-कोरोना संक्रमित मरीज के ठीक होने के मामले में प्रदेश में दूसरे स्थान

-आठ मरीज जीत चुके हैं कोरोना से जंग

विनोद शर्मा

बनारस में बढ़ते कोरोना के मामलों से सबको चिंता है लेकिन संक्रमित मरीजों की ठीक होने की संख्या राहत भी दे रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला बनारस 21 में मार्च को आया। दुबई से आए युवक में कोरोना की पुष्टि होते ही प्रशासन अलर्ट हो गया। इसके बाद एक या दो करते-करते कोरोना की संख्या बढ़ने लगी। बीएचयू और डीडीयू हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज सीमित संसाधनों के साथ शुरू हुआ। शहर के डॉक्टरों ने बहुत कम संसाधनों में वह कर दिखाया, जो किसी ने सोचा नहीं था। 21 अप्रैल को वाराणसी के आठ समेत कुल 11 कोरोना पेशेंट को स्वस्थ कर डिस्जार्च किया गया, जो रिकार्ड के साथ जिले के लिए राहत देने वाली खबर है। 23 अप्रैल तक वाराणसी जिले की कोविड-19 से रिकवरी रेट 42 प्रतिशत के साथ प्रदेश में दूसरे नंबर पर है, जबकि 53 प्रतिशत के साथ ग्रेटर नोएडा टॉप पर है। वहीं, देश की बात करें तो केरल का रिकवरी रेट सबसे अच्छा है।

अब तक एक ही मौत

जहां कोरोना से देशभर में लोगों की मौत हो रही है, वहीं जिले में अब तक सिर्फ एक ही मौत हुई है। वह भी मौत के बाद पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव था। गंगापुर निवासी कपड़ा व्यवसायी डॉयबिटिज का मरीज था। तबीयत खराब होने पर बीएचयू के आईसीयू में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के अनुसार अगर पूर्व में जानकारी हो जाती तो कपड़ा व्यवसायी को भी बचाया जा सकता था। उसकी पत्‍‌नी को ठीक कर घर भेजा गया है। इसके अलावा जौनपुर-गाजीपुर के दो सीनियर सिटीजन भी स्वस्थ होकर घर गए हैं। हाइपरटेंशन और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से ग्रसित संक्रमित बुजुगरें को भी ठीक कर दिया।

जगह और इम्युनिटी पर ज्यादा निर्भर

डीडीयू आइसोलेशन वॉर्ड प्रभारी ने बताया कि कोरोना अन्य बीमारियों से अलग है। वायरस से लड़ने में रोग प्रतिरोधक क्षमता अहम होती है। अभी तक इसकी कोई दवाई या वैक्सीन नहीं है। इसके साथ ही संक्रमण में शहर, व्यक्ति, समय बहुत मायने रखता है। सबसे पहली कोशिश बचाव की है। मान लीजिए कोई लक्षण दिख रहे हैं तो तत्काल कोरोना टेस्ट करवाएं। घबराएं बिलकुल नहीं, लोगों से दूरी बनाकर रखें। खुश रहें, गर्म पानी पीते रहें।

हर 30वां सैम्पल पॉजिटिव

यूपी के प्रत्येक 30वें सैम्पल में कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। लगातार जांचों की संख्या बढ़ने से अधिक से अधिक मरीजों की पहचान आसान हो गई है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अधिक से अधिक लोगों की जांच कर बीमारी को शुरुआत में पकड़ने में मदद मिल रही है। क्योंकि 75 प्रतिशत से अधिक ऐसे लोग हैं जिनमें कोरोना के कोई भी लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। इसलिए चुनौती और बढ़ गई है। जल्द ही प्रदेश में 11 और प्रयोगशाला में कोरोना जांच की सुविधा बढ़ाई जाएगी।

शहर, पॉजिटिव, स्वस्थ, मौत, प्रतिशत

नोएडा 103 54 0 53त्‍‌न

वाराणसी 19 8 1 42त्‍‌न

गाजियाबाद 52 15 0 30त्‍‌न

आगरा 335 32 6 8त्‍‌न

कानपुर 107 7 3 7त्‍‌न

लखनऊ 187 11 1 6त्‍‌न

यह आंकड़े 23 अप्रैल तक के हैं।

वर्जन

वाराणसी में रिकवरी रेट बहुत अच्छा है। इसका पूरा श्रेय हमारे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को जाता है। प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के साथ हरसंभव सहयोग के लिए तत्पर है। कोशिश और उम्मीद यही है कि जिला बहुत जल्द कोरोना वायरस को हराए।

- कौशल राज शर्मा, डीएम