वाराणसी (ब्यूरो)। मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के अमिनी गांव निवासी आधा दर्जन लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपये ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने रविवार शाम कोर्ट के आदेश पर मुंबई व दिल्ली निवासी चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
भुक्तभोगी अमिनी गांव के सुनील कुमार पटेल, अभिषेक कुमार सिंह, कोमल सिंह, राजीव पटेल, सचिन कुमार व अरविंद कुमार हैं। इनका आरोप है कि मुंबई के कांदिवली निवासी राजकुमार सिंह, साहिल सिंह व दिल्ली के राजौरी गार्डन निवासी गौरव शेट्टी और एक अज्ञात ने जुलाई 2021 में उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया। नौकरी के नाम पर सभी से पांच-पांच लाख रुपये ले लिए। आरोपित राजकुमार के एक रिश्तेदार का परिचय पीडि़तों से था। उसी के जरिये जालसाजों ने भुक्तभोगियों से संपर्क साधा। कई महीने बीत जाने के बाद जब नौकरी नहीं मिली तो सभी मुंबई पहुंच गए। रुपये मांगे तो धमकी देकर भगा दिया। पीडि़तों ने न्यायालय की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी और धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया है.
सिपाही के खाते से 65 हजार उड़ाया
साइबर जालसाज ने रविवार को पुलिसकर्मी को झांसा देकर ओटीपी पूछ उसके खाते से 65 हजार रुपये उड़ा दिए। मिर्जामुराद थाने पर तैनात प्रदीप नामक सिपाही का एसबीआइ में खाता है। जालसाज ने पुलिसकर्मी के मोबाइल पर काल कर कहा कि आपके खाते में गलती से हमारे दस हजार रुपये चले गए हैं। जालसाज ने झांसा देकर सिपाही के मोबाइल पर आया ओटीपी पूछ लिया। इसके बाद खाते से आनलाइन रुपये निकाल लिए। घटना की खूब चर्चा होती रही.
फरवरी में पकड़ा गया था गिरोह
वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल में सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं, जिनका नेटवर्क दिल्ली, मुंबई समेत कई प्रदेशों में है। हालांकि 22 फरवरी को एसटीएफ ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगारों को ठगने वाले अंतररज्च्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया था। यह गिरोह भारतीय सेना, रेलवे सहित अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवाओं से ठगी करता था। गिरोह वर्ष 2019 में वाराणसी में 8 लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर 41 लाख रुपये लिया था। सिगरा थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरोह सहित वाराणसी छोड़कर भुवनेश्वर और हैदराबाद में ऑफिस खोलकर दक्षिण भारत के काफी अभ्यर्थियों से नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाजी कर रहे थे.