड़कों की मरम्मत संभव नहीं लेकिन सावन के पहले दिन तक उन्हें सही करना मुश्किल

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स्पॉट-1: ककरमत्ता रोड

इलाहाबाद से आने वाले कांवरियों का जत्था इसी रास्ते से शहर में एंट्री करता है। बावजूद इसके इस रोड की सुध लेने वाला कोई नहीं है। ओवर ब्रिज के पास से रेलवे क्रासिंग तक की सड़क बैठ गई है और बुरी हालत में है। इस रोड से कांवरियां नंगे पैर कैसे गुजरेंगे ये सवाल बड़ा है।

स्पॉट-2: महमूरगंज रोड

महमूरगंज सिगरा की रोड की हालत बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती। पिछले दिनों छोटे मोटे कामों के लिए रोड कटिंग के बाद अब तक सड़के ठीक नहीं हुई हैं। हाल ये है कि महमूरगंज पेट्रोल पंप और उससे कुछ आगे की सड़क खराब है।

स्पॉट-3: लालपुर रोड

विश्वनाथ मंदिर के अलावा कांवरियों का जत्था सारंगनाथ मंदिर भी जाता है। जिसके लिए आजमगढ़ रोड से कांवरियां आते हैं। लालपुर रोड की हालत इतनी बुरी है कि नंगे पैर कांवरियां कैसे गुजरेंगे ये सोचकर ही रुह कांप जाती है।

स्पॉट-4: हुकुलगंज रोड

वरुणापार इलाके में पड़ने वाले शिवालयों में जल चढ़ाने के लिए कांवरियां हुकुलगंज रोड से भी आते हैं। बावजूद इसके इस रोड के हालात सुधारने का प्रयास ही नहीं हुआ है। ये कब होगा ये भी पता नहीं क्योंकि सावन को अब सिर्फ पांच दिन बचे हैं।

ये चार स्पॉट शहर के उन कांवरियां मार्गो की दशा बताने के लिए काफी हैं। जिन सड़कों से कांवर यात्रा को गुजरना है। कंधे पर कांवर उठाये अपने संकल्प को पूरा करने के लिए कांवरिए नंगे पैर बाबा धाम तक पहुंचेंगे लेकिन लग रहा है कि इस बार बाबा दर्शन की डगर काफी कठिन होगी। क्योंकि प्रशासन की लापरवाही के कारण पथरीले रास्तों से होकर गुजरना कांवरियों के लिए किसी तपस्या से कम नहीं होगा। जिन भी रास्तों से होकर कांवरियों को प्रमुख शिवालयों तक जाना है वो सभी सड़कें अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही हैं। इसके बाद भी प्रशासनिक अमला इस ओर अब तक कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

आदेश का भी नहीं असर

कांवरियां मार्गो की खराब सड़कों को दुरुस्त करने के लिए शासन स्तर पर सात जुलाई तक का वक्त दिया है। ये पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक के दौरान प्रमुख सचिव अरविंद कुमार ने भी साफ कर दिया था। लेकिन इसके बाद भी इस ओर अब तक किसी का ध्यान नहीं गया है और सभी सड़के बदहाल पड़ी हैं। जिसके बाद अब ये डर भी सताने लगा है कि अगर शासन के आदेश पर सात जुलाई तक सड़क नहीं बनी तो सावन शुरू होने यानि दस जुलाई तक काम पूरा होगा या नहीं इसपर भी संशय है।

इस बार है ज्यादा भीड़ की उम्मीद

- सावन काशी में पर्व के समान होता है। इसबार 10 जुलाई से इसकी शुरूआत हो रही है।

- खुफिया विभाग ने पिछले वर्षो से ज्यादा कांवरियों के आने का अनुमान लगाया है।

- पिछले साल सावन में करीब दस लाख कांवरियां विभिन्न शिविरों मे पंजीकृत हुए थे।

- हर बार सावन के पहले उन सड़कों को दुरुस्त किया जाता है जिनसे कांवरियां आते हैं।

- इस वर्ष अब तक किसी भी सड़क पर पूरी तरह से मरम्मत नहीं किया गया है।

कांवरियां रूट का कुछ ऐसा है हाल

- इलाहाबाद से मिर्जामुराद, रोहनिया होते हुए चितईपुर, मंडुवाडीह महमूरगंज होते हुए कांवरिए शहर में आते हैं।

- काशी विश्वनाथ, मारकंडेय महादेव, त्रिलोचन महादेव, सारंगनाथ मंदिर हैं इनके प्रमुख पड़ाव।

- मंडुवाडीह एरिया में रेलवे ओवर ब्रिज का काम जारी होने से सड़क की हालत बहुत खराब है।

- पाण्डेयपुर से आशापुर, भोजूबीर-नटिनियादाई मार्ग, लालपुर रोड, हुकुलगंज और गाजीपुर रोड की हालत है खराब।

- लहरतारा कैंट रोड भी फ्लाईओवर एक्सटेंशन वर्क के कारण बहुत ही खराब हालत में है।

- गोदौलिया से चौक तथा नीचीबाग से मैदागिन तक की सड़क भी आईपीडीएस खोदाई के बाद उखड़ी पड़ी है।

कांवरियों के रूट्स की सभी सड़कों को सावन से पहले दुरुस्त करने का निर्देश पीडब्ल्यूडी और नगर निगम दोनों को दिया जा चुका है। डेडलाइन से पहले काम नहीं हुआ तो कार्रवाई होगी।

योगेश्वर राम मिश्र, डीएम