-जेल मंत्री ने कहा, पुराने जेल मैनुअल में बदलाव जरूरी, चल रही है तैयारी

-सीएमओ हर हफ्ते भेजेंगे डॉक्टर, बुजुर्ग बंदी अपने जिले में होंगे शिफ्ट

VARANASI

यूपी की जेलों में बंद अपराधियों से अब उनके परिजन हफ्ते में दो दिन नहीं बल्कि तीन दिन मुलाकात कर सकेंगे। इसके लिए जेल मैनुअल में बदलाव की तैयारी है। ये बातें जेलमंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने सोमवार को सर्किट हाउस में कहीं। उन्होंने कहा कि पूरा प्रयास है कि पैरोल को कानूनी अधिकार का रूप दिया जाए। इस पर गवर्नर से वार्ता हो चुकी है और कानून का जामा पहनाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजा जा रहा है। जेलों में बंद बुजुर्ग और अशक्त बंदियों को दूरस्थ स्थानों के बदले उनके जिलों में शिफ्ट किया जाएगा।

जुलाई तक बदलेगा मैनुअल

जेलों में अब भी जिस मैनुअल के अनुसार बंदियों व कैदियों को रखा जाता है वह अंग्रेजों का बनाया हुआ है। इसमें बदलाव करते हुए पैरोल को कैदी का कानूनी अधिकार बनाया जा रहा है। यूपी जेल मैनुअल इसी साल जुलाई तक बदल जाएगा। जेल में रहने वाला किसी गोदाम का सामान नहीं होता बल्कि वह भी इंसान होता है। उसकी भावनाएं और कानूनी अधिकार होते हैं। जेल में अब तक सप्ताह में दो दिन मुलाकात होती थी लेकिन इसे बढ़ा दिया गया है। मुलाकात के समय को भी दो से बढ़ा कर चार घंटे कर दिया गया है। यही नहीं अधीक्षक को अधिकार दिए गए हैं कि स्वविवेक के आधार पर दूर-दराज से आए मुलाकातियों को मिलने दिया जाए। अधिक उम्र होने पर भी सजा काट रहे बंदियों व कैदियों के लिए भी राहत की खबर है। उन्हें दूरस्थ स्थानों से अपने जिले में भेजा जाएगा। इसमें महिला बंदी भी शामिल रहेंगी। सीएमओ हर हफ्ते डॉक्टर्स का पैनल जांच के लिए भेजेंगे जिससे यदि अधिक उम्र के बंदियों कों बेहतर इलाज की आवश्यकता हो तो कोताही न की जा सके। जेलमंत्री का कहना था कि जेलों के बाहर अब महिलाओं के लिए अलग से टॉयलेट की व्यवस्था होगी ताकि दूर दराज से मुलाकात करने आने वाली महिलाओं को दिक्कत न हो।