तमाम शंकाओं और संभावनाओं को खारिज करते हुए आखिरकार गंगा के तटवर्ती इलाके शहर दक्षिणी में कमल का फूल खिल ही गया। भारतीय जनता पार्टी के डॉ। नीलकंठ तिवारी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस-सपा गठबंधन के प्रत्याशी पूर्व सांसद डॉ। राजेश मिश्रा को 17,226 वोटों के अंतर से पराजित कर भगवा फहरा दिया। नीलकंठ को 92,560 व डॉ, राजेश मिश्रा को 75,334 वोट मिले। तीसरे स्थान पर अप्रत्याशित हार का सामना करने वाले बहुजन समाज पार्टी के राकेश त्रिपाठी रहे। उन्हें 5,922 वोट मिले। बीजेपी के इस जीत के बाद उन तमाम लोगों के मुंह पर ताला लग गया जो इस सीट को सात बार के सिटिंग विधायक श्यामदेव राय चौधरी का टिकट कटने के बाद हारा हुआ मान रहे थे। नीलकंठ तिवारी को बीजेपी ने जब टिकट दिया तो तब उनके 'नये' होने को लेकर तमाम सवाल उठे लेकिन पीएम नरेन्द्र मोदी इफेक्ट ने उनके तमाम माइनस पॉइंट्स को प्लस में बदल कर उनके सिर जीत का सेहरा बांध दिया। हालांकि नीलकंठ के लिए यह जीत उतनी आसान नहीं रही। शुरुआती चरणों की काउंटिंग में वे अच्छी बढ़त में दिखे। मध्य तक वे आगे ही चल रहे थे। पर काउंटिंग के अंतिम चरणों में डॉ। राजेश मिश्रा ने तेजी से आगे बढ़ते हुए उन्हें तकरीबन हजार वोट से पीछे कर दिया। तब यह लगा कि यह बढ़त बरकरार रहने वाला है। लेकिन थोड़ी ही देर बाद सिनेरियो चेंज हुआ और नीलकंठ तेजी से आगे बढ़े और अंतर को 15 हजार के ऊपर ले गये। जो अंत तक कायम रहा। डॉ। राजेश मिश्रा के लिए यह हार अन्य प्रत्याशियों की तुलना में बड़ी रही क्योंकि इस हार ने उनके राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

शहर दक्षिणी विधानसभा

डॉ, नीलकंठ तिवारी (बीजेपी) 92,560

डॉ। राजेश मिश्रा (कांग्रेस सपा)75,334

राकेश त्रिपाठी (बसपा) 5,922

सतीश कुमार अग्रहरि (निर्दल) 844

डॉ। नीलकंठ तिवारी

17,226

वोटों के अंतर से विजयी हुए