- शहर में लगी प्लास्टिक डस्टबिन खस्ताहाल, स्टील बॉडी भी हो रही चोरी, जगह-जगह फैली है गंदगी
- नगर आयुक्त के आवास के पास भी बिखरा पड़ा है कूड़ा
नोट:::: सोचियेगा जरुर लगाने के साथ ही इसके लिए कानपुर से आये लोगो को भी कैरी कर लीजिएगा
वीआईपी सिटी में शुमार बनारस में होर्डिंग्स, यूनीपोल, फ्लैक्स और दीवार पर नजरें पड़ते ही क्लीन काशी, ग्रीन काशी का एहसास होता है, लेकिन धरातल पर नजर आते ही कूड़े की ढेर दिखने लगती है। पीएम-सीएम की अपील और कमिश्नर की सख्ती के बाद भी शहर में गंदगी की भरमार है। एक दर्जन से अधिक इलाके ऐसे हैं, जहां सड़कों पर अक्सर कूड़ा बिखरा पड़ा रहता है। नगर आयुक्त के आवास को जाने वाली सड़क पर अक्सर गंदगी कायम रहती है। मोड़ पर प्लास्टिक डस्टबिन जर्जर होने के बाद स्टील का लगाया गया, जो दो दिन पहले चोरी हो गया है। शहर में छोटे-बड़े करीब दो हजार से अधिक डस्टबिन लगाए गये, लेकिन चोरी और क्षतिग्रस्त होने से यह संख्या आधी से भी कम हो गई।
करोड़ों रुपये फूंके, फिर भी ढेर
काशी को क्लीन और ग्रीन बनाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने करोड़ों रुपये स्वाहा कर दिये। इसके अलावा हृदय योजना के तहत सफाई प्रबंधन में प्रति माह 70 लाख रुपये खर्च होते हैं। बावजूद इसके बनारस के हालात नहीं सुधरे। आज भी काशी कूड़े से जकड़ी हुई है। 90 वार्डो में न तो घर-घर कचरा उठान हो रहा और न ही सड़कें व गलियां साफ-सुथरी हैं। यही वजह है कि स्वच्छता रैंकिंग में लगातार पिछड़ रहा स्मार्ट बनारस। नदियां, कुंड-तालाब समेत जल स्त्रोत में कचरा फेंक रहे हैं और नगर निगम की बंदिशें प्रभावहीन बनी हुई हैं।
शहर में दो हजार डस्टबिन
सिटी कंट्रोल यूनिट के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में छोटे-बड़े कुल 2068 डस्टबिन लगाये गये हैं, जिसमें 4.5, 1.1 क्यूबिक मीटर और 100 लीटर के सूखा-गीला और स्टील बॉडी के डस्टबिन शामिल हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पड़ताल में अधिक जगहों पर 100 लीटर वाले पेयर डस्टबिन क्षतिग्रस्त मिले। कुछ जगहों पर डस्टबीन गायब था, सिर्फ स्टैंड ही दिख रहे थे। अभी कुछ दिन पहले निगम की ओर से शहर में प्रमुख जगहों पर स्टील बॉडी डस्टबिन लगाये गये। लेकिन धीरे-धीरे ये गायब हो रहे हैं। नगर आयुक्त के आवास वाली रोड पर दो दिन पहले लगा स्टील डस्टबिन चोरी हो गया।
इन जगहों पर फैला रहता है कूड़ा
औरंगाबाद, सोनिया, बजरडीहा, खोजवां, शिवाला, रेवड़ी तालाब, पीलीकोठी, सैरया, नरिया, सुंदरपुर, ककरमत्ता, निराला नगर, प्रहलादघाट, कोनिया, मछोदरी, पहडि़या, गायघाट, अलईपुरा, हुकुलगंज
डस्टबिन की स्थिति
-161 बीन 4.5 क्यूबिक मीटर -
-656 बीन 1.1 क्यूबिक मीटर
-776 बीन 100 लीटर वाले पेयर
-475 बीन स्टील बॉडी
-90 वार्ड शहर में कुल
-550 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन शहर से निकलता है।
-75 फीसदी कूड़ा गलियों से कलेक्शन होता है।
-70 लाख रुपये प्रति माह खर्च होते हैं हृदय योजना के तहत सफाई प्रबंधन में।
-घर-घर कचरा उठान का कार्य
-1040 नियमित सफाईकर्मी
-1000 संविदा सफाईकमी
-700 आउट सोर्सिगकर्मी