ऐसी कोई जगह नहीं बची जहां बैनर-पोस्टर न लगाए गए हों

-राजनीति चमकाने के चक्कर में शहर को कर रहे बदसूरत, नगर निगम नहीं दे रहा ध्यान

VARANASI

सीन-क्

शहर का फेमस इलाका मैदागिन और इसका खूबसूरत चौराहा नजर नहीं आ रहा है। छोटी-बड़ी होर्डिग, बैनर से पूरी तरह पटा है। दूर-दराज से आने वाले लोग भटक जाते हैं।

सीन-ख्

गोदौलिया से लेकर गिरजाघर तक हर थोड़ी दूर पर सड़क के बीचो-बीच हवा में झूलते पोस्टर लगाए गए हैं। अगर बड़ी गाड़ी उधर से गुजरे तो उनमें से कुछ टूटकर रास्ते में जा रहे लोगों पर गिर जाते हैं। इनकी वजह से पूरा इलाका बदसूरत नजर आ रहा है। विदेशी तो इन्हें देखकर नाक-मुंह सिकोड़ते हैं।

ये दोनों सीन बताने के लिए काफी हैं कि पूरा शहर पोस्टर, बैनर, होर्डिग से पट गया है। कहीं छोटा तो कहीं बड़ा। राजनीति चमकाने या माहौल बनाने की चाहत रखने वालों ने रोड किनारे की उन सभी जगहों पर कब्जा जमा लिया है जहां बैनर-पोस्टर लगाए जा सकते हैं। नगर निगम के विज्ञापन साइट्स पर बिना किसी परमीशन के अपनी फोटो चस्पा कर दिए हैं। इससे भी मन नहीं भरा तो बीच रास्ते में झूलता बैनर लगा दिया। यही नहीं रोड किनारे दुकान-मकान की दीवार पर पोस्टर चस्पा कर दिया है। शहर को इस हालात से बचाने के लिए जिम्मेदार नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई पिछले कई दिनों से नहीं की गयी है। हालांकि इस बाबत अपर नगर आयुक्त बीके द्विवेदी का कहना है कि समय-समय पर अभियान चलाकर शहर में लगे बैनर-पोस्टर्स को हटाया जाता है।

बदसूरत बना दिया शहर

-शहर का कोई इलाका ऐसा नहीं बचा है जहां बेतरतीब तरीके से बैनर-पोस्टर न लगाए गए हों

-किसी का आकार छोटा है तो किसी का इतना बड़ा कि बड़े मकान को ढक लें

-राजनीति चमकाने और माहौल बनाने की चाहत रखने वाले बैनर-पोस्टर के जरिए शुभकामना देने का कोई मौका छोड़ नहीं रहे

-विकास यात्रा, संदेश यात्रा, परिवर्तन यात्रा समेत के साथ अन्य राजनीति गतिविधियों के पोस्टर भी जगह-जगह जमा हैं

-बैनर-पोस्टर लगाने वालों ने नगर निगम की साइट्स पर भी कब्जा जमा लिया है

-लम्बे समय से नगर निगम की ओर से शहर को बैनर-पोस्टर मुक्त कराने का अभियान नहीं चलाया गया है

-इनकी वजह से पूरा शहर बदसूरत नजर आ रहा है, शहर की विशेषता बताने वाली इमारतें और स्थान भी नजर नहीं आ रहे हैं

-बनारस को क्योटो बनाने की कवायद में पहला प्रयास शहर को पोस्टर मुक्त बनाना था