-BHU व क्योटो यूनिवर्सिटी के बीच शैक्षणिक समझौते पर हस्ताक्षर

-दोनों संस्थाएं मिल कर बुनेंगी काशी के विकास का ताना बाना

VARANASI@inext.co.in

VARANASI: क्योटो की तर्ज पर काशी को डेवलप करने की दिशा में बीएचयू और क्योटो यूनिवर्सिटी ने पहल की है। जी हां, इस पहल को सकारात्मक आधार देते हुए बीएचयू के सेंटर फॉर एनवायरमेंट एण्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट और क्योटो यूनिवर्सिटीज ग्रेजुएट स्कूल ऑफ ग्लोबल एनवायर्नमेंटल स्टडीज के बीच एक एमओयू पर सिग्नेचर हुआ है। जिसमें काशी के मूल स्वरूप को बदले बिना इसे विकसित किया जायेगा। काशी की स्थिति में सुधार के लिए 'सिटीजन फोरम की अहम भूमिका होगी। यह मंच इस शहर की ऐतिहासिकता, धार्मिकता, आर्थिक, सामाजिक और पौराणिकता को नवीन आधार देगा। शुक्रवार को सेंट्रल ऑफिस के कमेटी हॉल में बीएचयू के प्रो। एएस रघुवंशी और क्योटो यूनिवर्सिटी के प्रो। राजीव शॉ ने मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीएचयू के सेंट्रल ऑफिस कार्यालय में आयोजित समारोह में रजिस्ट्रार डॉ। केपी उपाध्याय व क्योटो यूनिवर्सिटी के प्रो। सिजियो फुजी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

रिसर्च के केन्द्र में होगी काशी

उन्होंने मीडियाकर्मियों को एमओयू के मूल बातों से अवगत कराया। कहा कि रिसर्च के केन्द्र में काशी की बेहतरी, जिसमें गवर्नेस, टेक्नोलॉजी, डिजास्टर मैनेजमेंट, सीवेज मैनेजमेंट, लोकल डिजास्टर आदि चीजें होंगी। स्मूद ट्रैफिक पर भी नजर रहेगी। बताया कि क्योटो यूनिवर्सिटी ने रिसर्च के लिए छात्रा नेहा साहू को नामित किया है। रिसर्च पहली अप्रैल से शुरू हो जाएगा। बताया कि समझौते के तहत क्योटो व बीएचयू से टीचर्स व स्टूडेंट्स रिसर्च के लिए आएंगे-जाएंगे। इस बाबत संयुक्त रूप से दोनों ही शिक्षण संस्थाएं डुएल डिग्री कोर्स भी संचालित करेंगी।