वाराणसी (ब्यूरो)शहर में एक ऐसा विद्यालय है, जहां 12 हजार से अधिक स्टूडेंट्स पढ़ते हैं, जिसमें करीब छह हजार बच्चे साइकिल से ही स्कूल आते हैंयह विद्यालय का नाम विकास इंटर कालेज है, जो परमानंदपुर में हैचेयरमैन डाएके सिंह बताते हैं कि सेहत और पर्यावरण के लिए साइक्लिंग बहुत जरूरी हैशहर की आबोहवा शुद्ध रखने के उद्देश्य से ही अपने स्कूल में बाइक या स्कूटी से आना सख्त मना हैसिर्फ साइक्लिंग या स्कूल बस से ही आना अनिवार्य हैइसमें अभिभावकों का भी सहयोग सराहनीय हैसमय-समय पर पर्यावरण जागरूकता रैली भी निकाली जाती है, जिसमें मैं खुद ही साइकिल से बच्चों के साथ क्षेत्र में भ्रमण करता हूंदैनिक जागरण आईनेक्स्ट बाइकथॉन इवेंट शानदार हैइसमें कई बार शामिल होने का मौका मिला हैइस बार भी प्रयास है कि बच्चों के साथ खुद भी इस इवेंट का हिस्सा बनूं.

साइकिल से स्कूल आना अच्छा लगता हैस्कूल में अधिकतर बच्चे साइकिल से ही आते हैंइससे मेरे पैरेंट्स काफी प्रभावित हुएयही देखकर मेरा एडमिशन इसी स्कूल में कराया.

आयुष पटेल, स्टूडेंट

बचपन से ही साइकिल चलाना अच्छा लगता हैस्कूल में जब एडमिशन लिया तो यहां सभी को साइकिल से आते देखकर मुझे काफी मोटिवेशन मिला.

राजवर्धन मौर्या, स्टूडेंट