- बीएड एडमिशन में इस साल गिरी है कैंडीडेट्स की संख्या

-काउंसलिंग में नहीं शामिल हो रहे हैं स्टूडेंट्स, कॉलेज मैनेजमेंट की बढ़ी चिंता

VARANASI

बीएड कॉलेजेज में इस साल आधे से अधिक सीटें खाली रहने की पूरी संभावना देखी जा रही है। एडमिशन के लिए काउंसलिंग अंतिम दौर में है, लेकिन जिस रफ्तार से बीएड की काउंसलिंग चल रही है। उसे देखकर तो यही लगता है कि इस बार भी सीटें खाली रह जाएंगी। कम से कम महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ सेंटर पर हो रही काउंसलिंग वाले कॉलेजेज की हालत बहुत अच्छी नहीं है। यहां जितने कैंडीडेट्स को बीएड काउंसलिंग में शामिल होना था, उसमें से अभी तक करीब भ्0 से म्0 परसेंट कैंडीडेट्स काउंसलिंग में शामिल नहीं हुए या फिर च्वाइस भरने के बाद कॉलेज एलॉट नहीं कराया है। बहरहाल यूनिवर्सिटीज और आसपास के कॉलेजेज में तो बीएड की सीटें लगभग भर गई हैं, लेकिन दूसरे डिस्ट्रिक्ट के कॉलेजेज की हालात काफी खराब है। जिससे कॉलेजेज पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

आधे से भी कम आ रहे काउंसलिंग में

काशी विद्यापीठ स्थित काउंसलिंग सेंटर पर बनारस सहित आसपास के क्क्भ् कॉलेजेज के लिए एडमिशन प्रॉसेस चल रहा है। इनमें लगभग क्क्,भ्00 से लेकर क्ख्,000 सीट है। इन सीटों पर एडमिशन के लिए प्रॉसेस स्टार्ट होने के साथ ही कॉलेज मैनेजमेंट को सीटें भरने को लेकर चिंता साफ दिखने लगी है। इसका सबसे बड़ा कारण इस साल बीएड एंट्रेंस एग्जाम में पिछले साल की तुलना में काफी कम कैंडीडेट्स का शामिल होना है। रही सही कसर काउंसलिंग ने पूरा कर दी है। काउंसलिंग में कॉल के बावजूद कैंडीडेट्स अपीयर नहीं हो रहे हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक अभी तक भ्0 परसेंट से भी कम सीट भरी है। जबकि लास्ट ईयर स्थिति इतनी खराब नहीं थी।

सीटें बढ़ीं, पर कैंडीडेट्स कम

कॉलेज मैनेजमेंट के आवेदन पर इस साल कुछ बीएड कॉलेजेज में जहां सीट बढ़ गयी है तो कुछ नये कॉलेजेज ने मान्यता ले लिया है। लेकिन कैंडीडेट्स की संख्या कोई इजाफा नहीं हुआ है। एंट्रेंस एग्जाम पास करने के बाद भी काउंसलिंग में जितना क्राउड होना चाहिए नहीं है। काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी स्थित काउंसलिंग सेंटर के कोआर्डिनेटर डॉ। चतुर्भुज नाथ तिवारी ने बताया कि पिछले साल स्टेट के बीएड कॉलेजेज में भ्0 हजार सीटें खाली रह गई थीं। काउंसलिंग के दौरान सीटें न भरने के बाद शासन ने कॉलेज मैनेजमेंट को एडमिशन एग्जाम की मेरिट के आधार पर एडमिशन दिए जाने की छूट दे दी थी। जिससे कुछ कॉलेजेज में एडमिशन हो गए थे। पर इस बार तो काउंसलिंग में कॉल के बावजूद कैंडीडेट नहीं पहुंच रहे हैं। इसका असर साफ तौर पर काउंसलिंग सेंटर में देखा जा सकता है। यहां तक कि जिन स्टूडेंट्स को मनपसंद कॉलेज नहीं मिला, वह काउंसलिंग से पीछे हट रहे हैं।

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सर्वर ने हद कर दी

काशी विद्यापीठ स्थित काउंसलिंग सेंटर पर बुधवार को सर्वर ने कैंडीडेट्स को रुला दिया। आलम यह कि कई घंटे तक सर्वर डिस्टर्ब रहा। कनेक्ट और डिस्कनेक्ट के चक्कर में दूर दराज से आये कैंडीडेट्स झेल गए। साथ ही भीषण गर्मी में इनके गार्जियंस को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान क्फ्फ्भ् स्टूडेंट्स काउंसलिंग के लिए एलॉट हुए थे जिनमें भ्भ्म् ने टोकन लिया और भ्फ्क् ने रजिस्ट्रेशन कराया। इस तरह काउंसलिंग के लिए फ्9.78 परसेंट ही अपीयर हुए।