वाराणसी (ब्यूरो)शासन की सख्ती के बाद बनारस में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कवायद शुरू कर दी गई हैवीडीए ने 217 नोटिस प्रकरणों पर सुनवाई कीइस दौरान 30 मामलों में संबंधित व्यक्तियों ने निर्माण के संबंध में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कियाइस पर वीडीए ने इन निर्माण को अवैध घोषित करते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का आदेश दियाबहुत जल्द ही अवैध निर्माण पर वीडीए का बुलडोजर गरजेगाइसके अलावा आवेदकों की ओर से 5 लाख का शमन शुल्क प्राधिकरण कोष में जमा कराया गयावीडीए की ओर से निर्गत उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनिमय-1973 की विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत नोटिस सुनवाई करते हुए मानचित्र निस्तारण एवं दाखिला के लिए समुचित निर्देश निर्माणकर्ताओं को दिया गयाइन मामलों पर विकास प्राधिकरण में आयोजित कैंप में सुनवाई हुईइस दौरान कुल 76 लोग ही उपस्थित हुए और 217 नोटिस प्रकरणों की सुनवाई की गई

30 प्रकरणों में दस्तावेज नहीं

30 प्रकरणों में निर्माणकर्ताओं ने निर्माण के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं दियाइसके चलते इन निर्माण के ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गयाविभिन्न आवेदकों की ओर से 5 लाख का शमन शुल्क प्राधिकरण कोष में जमा कराया गयासुनवाई के दौरान वार्ड के प्रभारी अधिकारी भवन, समस्त जोनल अधिकारी एवं क्षेत्रीय अवर अभियंता एवं संबंधित कार्मिक मौजूद थेवीडीए वीसी ईशा दुहन ने बताया कि अन्य साप्ताहिक दिवसों में नियत दिवस पर प्राधिकरण की ओर से नियत स्थलों पर वार्ड/जोनवार सुनवायी और मानचित्र निस्तारण कैम्प भी लगाया जाएगा.

फिर शुरू हो गया अवैध निर्माण

रक्षा संपदा की 160 एकड़ जमीन कैंट रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड, इंग्लिशियालाइन का कुछ हिस्सा, अंधरापुल, नदेसर में हैरक्षा संपदा ने करीब चार दशक पहले नगर निगम को जमीन देखभाल के लिए दिया था लेकिन समय के साथ कई अवैध निर्माण हो गएमंडलायुक्त दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में करीब दो साल पहले हुई बैठक में नगर निगम को रक्षा संपदा की जमीन की देखभाल करने को कहा गयासाथ ही वीडीए को उक्त जमीन पर अवैध निर्माण पूरी तरह से रोकने कोवीडीए वीसी ने अवैध निर्माण रोकने के लिए टीम गठित कर कार्रवाई की, लेकिन पिछले कुछ दिनों से फिर अवैध निर्माण तेजी से हो रहे हैंरक्षा संपदा की जमीन पर हाल में 10 से अधिक अवैध निर्माण तेजी से हो रहे हैंसिकरौल वार्ड के कर्मचारी अवैध निर्माण रोकने में पूरी तरह से फेल हैपूछने पर कहते हैं जब वीडीए नक्शा पास नहीं कर सकता है तो हम क्यों रोके.