- अब मौसमी बीमारी से अस्पतालों में लगी कतार

- तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव बना मौसमी बीमारियों का कारण

- सर्दी-जुकाम, फीवर, गले में जकड़न के साथ बदन दर्द से ग्रसित लोगों की बढ़ी संख्या

कोरोना संक्रमण अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है कि इधर, मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। बारिश थमने के बाद से ही तीखी धूप और उमस ने परेशानी बढ़ा दी है। इसका सेहत पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है। जुलाई के सीजन में भीषण गर्मी और देर रात मौसम नम होने के चलते लोग मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। मौसम में हो रहे बदलाव के चलते गले में संक्रमण, खांसी, जुकाम, बुखार और बदन दर्द के मरीज बढ़ गए हैं।

पिछले, दो दिनों से जिले के अस्पताल में मौसमी बीमारियों से पहुंचने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। कोरोना काल में जहां मंडलीय अस्पताल में 100 मरीज भी नहीं पहुंच रहे थे, वहीं अब यहां मरीजों की संख्या 1000 के पार हो गई है। चिकित्सकों की मानें तो बदलते मौसम में होने वाली इस बीमारी का प्रकोप सामान्यत पांच से सात दिन रहता है। इसमें लक्षणों पर आधारित इलाज किया जाता है। थोड़ी सावधानी बरती जाए तो इन बीमारियों की गिरफ्त में आने से बचा जा सकता है।

मौसम की चाल से मरीज बेहाल

चिकित्सकों की मानें तो मौसम के गर्म चाल से लोगों का हाल बेहाल है। सर्दी-जुखाम, फीवर, गला जकड़न के साथ बदन दर्द से ग्रसित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हॉस्पिटल में बच्चों से लेकर बड़े तक मौसमी बीमारियों की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। अकेले मंडलीय हॉस्पिटल की बात करें तो मंगलवार को एक हजार से ज्यादा मरीजों ने पर्ची कटाई। वहीं कोविड हॉस्पिटल बनने की वजह से बंद चल रहे पं। दीनदयाल चिकित्सालय अस्पताल के मरीज भी इसी अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं। इसकी वजह से यहां का हर ओपीडी मरीजों से फुल चल रहा है।

कोरोना नहीं, ये मौसम की मार है

डॉक्टर्स की मानें तो कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार अब थम चुकी है। ऐसे में जो भी पेशेंट आ रहे हैं, उनमें मौसमी बीमारी का असर दिख रहा है। इसमें भी ज्यादातर लोग सर्दी, जुकाम और बदन दर्द से पीडि़त होकर जांच के लिए आ रहे हैं। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं, उनके कोविड टेस्ट भी कराए जा रहे हैं। ऐसे मरीजों को यही सलाह दी जा रही है कि वे ठंडे गर्म के फर्क को समझकर खुद का बचाव करें। तेज धूप में न निकलें।

और गश्त खाकर गिर पड़ी

मौसमी बीमारी के कारण मंडलीय अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। मंगलवार को भीड़ बढ़ने की वजह से पर्ची कटाने वालों की लंबी कतार लगी रही। वहीं ओपीडी में जांच कराने आए जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण नजर आ रहे थे, उन्हें कोरोना टेस्ट कराने की भी सलाह दी जा रही थी। हॉस्पिटल परिसर में जहां कोरोना टेस्ट हो रहा था, वहां भी मरीजों की लंबी लाइन लगी थी। कोई सेड न होने की वजह से यहां लोग कड़ी धूप में ही खड़े रहे। तेज धूप लगने की वजह से लाइन में लगी एक बच्ची तो गश्त खाकर गिर पड़ी।

::: इस मौसम में ऐसे करें बचाव :::

- मौसम अनुकूल होने तक कड़ी धूप में निकरने से परहेज करें

- कोल्ड ड्रिंक्स के सेवन से फिलहाल बचें

- साफ-सफाई और खान-पान का विशेष ध्यान रखें

- बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीने से बचे

- बच्चों को धूप में न निकलने दें

-ज्यादा समय का बना खाना और कटे फल खाने से बचें

::: कोट :::

मौसम पहले जैसा नहीं है। जुलाई के महीने में डिहाईड्रेशन की समस्या बढ़ जाती है, लेकिन इन दिनों हॉस्पिटल में वायरल, फीवर, बदन दर्द के पेशेंट ज्यादा आ रहे हैं। बच्चों में वायरल फीवर की समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं।

-डॉ। एसके सिंह, फिजिशियन