-एसबीआई के सहयोगी बैंकों से जुड़े द्विपक्षीय समझौते के उल्लंघन के विरोध में बैंकों के कर्मचारियों ने किया राष्ट्रव्यापी हड़ताल, बंद रहीं करीब 250 बैंक की ब्रांचेज

-18000 चेकों व ड्राफ्ट का निस्तारण लटका, नकद, आरटीजीएस व नेफ्ट के चलते बनारस में 300 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ प्रभावित

VARANASI

बैंकों से लेने देने करने वाले व्यापारियों सहित आम जन मानस के लिए शुक्रवार का दिन ठीक नहीं रहा। भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकों से जुड़े द्विपक्षीय समझौते के उल्लंघन के विरोध में बैंकों के कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहे। हड़ताल के चलते यूनियन बैंक, पीएनबी, ओबीसी, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, केनरा बैंक सहित राष्ट्रीयकृत बैंकों की करीब ख्भ्0 ब्रांचेज पर ताले लटके रहे। स्ट्राइक का सीधा असर चेकों व ड्राफ्ट के निस्तारण पर पड़ा। हड़ताल का सबसे ज्यादा असर व्यापारियों पर पड़ा है, क्योंकि शुक्रवार को हड़ताल, अगले दिन सेकेंड सैटरडे व रविवार को साप्ताहिक बंदी रहेगी। हालांकि एसबीआई में परिचालन सामान्य रहा। ग्रामीण बैंक व आईडीबीआई की सभी ब्रांच खुलीं रही।

बनारस में लगभग फ्00 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। हड़ताल से लगभग क्8 हजार से ज्यादा चेकों का निस्तारण नहीं हो सका। वहीं कैश, अंतरण समाशोधन, आरटीजीएस नेफ्ट के चलते विभिन्न बैंकों में कारोबार प्रभावित हुआ।

इम्प्लाईज ने अपने हक में बुलंद की आवाज

बैंक कर्मचारियों ने विरोध-प्रदर्शन कर दिखाई ताकत

ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाईज एसोसिएशन (एआईबीईए) के आह्वान पर बैंक कर्मचारियों ने इलाहाबाद बैंक के नदेसर स्थित जोनल ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन कर अपनी ताकत का एहसास कराया। यूपी बैंक इम्प्लाईज यूनियन (यूपीबीईयू)से जुड़े बैंक कर्मी अपने-अपने डिवीजन, जोनल व ब्रांचेज पर नारेबाजी किये। यूपीबीईयू के प्रदेश अध्यक्ष आरबी चौबे व सहायक महामंत्री संजय शर्मा के नेतृत्व में वाहन जुलूस निकाला गया। जुलूस पंजाब नेशनल बैंक के डिवीजन ऑफिस, बैंक ऑफ बड़ौदा के डिवीजन ऑफिस, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचकर प्रर्दशन किया। इस दौरान नदेसर पर सभा करके अपनी आवाज बुलंद की।

बैंकिंग सेक्टर में बढ़ रहे हैं हमले

वक्ताओं ने कहा कि एसबीआई के पांच सहयोगी बैंकों के द्विपक्षीय समझौते के उल्लंघन और कर्मचारियों पर एक तरफा सेवा शर्ते थोपने की कोशिश के विरोध में हड़ताल का आह्वान ख्8 दिसंबर को किया गया था। एसबीआई के पांच सहयोगी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर शामिल हैं। बैंकिंग क्षेत्र में हमले बढ़ रहे है। यदि सरकार नहीं चेती तो आंदोलन और धार दिया जाएगा। सभा में सुनील सेठ, राघवेंद्र चतुर्वेदी, पीके घोष, विजय कुमार, केके मुरारका, प्रमोद द्विवेदी, मुकुंद लाल शर्मा, मणिकांत उपाध्याय, संतोष सिन्हा आदि ने संबोधित किया।

एटीएम का ही रहा सहारा

स्ट्राइक के चलते सिटी के लगभग सभी एटीएम फुल रहने से पैसे के लिए लोगों को खास परेशानी नहीं हुई। शहर में राष्ट्रीयकृत बैंकों की तीन सौ से ज्यादा एटीएम हैं। हड़ताल की पूर्व संध्या पर सभी एटीएम को रीफिल कर दिया गया था ताकि हड़ताल के दौरान एकाउंट होल्डर्स को दिक्कत न हो। एसबीआई के एजीएम अनुराग जोशी ने बताया कि एसबीआई की सभी ब्रांच में कामकाज हुआ।

यह हैं डिमांड्स

-स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहयोगी बैंकों का भारतीय स्टेट बैंक में विलय को रोका जाए

-जनविरोधी बैंकिंग सुधार रोका जाए

-बैंक कार्यो की आउटसोर्सिग पर रोक लगे

-दिपक्षीय समझौता का उल्लंघन रोका जाए

-अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पर आईबीए व सरकार के दिशानिर्देशों को लागू किया जाए

-लंबित मांगों को हल किया जाए