आखिरकार वही हुआ जिसका अंदेशा था। आई नेक्स्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुरुवार को आने से एक दिन पहले शहर की तस्वीर आपको दिखाई थी। लेकिन रातों-रात उन एरियाज को चमका दिया गया, जहां पीएम को जाना था। गुरुवार को पीएम आये तो सभी सफाई करने ऐसे पहुंच गए जैसे बिना सफाई किए एक निवाला भी उनके हलक से नीचे नहीं उतरता हो, फोटो खिंचवाने वाले भी कुर्ता-पाजामा झार कर साथ लग गए। लेकिन शुक्रवार को नतीजा फिर वही ढाक के तीन पात। सफाई करने वाले नदारद थे तो फोटो खिंचवाने वाले भी अन्तध्र्यान हो गए। इतना ही नहीं जिस जगन्नाथ गली में मोदी ने झाड़ू लगाया था, वहां भी लोग गंदगी करने से बाज नहीं आ रहे थे। तो आप खुद देख लीजिये, किस तरह के सफाई पसंद हैं लोग? अंदर के पेज पर।

- नमो के जाते ही अस्सी से लेकर लंका तक की गलियों और सड़क का दिखा बुरा हाल, जिस गली से पीएम ने की थी सफाई की शुरुआत उसी गली में गंदगी करते दिखे लोग

- अस्सी घाट पर भी चारों ओर फैला था गंदगी का साम्राज्य

VARANASI :

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प्लेस- जगन्नाथ मंदिर वाली गली, अस्सी

समय- दोपहर के क्ख्.फ्0 बजे

बनारस के अल्हड़पन और मस्ती के लिए फेमस अस्सी इलाके में गुरुवार की दोपहर लगभग एक बजकर ख्0 मिनट पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झाड़ू हाथों में थामकर सफाई की तो लगा कि अब बनारस के लोग साफ सफाई को लेकर सुधर जायेंगे। लगभग दस मिनट तक पीएम की ओर से चली झाड़ू के बाद ये मैसेज भी सामने आया कि लोगों को अब बनारस की गलियों को खुद साफ करना होगा लेकिन बनारस के लोग कहां सुधरने वाले। तभी तो नमो के जाने के लगभग ख्ब् घंटे बाद अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर वाली गली की हालत फिर से खराब दिखी। कूड़ा पूरी गली में फैला था और लोग अपनी आदत के अनुरुप गली के कोनों को गंदा करने में जुटे हुए थे।

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प्लेस- अस्सी घाट

समय- क्ख्.ब्भ् बजे

अस्सी में जगन्नाथ मंदिर की गली में सफाई अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत करने के बाद पीएम मोदी अस्सी घाट पर पहुंचे थे। इस बार मोदी ये देखने गए थे कि पिछले बार के दौरे के बाद अस्सी घाट पर किया गया उनका श्रमदान कितना कारगर साबित हुआ और क्या वाकई में अस्सी घाट पहले से साफ हुआ। उनको जो सच्चाई दिखाई गई वह तो काफी अच्छी थी। चमकता घाट और हर ओर डस्टबिन लेकिन पीएम के जाने के ख्ब् घंटे बाद यहां भी सब कुछ ऐसे ही मिला जैसे होना चाहिए था। यानि अस्सी घाट का हर कोना भी गंदगी से पटा था। गाय का गोबर हो या फिर कूड़े का ढेर जहां-तहां पड़ा था। दो तीन डस्टबिन उल्टे पड़े थे और उसके अंदर का कूड़ा बाहर गिरा हुआ था।

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प्लेस- लंका चौराहा

समय- क्.ख्0 बजे

अस्सी जाने के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लंका चौराहे भी पहुंचे थे तो जायज है गुरुवार को यहां भी सब गुडी गुडी ही होगा। पीएम को दिखाने के लिए हमेशा जाम की चपेट में रहने वाले अतिक्रमण से घिरे लंका चौराहे को प्रशासन ने एक दम चमाचम करा दिया था। चौराहे के आस पास लगी अस्थाई दुकाने और ठेले खुमचे तो कहीं लापता से हो गए थे। बनारस वालों को गुरुवार की दोपहर तक खुद विश्वास नहीं हो रहा था कि ये वहीं चौराहा है जहां गंदगी और एन्क्रोचमेंट से पब्लिक को दो चार होना पड़ता है लेकिन पब्लिक का ये भ्रम शुक्रवार को तब टूटा जब पीएम के जाने से ख्ब् घंटे बाद चौराहा जाम में जकड़ा रहा और अतिक्रमण और गंदगी फिर से अपनी जगह काबिज हो गए।

ये वह सच्चाई है जो शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जाने के ख्ब् घंटे बाद सामने आई है। पीएम गुरुवार को जब काशी आये और उन्होंने हाथों में झाड़ू उठाकर एक गंदी गली में क्0 मिनट तक झाड़ू लगाया तो यही सोचा गया कि शायद अब शहर की सूरत बदलेगी और गलियों के शहर बनारस की पहचान कही जाने वाली गलियां लोग खुद से साफ करेंगे लेकिन ऐसा होना संभव ही नहीं लगता। तभी तो शहर की बाकी गलियों को तो छोड़ दीजिए वह गली भी साफ नहीं रही जिस गली में नमो ने सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया था। आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आया कि किस तरह से लोग पीएम के हाथों साफ हुई गली को साफ करना तो दूर बल्कि गंदा करने में जुटे हुए हैं।

कैमरा देखते लगे भागने

पीएम के सफाई अभियान के पार्ट टू की गुरुवार को शुरुआत होने के ठीक ख्ब् घंटे बाद जब आई नेक्स्ट अस्सी घाट, जगन्नाथ मंदिर की गली पहुंचा तो यहां की हालत देखकर हमें शर्म आ गई। गली के एंट्री पाइंट पर कूड़े का ढेर था जबकि उस जगह भी कूड़ा पड़ा था जहां से पीएम ने झाड़ू लगाकर सफाई का मैसेज दिया था। हद तो तब हो गई जब जब कुछ लोग गली में इधर उधर खड़े होकर अपना प्रेशर रिलीज करने में जुटे रहे। इन लोगों को देख जैसे ही हमने इनको अपने कैमरे में कैद करना चाहा ये कैमरा देखते ही भागने लगे लेकिन हमने इनको पकड़ा और पूछा कि क्यों भाई शर्म नहीं आती? जिस गली में पीएम ने झाड़ू लगाई उसी गली को गंदा करने लगे? ये सुन गंदगी करने वालों को गलती का एहसास हुआ और कहा अब ये गलती दोबारा नहीं होगी।

जिम्मेदारों ने झाड़ा पल्ला

प्रधानमंत्री के बनारस आने से पहले उन इलाकों को जोर-शोर से चमकाने का काम किया गया था, जहां पीएम को जाना था। नगर निगम से लेकर पूरे प्रशानिक अमले ने अपनी पूरी ताकत साफ सफाई में झोंक दी थी। सफाई चकाचक रहे और पीएम के साथ स्वच्छता अभियान के वक्त फोटो भी कैमरों में कैद हो, इसका ध्यान कई नेताओं और अधिकारियों ने रखा लेकिन पीएम के जाते ही सब अपनी जिम्मेदारियों को भूल गए। खास तौर पर नगर निगम ने उस गली की ओर ताकना भी मुनासिब नहीं समझा जहां से पीएम ने खुद सफाई कर पूरे देश को स्वच्छता का मैसेज दिया। वहीं लंका पर अतिक्रमण को लेकर भी निगम की सुस्ती पूरे दिन जाम की वजह बनी रही।

हमको सुधरना होगा

- प्रधानमंत्री ने तो स्वच्छता अभियान की शुरुआत कर पूरी की अपनी जिम्मेदारी

- इसे सही ढंग से पालन कराना है हमारी जिम्मेदारी

- अगर निगम नहीं निभाता अपनी जिम्मेदारी तो हमें पूरा करना होगा इसे

- इसके लिए जरुरी है कि अपने घर या दुकान से निकला कूड़ा करकट सड़क पर ऐसे ही न फेंक दे

- कूड़ा फेकने के लिए अपने इलाके में डस्टबिन का इस्तेमाल करें

- कॉलोनीज और गलियों के लोगों की जिम्मेदारी है कि अपने लेवल पर डस्टबिन का अरेंजेमट कर हर मोड़ पर लगवाएं

- सुबह एक बार झाड़ू लगने के बाद फिर कूड़ा बाहर न फेंके

- पान गुटखा खाकर इधर उधर थूकने की गंदी आदत से बचें

- चाय पान या खाने पीने की दुकानों के बाहर प्रॉपर डस्टबिन हो ताकि गंदगी इनमें ही डाली जाये

- सुलभ शौचालयों या फिर सार्वजनिक शौचालयों में यूरिनल के यूज पर चार्ज न लगे