वाराणसी (ब्यूरो)बनारस शहर की आबोहवा प्रदूषण की वजह से दिन-प्रतिदिन खराब होती चली जा रही हैइस कारण लोगों का जीवन स्तर खराब होता चला जा रहा है और लोग असमय ही तमाम प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैैंआज लोग छोटा काम हो या बड़ा वाहनों का उपयोग कर रहे हंैइन वाहनों की मदद से आप का काम आसान हो सकता है, लेकिन आपको यह जानकार काफी हैरानी होगी कि इन वाहनों से निकलने वाले धुओं से कितनी अधिक मात्रा में हानिकारक गैसें निकलती है, जोकि शरीर को नुकसान पहुंचाती हैैंसरकार ने अपनी योजना के अनुसार पूरे देश में सीएनजी वाहनों का उपयोग करने के लिए पूरा जोर लगा रही हैइसके बाद बनारसियों में सीएनजी वाहन का क्रेज बढ़ा है और बनारस डीजलमुक्त आटो की ओर प्रगतिशील है.

बढ़ा सीएनजी वाहनों का चलन

शहर में अब सीएनजी वाहनों का चलन बढ़ चला हैट्रक से लेकर कार, आटो सभी प्रकार के सीएनजी वाहन अब बनारस की सड़कों पर रफ्तार भर रहे हंैसीएनजी के वाहन अब गाड़ी मालिकों की पसंद बनते जा रहे हैंयहां तक देखने में आ रहा है कि आजकल लोग अपनी पर्सनल गाड़ी के तौर पर भी सीएनजी वाहनों को ही पसंद कर रहे हैं.

400 आटो रह गए हैैं डीजलयुक्त

शहर में कुल 24,400 आटो रजिस्टर्ड हैं, जोकि शहर के अलग-अलग रूटों पर चल रहे हैैंइनमें सिर्फ 400 आटो ही डीजलयुक्त रह गए हैंहालांकि प्रशासन भी इन 400 आटो को भी जल्द से जल्द सीएनजीयुक्त आटो में बदलने में लगा हुआ है, ताकि नेचर को इको फ्रेंडली बनाया जा सके.

सीएनजी वाहन के फायदे

सीएनजी नवीनकरणीय ऊर्जा का स्रोत हैसीएनजी को इको फ्रेंडली फ्यूल माना जाता हैइसके प्रयोग से हानिकारक गैसें नहीं निकलती हैैंवायु प्रदूषण कम होता हैकार्बन डाई आक्साइड और जलवाष्प निकलते हैं, जो नुकसानदायक नहीं होते हैंसाथ ही सीएनजी के वाहन पेट्रोल-डीजल के वाहनों से सस्ते भी होते हैैंइनका माइलेज भी अधिक होता है.

पेट्रोल-डीजल के वाहनों से नुकसान

पेट्रोल-डीजल के वाहनों से जहरीली और खतरनाक गैसें निकलती हैंइनसे निकलने वाली कार्बन मोनो आक्साइड और हाइड्रोजन डाई आक्साइड जानलेवा होती हैजब ये गैसें हमारे वायुमंडल में ज्यादा स्थान घेर लेती हंै तो ये वायुमडंल गर्म करके रख देती हैइस वजह से ओजोन परत में छेद होने लगता है और पृथ्वी का तापमान बढ़ता चला जाता है.

बनारस दुनिया का 22 प्रदूषित शहर

हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि बनारस दुनिया का 22वां प्रदूषित शहर हैयहां का मौसम और तापमान पूरे तरीके से दूषित हो चुका हैयहां रहने वाले हर आयु वर्ग के लोगों में सांस संबंधित बीमारी पनपने लगी हैयहां तक कि इस प्रदूषण के कारण ही लोगों में स्किन से जुड़ी बीमारी भी दिखने लगी थी, जिसके बाद येलो अलर्ट जारी कर दिया गया था.

बनारस में सीएनजी पेट्रोल पंप

शहर में सीएनजी पेट्रोल पंपों की संख्या भी लगातार बढ़ रही हैअब तक 9 सीएनजी पेट्रोल पंप खोले जा चुके हैंइसके साथ 16 सीएनजी पेट्रोल पंपों के लाइसेंस के लिए आरटीओ आफिस में आवेदन भी पहुंच गए हैैं.

सीएनजी नवीनकरणीय ऊर्जा का माध्यम हैयह हमारे परंपरागत फ्यूल से सस्ता और ज्यादा माइलेजेबल हैसीएनजी पूरी तरीके से इको फ्रेंडली हैइससे निकलने वाली गैसें हानिकारक नहीं होती है, जबकि डीजल और पेट्रोल से निकलने वाली कार्बन मोनो आक्साइड, हाइड्रोजन डाइ आक्साइड ज्यादा नुकसानदायक और तापमान को गर्म करने वाली होती है.

- सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ, वाराणसी

जबसे सीएनजी वाहनों का चलन जिले में बढ़ा है, तबसे प्रदूषण के लेवल में भी काफी सुधार देखने को मिल रहा हैअगर शहर में इसी तरीके से सीएनजी वाहनों का उपयोग बढ़ेगा तो हम काफी हद तक प्रदूषण में सुधार कर लेंगेइससे हम सभी की जीवनशैली में काफी सुधार हो सकता है.

  • कालिका सिंह, आरओ, पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड वाराणसी