- केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दशाश्वमेध और शीतला घाट पर किया वाई-फाई जोन का लोकार्पण

- बनारस के अन्य घाट भी जल्द होंगे वाई-फाई से लैस

VARANASI : दशाश्वमेध और शीतला घाट पर वाई-फाई जोन का लोकार्पण रविवार को केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किया। उन्होंने बनारस कैंट के प्रधान डाकघर में एटीएम का शुभारम्भ किया। साथ ही मीडिया से बात करते हुए देश को टेक्नॉलाजी के लैस करने के प्लैन के बारे में बताया। घाटों पर वाई-फाई जोन हाई-फाई हो रहे बनारस शहर के लिए गंभीर कदम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र को टेक्नालॉजी से लैस करना भी प्रमुख उद्देश्य है।

सभी घाटों पर होगा वाई-फाई जोन

घाटों पर वाई-फाई जोन का लोकार्पण करते हुए कहा कि गंगा की पौराणिक परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है। इंटरनेट के जरिए गंगा आरती को लोग घर बैठे भी देख सकेंगे। केन्द्र सरकार तकनीकी सुधारों के जरिये जन-जन तक पहुंच रही है। देश में इस वक्त 90 करोड़ मोबाइल यूजर और फ्0 करोड़ इंटरनेट यूजर है। वाई-फाई जोन के लोकार्पण के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश के प्रमुख पर्यटक स्थलों को वाई-फाई से लैस किया जाएगा। साथ ही क्0 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को वाई-फाई से लैस किया जाएगा। इनमें से 7म्0 पर्यटक स्थानों की पहचान कर ली गयी है। इसके अलावा नगर निगम, नगर पालिका को भी क्0 स्थान चयनित करने का सुझाव दिया गया है। जहां वाई-फाई लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि काशी की पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोने के लिए डॉ। राजेंद्र प्रसाद घाट, मानमंदिर घाट, त्रिपुरा भैरवी घाट, मीर घाट, ललिता घाट और मणिकर्णिका घाट को अगले तीन महीनो में वाई-फाई जोन कर दिया जाएगा। साल के अंत तक सभी घाट वाई-फाई जोन बन जाएंगे। सारनाथ को भी वाई-फाई से लैस किया जाएगा। संचार मंत्री ने कहा की काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित किया जाएगा। इस दौरान केन्द्रीय सचिव दूरसंचार विभाग राकेश गर्ग मेयर राम गोपाल मोहले, विधायक श्याम राय चौधरी, रवीन्द्र जायसवाल समेत दूरसंचार विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

वाई-फाई से हाई स्पीड इंटरनेट

वाई-फाई वह जोन है जिसके दायरे में आते ही लैपटॉप, टैबलेट धारक बिना डेटा कार्ड के हाई स्पीड इंटरनेट से जुड़ सकते हैं और इंटरनेट यूज कर सकते हैं। वाई-फाई सिस्टम यूज करने के लिए अपने लैपटॉप, टैबलेट सेट पर वाई-फाई सिस्टम ऑन करना होगा। इसके बाद स्क्रीन पर एक फॉर्मेट नजर आएगा। फॉर्म के रूप के इस फॉर्मेट में कई खाने बने हुए हैं। इसमें निर्धारित स्थान पर अपना सेलफोन नम्बर और ई मेल आईडी फीड करना होगा। इसके बाद एक पिन कोड मिलेगा। इसी पिन के जरिए इंटरनेट का यूज किया जा सकता है।

पहले मिलेगा फ्री फिर चुकाना होगा दाम

फिलहाल दशाश्वमेध घाट और शीतला घाट को वाई-फाई से लैस किया गया है। इसके इस्तेमाल को सुविधाजनक इंटरनेट सेवा देने के लिए बीएसएनएल की ओर से खूब तैयारी की गयी है। यूजर को पहले आधे घंटे फ्री हाई स्पीड इंटरनेट सेवा मिलेगी। इसके बाद निर्धारित शुल्क चुकाना होगा। बीएसएनएल की ओर से कई प्लैन लांच किए गए हैं। इसके तहत फ्री सुविधा के बाद अगले फ्0 मिनट इंटरनेट सुविधा ख्0 रुपये में मिल सकती है। म्0 मिनट के लिए फ्0 रुपये चुकाने होंगे। क्ख्0 मिनट की सेवा भ्0 और पूरे दिन की इटरनेट सुविधा सिर्फ 70 रुपये में मिल सकती है।

की गयी है जबरदस्त तैयारी

घाटों को वाई-फाई सुविधा से लैस करने के लिए बीएसएनएल ने जबरदस्त तैयारी की है। लीज लाइन के माध्यम से वाई-फाई का मुख्य एंटीना लगाया गया है। इसके चार सब एंटीना है। इनके जरिए टेबलेट-लैपटॉप पर इंटरनेट सुविधा दी जाएगी। इसकी कोई लिमिट नहीं तय की गया है। एंटीना के सौ मीटर के दायरे में आने वाला कोई भी वाई-फाई का इस्तेमाल कर सकता है। इंटरनेट की स्पीड बनी रही इसके लिए बीएसएनएल लगातार निगरानी करता रहेगा। किसी तरह की प्रॉब्लम आने पर तत्काल उसका निवारण किया जा सके इसका भी इंतजाम किया जा रहा है।

कई घाटों होंगे वाई-फाई से लैस

पीएमओ की पहल पर पहले चरण में गंगा आरती के लिए फेमस दशाश्वमेध घाट और शीतला घाट को वाई-फाई से लैस किया गया है। दूसरे चरण में कुछ और घाटों और बीएचयू कैम्पस को वाई-फाई से लैस किया जाएगा। बीएसएनएल सभी 8ब् घाटों का सर्वे करा चुका है। आठ घाटों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें ललिता घाट, मणिकर्णिका घाट, राजेन्द्र प्रसाद, अस्सी, रविदास घाट जैसे घाट शामिल हैं। इन घाटों के बाद जो बचे घाटों होंगे उन्हें वाई-फाई से किया जाएगा। इस तरह सभी घाट लैस हो जाएंगे।

खूब मिलेगा फायदा

बनारस के घाट दुनिया में फेमस हैं। उन्हें निहारने के लिए दुनिया के साथ देशभर से लाखों लोग पहुंचते हैं। दूर देश से आने वालों के पास एडवांस इलेक्ट्रॉनिक गैजेट होते हैं। हर जगह इंटरनेट सुविधा न होने की वजह से उसका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। इससे वह अपने लोगों से दूर हो जाते हैं। घाटों के वाई-फाई से लैस होने का सबसे अधिक फायदा ऐसे लोगों को मिलेगा। घाटों के आसपास इंटरनेट का इस्तेमाल अधिक होगा तो टूरिज्म से जुड़े स्थानीय बिजनेस भी अपने बिजनेस के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।