वाराणसी (ब्यूरो)हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के जिम्मेदार एकेडमिक कैलेंडर को लेकर कितने गंभीर हैं, ये अब कॉलेजेस में दिखने लगा हैबिना किसी ठोस प्लान के सीयूईटी के तहत एडमिशन प्रॉसेस शुरू कराने से हर साल की तरह इस बार भी यूजी, पीजी की क्लास एकेडमिक कैलेंडर से काफी पीछे हो गया हैआधा से ज्यादा सितंबर माह भी निकल गया है, लेकिन बीएचयू व इससे एफिलेटेड किसी भी कॉलेज में अब तक प्रवेश प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो सकी हैबीएचयू प्रशासन की ओर से पिछले माह कहा गया था कि अगस्त अंत तक एडमिशन प्रॉसेस पूरे होने के बाद सितंबर से क्लास स्टार्ट हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सकाबीएचयू की उदासीनता के कारण काफी कुछ बिगड़ गया हैअब समस्या ये है कि जब तक एडमिशन पूरे नहीं हो जाते, तब तक किसी भी परिस्थिति में पढ़ाई शुरू नहीं हो सकतीइधर एडमिशन में लगातार हो रही देरी और बर्बाद हो रही पढ़ाई को लेकर स्टूडेंस की टेंशन भी बढ़ती जा रही है

समस्या है बरकरार

यूजी, पीजी में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट््स का कहना है कि जबसे सीयूईटी से एग्जाम्स हो रहे हैं तबसे इस तरह की समस्या शुरू हुई है जो खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैसमय से पढ़ाई शुरू नहीं होने से उनका काफी नुकसान हो रहा हैइसकी फिक्र न तो बीएचयू के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन को है और न ही शासन कोइन सबका खामियाजा सीधे तौर पर स्टूडेंट्स और टीचर्स को उठाना पड़ रहा है.

धरना का भी असर नहीं

बता दें कि दो सप्ताह पूर्व बीएचयू में शोध प्रवेश प्रक्रिया के साथ ही यूजी और पीजी प्रवेश में हो रही देरी पर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा थाएबीवीपी की बीएचयू इकाई की अगुवाई में स्टूडेंट्स ने परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया थाकाफी देर चले प्रदर्शन के बाद परीक्षा नियंत्रक प्रोएनके मिश्रा ने छात्रों को आश्वासन दिया कि 6 सितंबर तक शोध प्रवेश बुलेटिन जारी कर दी जाएगीछात्रों ने कहा कि सीयूईटी यूजी और पीजी प्रवेश में देरी के चलते बीएचयू में पढऩे के इच्छुक छात्रों का भविष्य अधर में लटका हैएनटीए की तरफ से शोध प्रवेश परीक्षा की अधिसूचना 9 अगस्त को जारी की गई थीतीन सप्ताह बीतने के बाद भी बीएचयू की तरफ से बुलेटिन जारी नहीं किया गयाएबीवीपी के बीएचयू इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि शोध प्रवेश एवं यूजी पीजी प्रवेश प्रक्रिया में लगातार लापरवाही हो रही हैदेश के अन्य विवि में प्रवेश प्रक्रिया के बाद कक्षाएं शुरू कर रहे हैं, मगर बीएचयू में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर संशय बना हुआ है

बीएचयू की नाकामी स्टूडेंट्स की बढ़ी परेशानी

बीएचयू एडमिशन डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स का कहना है कि रिसोर्स की कमी की वजह से एडमिशन में लेट हो रहा हैपुराने सॉफ्टवेयर वाली जो कंपनी थी, वो बदल दी गई हैजिसके कारण साफ्टवेयर बदला गया है और ये काम भी एैन वक्त पर हुआ हैइसी चलते काम करने और फीस एडजस्टमेंट में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैअगर एडमिशन से शुरू होने से पहले साल के शुरुआत में सॉफ्टवेयर कंपनी हायर कर ली गई होती तो शायद ऐसी नौबत नहीं आतीकिसी भी नए सॉफ्टवेयर को बनाने और टेस्टिंग मोड से प्रॉसेस में आने में ही चार से पांच माह लगते हैइसलिए एडमिशन में लेट हो रहा हैयही नहीं सॉफ्टवेयर बनाने के लिए जिस कंपनी को रखा गया है उनका रिसोर्स कम हैजहां पांच लोगों की जरूरत है वहां सिर्फ दो व्यक्ति काम कर रहे हैऐसे में लेट होना स्वाभाविक हैअगर पांच लोग होते तो सारे एडमिशन जुलाई अगस्त तक पूरे हो चुके होते

एफिलेटेड कॉलेज भी परेशान

बीएचयू की ओर से अभी 2024 का एकेडमिक कैलेंडर तक जारी नहीं किया गया हैये भी बीएचयू प्रशासन की बड़ी लापरवाही को उजागर करती हैइसके चलते इससे संबद्ध कॉलेजेस भी परेशान हैमहिला महाविद्यालय-बीएचयू, वसंता कॉलेज फॉर वीमेन, वसंत कन्या महिला महाविद्यालय, आर्य महिला महाविद्यालय और डीएवी कॉलेज में अभी तक एक भी छात्रा का एडमिशन नहीं हो पाया हैइन दिनों टीचर्स पर पुराने स्टूडेंट्स का एग्जाम कराने और नए स्टूडेंट्स का एडमिशन होने के बाद क्लास शुरू कराकर कोर्स पूरा कराने का प्रेशर भी है

छात्राओं के लिस्ट का है इंतजार

बीएकेएम की प्रिंसिपल प्रोरचना श्रीवास्तव की माने तो वे इस इंतजार में है कि जल्द से जल्द एडमिशन प्रॉसेस पूरी हो तो कॉलेज में पढ़ाई शुरू कराए, लेकिन ऐसा हो नहंी पा रहा हैजब तक बीएचयू उन्हें छात्राओं का लिस्ट नहीं भेजेगा, तब तक वे चाहकर भी कुछ नहीं कर सकतीजब बीएचयू खुद इंट्रेंस एग्जाम कराता था तब जुलाई तक सारे एडमिशन और अगस्त तक क्लासेस स्टार्ट हो जाते थेअब पूरा सेड्यूल ही गड़बड़ हो गया हैदेर से क्लास शुरू होने से 90 दिन के सेमेस्टर का कोर्स पूरी कराना टीचर और स्टूडेंट्स दोनों के लिए चैलेंजिंग हो गया हैचाहे जितनी भी छुट्टियां खत्म कर ली जाए लेकिन परेशानी कम होनी मुश्किल है

अक्टूबर से शुरू हो सकती है क्लास

डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स की मानें तो अंडर ग्रेजुएट में 8300 सीट्स में करीब 96 परसेंट सीटों पर एडमिशन हो गए हैंअभी करीब 600 सीट खाली हैहो सकता है ये सीटें भी न भर पाएवहीं पीजी में 95 सीटे भर गई हैइसमें लगभग एडमिशन हो चुके है, हो सकता अब मॉपअप राउंड भी न होऐसे में यह कहा जा सकता है कि अगले माह से क्लासेस शुरू हो जाएंगे.

यूजी में कॉम्बिनेशन अलॉटमेंट का काम चल रहा हैजिनका कॉम्बिनेशन नहीं है उनका फीस एडजेस्टमेंट का काम हो रहा हैपीजी में लगभग एडमिशन हो चुका हैकुछ सीटें बची हैं तो उसे मॉपअप राउंड में ले जाएंगेहालांकि हो सकता है ऐसा न भी होजल्द ही एडमिशन पूरे हो जाएंगे, ताकि अक्टूबर से क्लास शुरू हो जाए.

डॉराजेश कुमार, एडमिशन डिपार्टमेंट