वाराणसी (ब्यूरो)बनारस शहर की पहचान ऐतिहासिक कुंड व तालाबों से भी रही है, लेकिन यहां भू-माफियाओं के मकडज़ाल व जिम्मेदार अफसरों की साठ-गांठ से एक-एक कुंड व तालाब विलुप्त होते जा रहे हैैंशहर के कई तालाब नक्शे में मौजूद हैैं, लेकिन अतिक्रमण का शिकार हो गए हैैंदैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने जब पड़ताल की तो पता चला कि कई तालाबों पर अवैध निर्माण करके मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बना दी गई हंैअब मौके पर जाकर देखने पर पता नहीं चलता है कि यहां कभी तालाब भी हुआ करते थेजिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बचते नजर आते हैैं.

आज हम बात कर रहे हैैं उन तालाबों की, जो धरा पर जीवन जीने वाले जीवों को अच्छा वातावरण और आक्सीजन मुहैया कराते हंैलेकिन, गौर करने वाली बात है कि बनारस के तालाब सुंदरीकरण और संरक्षण की बात कौन करे, ये अपने अस्तित्व की तलाश में भटक रहे हैंआज बनारस के कई तालाबों पर भू-माफियाओं का कब्जा है पर प्रशासन मौन हैसवाल अब उठता है कि जो मानव जाति के रक्षक हैं, उनकी रक्षा अब कौन करे

गहराता जा रहा है पेयजल संकट

तालाबों के अतिक्रमण और अधिक भूजल दोहन होने की वजह से शहर में पेयजल का संकट दिन-प्रतिदिन लगातार गहरा होता चला जा रहा हैतालाबों के अतिक्रमण और नदियों के गिरते लगातार जलस्तर की वजह से पानी का लेवल लगातार गिरता चला रहा हैआज बनारस में गर्मी शुरू होते ही 360 एमएलडी पानी की जरूरत हो रही है, लेकिन लोगों को आवश्यकता के अनुरूप पानी नहीं मिल पा पा रहा हैइसका प्रमुख कारण है संरक्षण के अभाव में सतही पेयजल को रिचार्ज नहीं किया जा पा रहा हैइस वजह से पानी का लेवल लगातार नीचे गिरता चला रहा हैइस गर्मी के मौसम में गंगा किनारे बने भदैनी वाटर प्लांट के 50 फीसदी से ज्यादा ट्यूबवेल खराब हो गए हैैं, जिनकी वजह से सप्लाई में परेशानी हो रही है और जलकल विभाग उनको ठीक नहीं करा पा रहा है.

शोपीस बने हैैंडपंप

शहर के अलग-अलग इलाकों में रहने वालों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए सरकार ने इंडिया मार्का के हैैंडपंप लगवाए थेआज वे सारे हैैंडपंप बंद होकर शोपीस बनकर रह गए हैैंइन हैैंडपंपों से पानी की एक बूंद भी नहीं निकलती हैलोगों को पानी की समस्याओं से जूझना पड़ रहा हैरहवासियों के द्वारा बार-बार शिकायत करने के बाद भी प्रशासन एवं जिम्मेदार उनको ठीक कराने का नाम नहीं ले रहे हैं.

बोरवेल या तो बंद या तो दोहन

शहर में लगे बोरवेल जो जलकल के अधीन आते हैं, उनका मेंटनेंस के अभाव में जमाव करके दोहन हो रहा हैरात-दिन बिना किसी रखरखाव के अनावश्यक रूप से चलते रहते हैं और इधर-उधर पानी का बहाव होता रहता हैइस कारण जरूरतमंद लोगों को पानी नहीं मिल पाता हैदूसरी तरफ शहर के 148 बोरवेल पंपों में से आधे से ज्यादा खराब हो गए हैं, जिनकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है.

बनारस के अतिक्रमणयुक्त तालाब

बवलियाबाग तालाब

सिकरौल तालाब

राजा तालाब

कन्हैया तालाब

बिरदोपुर तालाब

तुलसीपुर तालाब

बोरवेल के हालात

कुल बोरवेल-148

वर्किंग बोरवेल-94

ठप बोरवेल-54

हमें जानकारी मिली है कि भदैनी वाटर प्लांट के बोरवेल कुछ ज्यादा ही खराब हो गए हैं, जिसकी वजह से समस्या का सामना हो रहा हैहमने उनको ठीक कराने के लिए जिम्मेदार लोगों को पत्र लिख दिया हैजल्द ही उनको ठीक करा लिया जाएगाअतिक्रमणयुक्त तालाबों को मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा और उनको भूमाफियों के चंगुल से मुक्त कराके उनका सुंदरीकरण भी कराया जाएगा.

-प्रणय ंिसह, आयुक्त, नगर निगम

तालाबों की सुरक्षा होनी चाहिएइनकी वजह से ही पशु-पक्षियों के जीवन को बचाया जा सकता हैआज हम देख सकते हैं कि पेयजल के अभाव में पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्त होती चली जा रही हैंतालाब हमारे पेयजल के वाटर लेवल को रिचार्ज करने में अग्रणी भूमिका निभाते हैैं.

-पीबी सिंह राणा, प्रोफेसर, बीएचयू

हर हालत में चालू हो सभी हैंडपंप : स्वतंत्र

जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव ङ्क्षसह ने निर्देश दिया कि सभी हैैंडपंप हर हालत में चालू हालत में होना चाहिए, जो भी खराब हैैंडपंप हों उन्हें तत्काल दुरुस्त कराए जाने हेतु कार्ययोजना तैयार कर एक सप्ताह में उपलब्ध कराएंवह रविवार को सर्किट हाउस सभागार में ङ्क्षसचाई विभाग के मंडलीय अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यों के प्रगति की समीक्षा कर रहे थेअभियंताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि नहरों की सफाई कार्य युद्धस्तर पर अभियान चलाकर प्राथमिकता व पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित कराए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि नहरों के टेल तक पानी पहुंचना चाहिए जिससे हर किसानों के खेत तक पानी पहुंच सकेइसमें किसी भी स्तर पर शिथिलता अथवा लापरवाही नहीं होनी चाहिएगर्मी में पेयजल की समस्या नहीं होइसके लिए अधिकारी व्यवस्था सुनिश्चित करें और जहां कहीं भी कोई समस्या हो तो उसका स्थायी समाधान कराएं.