- मोदी इफेक्ट के चलते इस बार सभी सीटों पर भाजपा ने रच दिया स्वर्णिम इतिहास

- 2012 में बनारस की आठ में से पांच विधानसभा में भाजपा थी तीसरे से छठे स्थान पर

वाराणसी

बनारस शहर की तीन सीटों सहित जिले की हद में आने वाली कुल आठ सीटों पर शनिवार को ऐतिहासिक जीत हासिल कर भाजपा ने काशी को केसरिया रंग में रंग ही दिया। यह सब किसी करिश्मे से कम नहीं। 2012 के विधानसभा आम चुनाव से तुलना की जाए तो शहर के तीन सीटों को छोड़ अन्य सभी सीटों पर भाजपा ने करिश्माई प्रदर्शन किया है। वह भी इतने अंडर करंट के साथ कि किसी को भनक तक न लगी। खुद जनता भी बनारस और प्रदेश में भाजपा के प्रदर्शन से हैरान है। पार्टी के लोगों को भी यकीन नहीं हो रहा है कि उन्होंने प्रदेश में 300 प्लस का मैजिक फीगर टच ही नहीं किया, क्रॉस कर लिया है।

मोदी की प्रतिष्ठा थी जुड़ी

बनारस के रिजल्ट पर पूरे देश की नजर थी। वजह थी यहां से नरेन्द्र मोदी का सांसद चुना जाना और उनका प्रधानमंत्री। यहां सीटें हारने का मतलब था, विपक्ष के सामने बड़ी बेइज्जती। लिहाजा खुद मोदी ने यहां तीन दिन पूरा समय देकर माहौल को अपने पक्ष में करने, भाजपा की लहर का एहसास दिलाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद की सभी नीतियों पर काम किया। नतीजा सामने है। पार्टी और गठबंधन के प्रत्याशियों ने सभी की सभी आठ सीटों पर शानदार जीत हासिल की है।

सभी प्रत्याशी जीते जबरदस्त

बीजेपी ने वाराणसी में सभी सीटों पर न सिर्फ जीत हासिल की बल्कि शानदार और जबरदस्त तरीके से हासिल की। सिर्फ दक्षिणी ही ऐसी सीट थी जहां कुछ संघर्ष नजर आया। लेकिन कैंट, उत्तरी, रोहनिया, शिवपुर, पिंडरा, सेवापुरी और अजगरा में प्रत्याशियों ने एकतरफा प्रदर्शन किया। शुरूआत में जो लीड हासिल की वह अंत तक कहीं रुकी नहीं। नतीजा, सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों को 17 हजार से लेकर 61 हजार तक के अंतर से हराया है।

सिर चढ़ कर बोला मोदी इफेक्ट

इस बार के चुनाव में मतगणना के बाद भी ये क्लीयर हो गया कि सभी विधानसभा में लड़ाई प्रत्याशी नहीं बल्कि पार्टियों के बीच हो रही थी। एक तरफ गठबंधन के रूप में सपा और कांग्रेस, दूसरी तरफ बसपा और तीसरी ओर मोदी इफेक्ट के साथ भाजपा और गठबंधन के प्रत्याशी मैदान में थे। छह सीटों पर भाजपा खुद लड़ी जबकि अजगरा की सीट सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और सेवापुरी की सीट अपना दल के साथ गठबंधन में लड़ी। ये सीटें भी भाजपा के खाते में हैं। इसमें वाराणसी उत्तरी, दक्षिणी और कैंट छोड़ अन्य सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा 2012 में तीसरे, चौथे, पांचवें या फिर छठे स्थान पर थी। लेकिन ये मोदी इफेक्ट ही था कि एक झटके में सभी सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल कर इतिहास रच दिया।

2012 में भाजपा का प्रदर्शन

(पास्ट हिस्ट्री)

उत्तरी: पहला स्थान, वोट मिले 47,980

दक्षिणी: पहला स्थान, वोट मिले 57,868

कैंटोन्मेंट: पहला स्थान, वोट मिले 57,918

रोहनिया: चौथा स्थान, वोट मिले 18,412

शिवपुर: छठा स्थान, वोट मिले 12,431

पिण्डरा: पांचवां स्थान, वोट मिले 3,320

सेवापुरी: छठवां स्थान, वोट मिले 9811

अजगरा: तीसरा स्थान, वोट मिले 12,431