वाराणसी (ब्यूरो)रविवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ कैंपस में स्थित आचार्य नरेंद्र देव हॉस्टल के स्टूडेंट का मिजाज और रूटीन को जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कैंपस लाइव किया। इसमें आचार्य नरेंद्र देव हॉस्टल के दर्जनभर से अधिक स्टूडेंट पढ़ाई में जुटे दिखे। कई हॉस्टल के कमरों से कूकर के सिटी आवाज भी आ रही थी। आंगन में लगे नल पर कोई चावल धो रहा था तो कई धूप में बैठकर सेमेस्टर एग्जाम की तैयारी में जुटा था। दर्जनभर से अधिक स्टूडेंट हॉस्टल के सामने ग्राउंड में क्रिकेट खेलते मिले।

पढ़ाकुओं का कमरा
काशी विद्यापीठ के आचार्य नरेंद्र देव हॉस्टल में रूम नंबर 13, 29, 28 और 42 को पढ़ाकुओं का कमरा कहते हैं। छात्रों से इसकी जानकारी मिलने के बाद टीम उधर पहुंची तो रूम नंबर-28 में दिव्यांश, 29 में नवीन, 42 में अमन और अनीश स्टडी करते मिले। हॉस्टल के आंगन में सेमेस्टर और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे मिले पीयूष, मोहित, अभिषेक और अनीश। भीम, सूरज और संगम सेमेस्टर एग्जाम में अच्छे माक्र्स की फिक्र में नजर आए।

भूख का इंतजाम भी
नरेंद्र देव हॉस्टल का मेस करीब एक वर्ष से अधिक समय से बंद है। काशी विद्यापीठ में पढ़ाई के लिए आने वाले स्टूडेंट्स में से सबसे अधिक ग्रामीण बैैकग्राउंड के होते हैैं। शशि ने बताया कि घर जाने पर स्टडी का रिदम बरकरार नहीं रहता है। लिहाजा, हॉस्टल में रहकर पढ़ाई पर फोकस किए हुए हैैं। साल भर से मेस बंद है तो खुद ही खाना बनाना पड़ता है। इसमें हमारे जैसे 50 से अधिक हॉस्टलर्स का समय नष्ट होता है। कई बार हॉस्टल एडमिन से मेस के लिए मिले, लेकिन, नतीजा सिफर रहा।

संडे को भी क्लास
संडे हो या मंडे एमए साइकोलॉजी के स्टूडेंट को फर्क नहीं पड़ता। रविवार को डॉ। मुकेश पंत एमए साइकोलॉजी के स्टूडेंट को ऑनलाइन पढ़ा रहे थे। हॉस्टल में कई स्टूडेंट खाना बनाने के साथ स्मार्टफोन पर क्लास अटेंड कर रहे थे।

खेल भी है जरूरी
नरेंद्र देव हॉस्टल के ठीक सामने एक बड़ा खेल ग्राउंड है। रविवार दोपहर में 10 से 15 स्टूडेंट्स क्रिकेट मैच की तैयारी में जुटे थे। राहुल ने बताया कि हफ्ते भर की ऑनलाइन क्लास और अन्य काम निबटाने के बाद रविवार को थोड़ी फुर्सत मिल पाती है। लिहाजा, संडे को 2 से 3 घंटे ग्राउंड में साथियों संग क्रिकेट खेलते हैैं।

आचार्य नरेंद्र देव हॉस्टल में मेस शुरू करवाने की मांग विवि प्रशासन को मिली है। इससे कुलपति को भी अवगत कराया गया है। जल्द ही मेस का टेंडर जारी कर व्यवस्था बहाल करने की कोशिश की जा रही है।
डॉ। निरंजन सहाय, चीफ प्रॉक्टर, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ