-यूपी गवर्नमेंट का आदेश मिलते ही प्लास्टिक व्यापारियों की बढ़ी परेशानी, फुटकर से लेकर थोक व्यापारी प्लास्टिक खपाने की लगा रहे जुगत

-प्लास्टिक के फैक्ट्री संचालक भी हुए हताश

VARANASI

कैबिनेट मीटिंग के बाद यूपी गवर्नमेंट ने सूबे में प्लास्टिक बैन करने का फरमान जारी क्या किया, हर तरफ हाय तौबा मच गई है। पर्यावरण को लेकर आवाज बुलंद करने वालों में तो खुशी की लहर है लेकिन उन व्यापारियों के चेहरे मुरझा गये हैं जिनकी दाल रोटी प्लास्टिक व्यापार के जरिये चलती है। प्लास्टिक के धंधे में लाखों रुपये इनवेस्ट कर चुके छोटे-बड़े व्यापारियों को चिंता सताने लगी है कि अब दूसरा बिजनेस स्टार्ट करने के लिए पूंजी कहां से लाएंगे? शुक्रवार को सिटी के प्लास्टिक मंडी नई सड़क, हड़हा सराय, राजा दरवाजा के होलसेल व्यापारियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही थी। वहीं औरंगाबाद के उन व्यापारियों में भी मायूसी छाई हुई है जो प्लास्टिक छपाई की फैक्ट्री लगाए हुए हैं, उनका मानना है कि जब प्लास्टिक बैन हो गया तो अब फैक्ट्री भी बंद हो जाएगी। जिसके बाद बैंक से लिया गया लोन भी चुकाने में काफी परेशानियां सामने आएंगी।

नहीं दिखा कहीं बैन का असर

सूबे में भले ही पॉलिथिन पर बैन लगा दिया गया लेकिन बनारस में इसका कहीं भी असर नहीं देखने को मिला। क्या सब्जी मंडी और क्या शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, लगभग हर शॉप्स पर पॉलीथिन में ही चीज-सामान थमाए जा रहे थे। सिटी के कुछ ऐसे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी है जो सामान लेने के बाद एक रुपये से लेकर सात रुपये एक्स्ट्रा पॉलीथिन के नाम पर लिये जाते हैं, बैन की खबर मिलने के बाद भी कॉम्प्लेक्स पर कोई असर नहीं था।

छह माह की सजा, पांच लाख जुर्माना

यूपी सरकार ने पॉलीथिन पर बैन लगाते हुए यह गाइडलाइन जारी कर दिया है कि कोई भी शॉपकीपर कस्टमर्स को प्लास्टिक की पॉलिथीन में सामान नहीं देगा। अगर ऐसा हुआ तो कानून के तहत उसे छह माह की सजा और पांच लाख रुपये तक जुर्माना भरना पड़ेगा। गवर्नमेंट ने प्लास्टिक पर बैन हाईकोर्ट के ऑर्डर पर लगाया है। कोर्ट ने फ्क् दिसंबर तक हर हाल में प्लास्टिक बैग पर बैन लगाने का ऑर्डर दिया है। अभी तक प्लास्टिक बैग सिर्फ दिल्ली में ही बैन है। इसके अलावा कई स्टेट्स में इसे बैन करने की डिमांड की जा रही हैं, क्योंकि पर्यावरण के लिए पॉलीथिन का यूज काफी नुकसानदेह साबित हो रहा है।

इन पर है बैन

प्लास्टिक के कैरी बैग, दुकानों पर सामान के लिए दिए जाने वाली पॉलीथिन, प्लास्टिक कवरिंग, प्लास्टिक शीट, मैगजीन, इन्विटेशन कार्ड, ग्रीटिंग कार्ड की पैकिंग के लिए प्लास्टिक कवर या पाउच के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। अभी तक सिर्फ मानक (ब्0 मिमी तक मोटी) पॉलीथिन के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। इसके लागू होने के बाद गिलास, स्पून, प्लेट पर भी बैन लगाने की बात कही जा रही है।

हमे और आपको होना होगा जागरूक

यूपी सरकार के इस फैसले के बाद से हर तरफ यहीं चर्चाएं शहर की फिजा में तैरती रही कि एकाएक प्लास्टिक पर कंट्रोल करना बहुत मुश्किल है। पर्यावरण को बचाना है तो हमें और आपको ही पहल करनी होगी। यदि हम घर से सामान लेने निकलते हैं तो कपड़े का थैला, बैग लेकर निकलें, इसके लिए अपने आसपास के लोगों को भी अवेयर करें।

पर्यावरण के लिहाज से सरकार का प्लास्टिक बैन करना लाजिमी हैलेकिन इसे हम जैसे व्यापारियों की मुश्किलें जरूर बढ़ जाएंगी। क्योंकि पांच लाख रुपये से अधिक का इनवेस्ट प्लास्टिक के धंधे में है।

शमसेर

होल सेलर, प्लास्टिक

नई सड़क

जब प्लास्टिक बिकेगा ही नहीं तो जाहिर सी बात है कि छपाई भी बंद हो जाएगी। फैक्ट्री भी बंद हो जाएगी, यह हम जैसे लोगों के लिए परेशानी भरा है लेकिन इस पर कुछ कह नहीं सकते।

शंकरनाथ,

प्लास्टिक फैक्ट्री ऑनर

औरंगाबाद

यूपी गवर्नमेंट का यह गुड डिसीजन है। प्लास्टिक बैन के बाद पर्यावरण में जरूर कुछ तब्दीली आएगी। सिटी में प्लास्टिक बैन होना ही चाहिए था।

अर्पिता श्रीवास्तव, छित्तपुरा

सरकार का यह अच्छा फैसला है। इस पर जरूर अमल किया जाएगा। पॉलीथिन तभी हटेगा जब हर कोई अवेयर होगा।

हर्षित सिंह

मलदहिया