- फेक आईडी से देश में घुसने की कोशिश में पकड़े गए जावेद कमाल ने पूछताछ में बताई थी बीएचयू के प्रोफेसर से मुलाकात की बात

- प्रोफेसर ने पहचानने से किया इंकार, कहा कभी नहीं मिले जावेद से

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बिना वीजा के इंडिया में एंट्री करने की कोशिश करने वाला पाकिस्तानी नागरिक डॉ। जावेद कमाल ने पूछताछ में बीएचयू के जिन प्रोफेसर राजेश सिंह से मिलने की बात कही थी उन्होंने उसे पहचानने से इनकार कर दिया है। आशंका है कि शुक्रवार को नेपाल बार्डर से पकड़ा गया जावेद फेक आईडी के सहारे इंडिया में आना चाहता था। शनिवार को सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी उससे देर तक पूछताछ करते रहे। वह उन्हें गुमराह करता रहा। इससे सुरक्षा एजेंसियों को उस पर शक और गहरा गया है। जावेद के पास से बरामद पासपोर्ट व फोटो से उसके पाकिस्तान में बताए गए पते की सच्चाई जानने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियां भी इस मामले को लेकर सक्रिय हो गई हैं।

नहीं बता सका प्रोफेसर का पूरा नाम

शुक्रवार को जावेद कमाल को एसएसबी ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने बताया कि वह बीएचयू के प्रो। सिंह से मिलने बनारस जा रहा है। पूछताछ में प्रो। सिंह का पूरा नाम नहीं बता पाया। कहा कि प्रो। सिंह से उसकी मुलाकात तुर्की में हुई थी। जब सुरक्षा एजेंसियों ने तुर्की गए प्रोफसर्स की सूची खंगाली तो बीएचयू के प्रो। राजेश सिंह का नाम सामने आया। सुरक्षा एजेंसियों के इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंने एक्सेप्ट किया है कि वह ऑफिसियल वर्क से तुर्की गए थे। जब उन्हें जावेद कमाल की फोटो वाट्सएप की गई तो उसे पहचानने से इनकार कर दिया।

2013 में गए थे तुर्की

बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान में प्लांट ब्री¨डग विभाग के प्रो। राजेश सिंह ने बताया कि वह नवंबर 2013 में दो छात्राओं के साथ तुर्की में प्लांट ब्री¨डग की इंटरनेशनल कांफ्रेस में हिस्सा लेने गए थे। वहां सैकड़ों लोगों से उनकी मुलाकात हुई। लेकिन जावेद कमाल नामक के व्यक्ति से कभी नहीं मिले। हालांकि जावेद ने गोरखपुर के अफसरों को बाद में प्रोफेसर का नाम शिशिर सिंह बताया था लेकिन बीएचयू से तुर्की जाने वाले प्रो। राजेश ही थे। इसलिए अधिकारियों ने उनसे शिनाख्त कराई। उधर जावेद को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया। सीजेएम दिवाकर त्रिपाठी ने उसे जेल भेज दिया। सोनौली कोतवाली में जावेद कमाल के खिलाफ 14 विदेशी विषयक अधिनियम के अंतर्गत अभियोग दर्ज हुआ है।

लोकल इंटेलीजेंस हुआ एक्टिव

संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिक के मुंह से बनारस की बात आने से स्थानीय खुफिया एजेंसियां एक्टिव हो गई हैं। खुफिया टीम ने शनिवार को यूनिवर्सिटी के पीआरओ सेल के कर्मचारियों से पूछताछ की। प्रो। राजेश सिंह पूर्व में प्रेस, पब्लिकेशन व पब्लिसिटी के चेयरमैन भी थे। खुफिया इकाई स्थानीय इनपुट ले रही है। वहीं एसएसपी आकाश कुलहरि ने पाकिस्तानी नागरिक की गिरफ्तारी मामले में किसी जानकारी ने इनकार किया है।