वाराणसी (ब्यूरो)। ज्ञान की राजधानी कही जाने वाली काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की प्रशासनिक कमजोरी उजागर होती नजर आ रही है। पिछले तीन महीनों में 16 मामले ऐसे आए हैं, जिससे बीएचयू बार-बार सुलगता नजर आ रहा है। पिछले दो-तीन दिनों में जिस तरह मारपीट की घटनाएं सरेआम हो रही हैैं, उसे देखते हुए प्रशासनिक दावे धरातल पर दिख रहे हैैं। जहां 29 मार्च को बिड़ला हास्टल में छात्रों के दो गुटों के बीच मारपीट का मामला सामने आया था, जिसके बाद परिसर में पुलिस फोर्स तैनात हो गई थी। वहीं 31 मार्च को बीएचयू में फिजिकल एजुकेशन और बिड़ला हॉस्टल के छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई, जिसके बाद प्रशासन ने मौके पर पुलिस बुलाकर मामले को शांत कराया।
तीन महीने में बीएचयू में विवादों के कुछ प्रमुख कारण
1. बीएचयू में नियुक्ति के 55 दिन बाद कुलपति प्रो। सुधीर के जैन ने कार्यभार संभाला, इस बीच उनके गुमशुदगी के पोस्टर भी लगा दिए गए थे.
2. 8 जनवरी को बीएचयू अस्पताल में एक नर्सिंग स्टाफ के साथ पिटाई का मामला सामने आया, जिसका आरोप एमएस प्रो। केके गुप्ता पर लगाया गया था। इसके बाद लगभग 10 दिनों तक नर्सिंग स्टाफों ने धरना देकर बीएचयू प्रशासन से एमएस के बर्खास्तगी की मांग की थी.
3. 10 जनवरी को बीएचयू के छात्रावासों में आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन किया। छात्रों ने ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू न करने के विरोध में नारेबाजी भी की थी.
4. 13 जनवरी के दिन बीएचयू में विधि संकाय में रहने वाली नेपाली छात्रा इंटरनेशनल गल्र्स हॉस्टल में कमरा नहीं मिलने पर वीसी आवास पर धरने पर बैठ गई थी.
5. 21 जनवरी को बीएचयू में कृषि विज्ञान संकाय में फीस वृद्धि, संस्कृत विद्या धर्म में शास्त्री वाली डिग्री व अन्य मांगों को लेकर विद्यार्थी परिषद ने केंद्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन किया था.
6. 25 जनवरी को बीएचयू परिसर स्थित गांधी आश्रम को बंद किए जाने के विरोध में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने संपदा अधिकारी को पत्र लिखकर आश्रम खुलवाने की मांग की.
7. 31 जनवरी को बीएचयू में केंद्र सरकार पर किसानों के साथ वादाखिलाफी के आरोप में छात्र संगठनों ने प्रदर्शन कर विश्वासघात दिवस मनाया.
8. 5 फरवरी को बीएचयू के दृश्य एवं कला संकाय विभाग में भगवान राम के चित्र पर खुद का चेहरा लगाने के विवाद ने तूल पकड़ा था। फोटो जिस प्रदर्शनी में लगाई गई थी, उसका शुभारंभ वीसी प्रो। सुधीर के जैन ने किया था.
9. 20 फरवरी को बीएचयू में ऑनलाइन क्लास चलाए जाने को लेकर वीसी आवास पर छात्रों ने धरना प्रदर्शन किया था.
10. 23 फरवरी को बीएचयू में हाईब्रिड कक्षाओं की मांग को लेकर छात्रों और सुरक्षाकर्मियों में भिड़ंत हो गई थी.
11. 1 मार्च से बीएचयू अस्पताल में जांच की फीस बढ़ाए जाने पर आईआईएम के निदेशक और छात्र नेताओं के बीच तीखी बहस हुई थी। आंदोलन की चेतावनी के बाद फीस की बढोतरी वापस ली गई थी.
12. 12 मार्च को बीएचयू के छात्रावास में शुल्क बढ़ाने के विरोध में एबीवीपी के सदस्यों ने धरना दिया था.
13. 24 मार्च को बीएचयू के अस्पताल में एक बाउंसर ने छात्र की पिटाई कर दी थी। इस मामले को लेकर छात्रों ने बीएचयू के मेन गेट को बंद कर दिया था.
14. 29 मार्च को बिड़ला हास्टल में छात्रों के दो गुटों के बीच मारपीट का मामला सामने आया था, जिसके बाद परिसर में पुलिस फोर्स तैनात हो गई थी.
15. 31 मार्च को बीएचयू में फिजिकल एजुकेशन और बिड़ला हॉस्टल के छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई, जिसके बाद प्रशासन ने मौके पर पुलिस बुलाकर मामले को शांत कराया.
16. 1 अप्रैल को बीएचयू में लाल बहादुर छात्रावास के छात्रों ने वार्डन के खिलाफ आक्रोश जताते हुए धरना प्रदर्शन किया। छात्रों ने वार्डन पर तानाशाही प्रवृति वाली रवैया अपनाने का आरोप लगाया.
अन्य मामले, जो विवाद का कारण बने
बीएचयू में कई और ऐसे छिटपुट मामले हैं, जो विवाद का कारण बना। इन मामले में छात्रा के साथ छेड़खानी और एक छात्र के साथ रैगिंग का मामला भी पिछले तीन महीनों के भीतर आया था। इतना ही नहीं, बीएचयू के अस्पताल में भी आए दिन लोगों के साथ अभद्रता करने का मामला सामने आता है, लेकिन रसूख वाला विवि होने के कारण मामले को मौके पर ही रफा-दफा कर दिया गया था। बीएचयू में होने वाले मामले में स्थानीय थाना लंका तक मामले दर्ज करने से पहले सामंजस्य बनाने की बात कही जाती है.
छात्रों ने वार्डन पर तानाशाही का लगाया आरोप
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में गुरुवार की रात जहां छात्रों के दो गुटों में जमकर पथराव हुआ, वहीं शुक्रवार सुबह से लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के कला संकाय के छात्र हॉस्टल के बाहर धरना पर बैठ गए। उनकी मांग है कि उनके हॉस्टल वार्डन को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए, क्योंकि वो लगातार उनका उत्पीडऩ कर रहे हैं और छात्रावास आवंटन के बाद भी छात्रों को रूम देने में आनाकानी करते हैं। छात्रों के अनुसार उनकी कला संकाय प्रमुख से मांग है कि लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के प्रशासनिक संरक्षक (वार्डन) अनिल कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त किया जाए.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय प्रशासन का निरंतर प्रयास रहता है कि परिसर में शांति बनी रहे। पठन-पाठन गतिविधियों में कोई बाधा न आए और विद्यार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके लिए विश्वविद्यालय का सुरक्षा तंत्र हर दिन 24 घंटे मुस्तैद रहता है तथा विश्वविद्यालय परिसर में अनुशासन का वातावरण सुनिश्चित करता है। जब कभी कोई घटनाक्रम सामने आता है तो विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी सक्रियता व मजबूती के साथ व्यवस्था बनाए रखता है.
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डॉ। राजेश सिंह, जनसंपर्क अधिकारी