-इस बार पेश होने वाले आम बजट में ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में टैक्स कम होने की जगी आस

-पब्लिक भी एक्साइटेड, टैक्स कम होने के बाद रफ्तार पकड़ेगा यह व्यापार

VARANASI

जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार पेश होने वाले आम बजट को लेकर हर कोई एक्साइटेड है। आम आदमी सहित हर वर्ग के लोग यही अपेक्षा कर रहे हैं कि यह बजट जरूर राहत पहुंचाने वाला होगा। खास कर ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में तो लोगों को काफी उम्मीदें हैं। इस सेक्टर से जुड़े बिजनेसमैन सहित आम पब्लिक की चाह है कि मोटर-कार पर लगी 28 परसेंट जीएसटी की दर कम हो। बिजनेसमैन का मानना है कि टैक्स घटने के बाद यह सेक्टर और तेजी से रफ्तार पकड़ेगा।

टैक्स ने कम किया बिक्री का ग्राफ

ऑटोमोबाइल्स सेक्टर से जुड़े बिजनेसमेन का मानना है कि यदि गवर्नमेंट आगामी आम बजट में टैक्स की देयता कम करती है तो फिर यह मार्केट तेजी से बूम करेगा। कार खरीदने के बाद कस्टमर्स पचास हजार रुपये से अधिक एसेसरीज पर खर्च करता है, जिस पर भी 28 परसेंट जीएसटी लगा हुआ है। ऐसे में उस पर दोहरा भार पड़ रहा है। यही वजह है कि जीएसटी लागू होने के बाद कार या बाइक की बिक्री में काफी कमी आई है। एक तरह से कह सकते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद ऑटो मोबाइल्स सेक्टर का ग्राफ घटा है।

बजट को लेकर बुकिंग होल्ड

एक फरवरी को पेश हो रहे आम बजट को ध्यान में रखते हुए कस्टमर्स ने वाहनों की खरीद के लिए बुकिंग बंद करा दी है। कुछ ने तो यह भी आस लगा रखा है कि आम बजट पेश होने के बाद टैक्स में 15 परसेंट तक की छूट मिलना तय है। लिहाजा इधर एक पखवारे से लगभग सभी ऑटोमोबाइल्स में गाडि़यों की उठान बंद हो चुकी है। गाहे-बगाहे ही कस्टमर्स बाइक या कार की परचेजिंग के लिए पहुंच रहे हैं। सभी की निगाह वित्तमंत्री के बजट पर टिकी हुई है।

टैक्स में चुकाते हैं आधी कीमत

मार्केट में मौजूद तमाम खूबियों से लैस हाईटेक फोर व टू व्हीलर्स की बिक्री घटने के पीछे एक कारण यह भी है कि इनकी प्राइस इतनी हाई हो चुकी है कि आम पब्लिक चाहते हुए भी एफर्ड नहीं कर पा रही है। बाइक हो या फोर व्हीलर दोनों पर 28 से 30 परसेंट टैक्स लगता है। जिससे 50 हजार की बाइक करीब 70 व पांच लाख की फोर व्हीलर 8 लाख रुपए तक पहुंचत जाती है। जिससे अच्छी परचेजिंग नहीं हो पाती।

जीएसटी के बाद व्हीकल्स पर 28 परसेंट लगने वाला टैक्स कम होना चाहिए। कम से कम टैक्स 18 परसेंट होना चाहिए। यही वजह है कि कस्टमर्स बुकिंग होल्ड कराकर बजट का वेट कर रहे हैं।

रविश गुप्ता, ओनर

गणपति होण्डा

आम आदमी को राहत पहुंचाने वाला बजट होना चाहिए, टैक्ससेशन कम होना चाहिए। यदि कम नहीं हुआ तो फिर ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में कुछ खास बूम नहीं होने वाला।

राजीव, ओनर

एजीआर आटोमोबाइल्स

व्हीकल्स पर लगने वाला टैक्स कम हो जाए तो फिर समझ में आता है कि बजट खास रहा। मौजूदा समय में तो व्हीकल्स परचेजिंग के बाद एसेसरीज पर लग रहा टैक्स तो कस्टमर्स को दोहरा झटका दे रहा है।

मिश्रा ऑटोमोबाइल्स