-सर्जिकल बौखलाए आतंकी बनारस में 39 जीटीसी और एयरफोर्स स्टेशन को बना सकते हैं निशाना

- आईबी के एलर्ट के बाद आर्मी इंटेलीजेंस हुई सतर्क, आने-जाने वालों पर रखी जा रही नजर

VARANASI (18 Oct)

पहले पठानकोट में एयरफोर्स कैंप, फिर उड़ी में आर्मी कैंप और हाल में बारामूला सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमला। आईबी की माने तो अब विभिन्न शहरों में स्थिति आर्मी या एयरफोर्स ट्रेनिंग सेंटर्स को आतंकी निशान पर रखे हुए हैं। इस लिस्ट में अपना बनारस को कैंटोन्मेंट भी है। यहां फ्9 गोरखा रेजीमेंट के ट्रेनिंग सेंटर के साथ एयरफोर्स का भर्ती केंद्र है। कैंटोन्मेंट अब वाराणसी कैंटोनमेंट आतंकियों के निशाने पर है। आईबी के इस एलर्ट के बाद पूरे कैंटोन्मेंट एरिया में आर्मी इंटेलीजेंस एक्टिव हो गयी है। आने-जाने वालों के साथ हर एक मूवमेंट पर बारीक नजर रखी जा रही है। पीएम नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के नाते भी इसे बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण

सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी ने एक अलर्ट जारी करते हुए होम मिनिस्ट्री को एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमे खासतौर से नार्थ इंडिया के कैंटोनमेंट एरिया पर आतंकी हमले की संभावना जताई गई है। इस लिस्ट में वाराणसी कैंटोनमेंट का भी जिक्र किया गया है। यहां गोरखा रेजिमेंट स्थित है और सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।

आत्मघाती होगा हमला

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक के पहले ही भारत में घुसपैठ कर चुके जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तोइबा के आतंकी कभी भी कैंटोन्मेंट को निशाना बना सकते हैं। इसके लिए आतंकी उड़ी और पठानकोट जैसी मोडस ऑपेरेंडी अपना सकते है, जिसमें उन्होंने रात के समय पठानकोट में एयरबेस पर और उड़ी में आर्मी कैंप पर हमला किया था। सूचना ये भी है कि हमले के लिए भारत में घुसपैठ करने वाले आतंकी फिदायीन दस्ते के सदस्य है जो कमांडो ट्रेनिंग लेकर आए हैं। ये अपने मरने से पहले ज्यादा से ज्यादा नुकसान करने की कोशिश करेंगे।

नदी के रास्ते घुस सकते हैं छावनी में!

नए साल पर पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में आतंकियों ने रावी नदी से घुसपैठ की थी। इससे पहले ख्0क्ब् में उड़ी में किए गए हमले में भी आतंकी नदी पार कर आए थे। हाल ही में हुए उड़ी हमले में आतंकी एक बार फिर नदी पार कर आए थे। वाराणसी में भी कैंटोन्मेंट के ठीक बगल से वरुणा नदी का गुजरना इस क्षेत्र को संवेदनशील बना रहा है जिसे लेकर खासी सतर्कता बरती जा रही है। इस क्षेत्र में दीवारों पर घुसपैठियों को देखते ही गोली मारने का मैसेज हिंदी, उर्दू और इंग्लिश में लिख दिया गया है।

सुरक्षा को लेकर चुनौतियां ज्यादा

- वाराणसी कैंटोन्मेंट इलाके की लोकेशन काफी संवेदनशील है।

- फ्9 जीटीसी चारों तरफ घनी आबादी से घिरा है तो सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है।

- नजदीक में शहर के सबसे बड़े होटल्स की भरमार है जहां देसी-विदेशी सैलानी हर वक्त मौजूद रहते हैं।

- इसी एरिया में डीएम, एसएसपी, आईजी के भी ऑफिस और कैंप ऑफिस मौजूद है।

देश भर में आतंकी हमले को लेकर है अलर्ट

आतंकी हमले की आशंका के चलते पहले ही देश में हाई अलर्ट जारी किया जा चुका है। देश के प्रमुझ शहरों में लश्कर और जैश के आतंकी भीड़-भाड़ वाले इलाकों, रेलवे स्टेशन, मॉल और मेट्रो में आतंकी हमले की घटना को अंजाम दे सकते हैं। वाराणसी इस मामले में भी संवेदनशील है। आने वाले दिनों में यहां कई बड़े मेले आयोजित होने हैं, जिस दौरान शहर में काफी भीड़भाड़ होगी और ऐसे में आतंकी 'लोन-वुल्फ' अटैक कर सकते हैं। इस तरह के हमले में आतंकी ग्रुप में आने के बजाय अकेले भीड़भाड़ वाली जगह पर हमला करते हैं।

नार्थ इंडिया की छावनियां निशाने पर

-पीओके में इंडियन आर्मी के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकी बौखलाए हुए हैं।

-सैयद सलाहउद्दीन ने भारत को धमकी भी दी कि वह और उसके साथी सैनिकों की कब्रगाह बना देंगे।

-आईएसआई ने अब आम लोगों की जगह आ‌र्म्ड फोर्सेज पर हमले की रणनीति बनाई है।

- इसी के तहत पठानकोट, उड़ी और बारामूला में फिदायीन अटैक किया गया।

-पठानकोट हमले से पहले उत्तर भारत से सभी एयरबेस की रेकी हो चुकी है।

-रेकी की पुष्टि मेरठ में पकडे गए आईएसआई एजेंट एजाज ने पूछताछ के दौरान की थी।

- एजाज ने एयरबेस की रेकी का वीडियो भी बनाया था।

आई नेक्स्ट पहले कर चुका है आगाह

उड़ी पर आतंकी हमले के बाद ही आईबी के एलर्ट को लेकर आई नेक्स्ट ने आगाह करने वाली खबर क् अक्टूबर ख्0क्म् को 'बनारस में हो सकता है पलटवार' हेडिंग से छापी थी। हालांकि उस वक्त ये स्पष्ट नहीं था कि आतंकी किस जगह को निशाना बनाना चाहते हैं। लेकिन आईबी के ताजा इंफार्मेशन के बाद कैंटोन्मेंट एरिया में सतर्कता बढ़ा दी गयी है।

कैंटोन्मेंट के आसपास के निवासियों को जागरूक करने की जरूरत है। ताकि किसी संदिग्ध के मूवमेंट को देखकर वे पुलिस को सूचना दें। आतंकी अचानक आकर हमला नहीं करते। वे कुछ समय आसपास इलाकों में रहकर रेकी करते हैं। इसलिए जनता के जागरूक रहने पर ही ऐसे हमलों को रोका जा सकता है।

- जयशंकर दुबे, रिटायर्ड कैप्टन, इंडियन आर्मी

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जितने भी अलर्ट या इनपुट मिले हैं उनके आधार पर सभी अधिकारियों को हाई अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है। हम खुफिया तंत्र को डेली मॉनीटर कर रहे हैं ताकि कहीं कोई चूक न होने पाए। हम हर हमले का जवाब देने को तैयार हैं।

- एसके भगत, आईजी जोन वाराणसी