पंचायत चुनाव के लिए नाम तय नहीं कर पायी पार्टी

फ‌र्स्ट फेज का नॉमिनेशन हुआ कंम्प्लीट

VARANASI

इसे दुर्भाग्य कहें या पार्टी के नेताओं की निष्क्रियता, करीब डेढ़ सौ साल पुरानी कांग्रेस पार्टी को झंडा उठाने के लिए एक अदद आदमी नहीं मिला है। यह तब है जब पंचायत चुनाव के पहले फेज का नॉमिनेशन कंप्लीट हो चुका है। पर्चा वापस लेने की कार्रवाई तक पूरी हो चुकी है। दूसरे फेज का नॉमिनेशन भी जिले में धूमधाम से स्टार्ट हो चुका है। पर अभी तक पार्टी के खेवनहार यह तय नहीं कर पाए हैं कि कांग्रेस किस पर दांव लगाएगी। यह स्थिति तब है जब प्रदेश कांग्रेस पंचायतराज सेल के संयोजक बनारस से ही ताल्लुक रखते हैं। अच्छा रहा कि उन्होंने चुनाव से पहले जिले का जिम्मा संभाले लोगों को कैंडीडेट्स का नाम तय कर हेड क्वॉर्टर को भेजने का निर्देश दे दिया था लेकिन सब कुछ धरा रह गया।

नहीं मिले ब्8 नाम

वर्तमान पंचायतराज व्यवस्था के जन्मदाता व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने यह सपने में नहीं सोचा होगा कि उनकी ही पार्टी के अनुयायी कभी पंचायत चुनाव से कोसों दूर हो जाएंगे। इसमें सक्रिय भागीदारी तो दूर पार्टी के लिए समर्थक तक नहीं ढूंढ पाएंगे। यह तल्ख हकीकत आज पार्टी से गहरे जुड़े लोगों को भी परेशान किए हुए है। पर वो अपनी पीड़ा आखिर बयां करें भी तो किससे। उनका कहना है कि पार्टी के जन्मकाल से ही बढ़ चढ़कर भागीदारी निभाने वाले बनारस में आज समर्थन देने के लिए ब्8 लोगों का नाम नहीं मिल पा रहा है। सेवापुरी ब्लॉक के सेक्टर नंबर एक से मैदान में उतरे हर्षवर्धन सिंह को छोड़ दें तो अभी तक यही स्थिति है। इसके पीछे जिले के लोगों का शहरी क्षेत्र तक ही सीमित रहना बताया जा रहा है।

जोश हुआ ठंडा

दस दिन पहले मथुरा में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पंचायत चुनाव को सेमीफाइनल की संज्ञा दी थी। कहा कि सन् ख्0क्7 में आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे पंचायत चुनाव को कार्यकर्ता हल्के में न लें। इसके लिए जी जान से जुट जाएं। यही नहीं उन्होंने मृतप्राय कांग्रेस में जान फूंकने के लिए कहा कि अब बनारस, इटावा व सैफई से आंदोलन की शुरुआत होगी। लेकिन दुर्भाग्य कि सम्मेलन से लौटते ही फॉलोअर उनके इस मंत्र को भूल गए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी के जिम्मेदार लोग आगे होने वाले एसेंबली इलेक्शन को लेकर कितने सीरियस हैं।

जिला पंचायत के लिए कितने नाम तय किए गए हैं। इसकी मुझे जानकारी नहीं है। जिलाध्यक्ष को कैंडीडेट्स का नाम तय करने के लिए निर्देश दिया गया है।

राजेशपति त्रिपाठी, संयोजक

प्रदेश कांग्रेस कमेटी, पंचायतराज विभाग

पंचायत चुनाव की तैयारियों के संदर्भ में अभी तक कोई मीटिंग नहीं हुई है। कितने नाम तय किए गए हैं इस पर भी विचार के लिए जिला कमेटी ने नहीं बुलाया।

मणिशंकर पांडेय, उपाध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमेटी