वाराणसी (ब्यूरो)बनारस के मंडलीय अस्पताल में जानवरों के काटने के केस इस कदर से आ रहे हैैं कि आए दिन कर्मचारियों व पीडि़तों के बीच तू-तू, मैैं-मैैं देखने को मिल रहा हैरोज कमरा नंबर 12 के बाहर सुबह आठ बजे लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने आने लगते हैंये वे पेशेंट हैैं, जो कुत्तों, बंदरों, बिल्लियों व चूहों के शिकार हैैंरोजाना यहां 150 से अधिक पीडि़त पहुंच रहे हैैंवहीं दो बजे के बाद वैक्सीन लगना बंद हो जाता है जिससे आए हुए लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है.

ठंड में बढ़ते केस

ठंड का मौसम आते ही कुत्ते काटने के केस बढऩे लगते हैंमाना जाता है कि इस मौसम में कुत्ते ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं, पर कुत्ता समेत बिल्ली, चूहा और खासकर बंदर द्वारा काटे जाने वालों की संख्या भी कम नहीं हैइसका असर अब बनारस के अस्पतालों में दिखने भी लगा हैमंडलीय अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों की लंबी लाइन लग रही हैसुबह आठ बजे से इंजेक्शन लगवाने के लिए लोगों की भीड़ कमरा नंबर 12 पर लगने लगती हैइंजेक्शन लगने का समय सुबह आठ से दोपहर दो बजे का है, जिस कारण दो बजे के बाद आए पेशेंट को बिना इंजेक्शन लगवाए ही लौट जाना पड़ता है

4000 से अधिक वैक्सीनेशन

मंडलीय अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैअस्पताल में सबसे ज्यादा कुत्ते द्वारा काटे जाने वाले पेशेंट आ रहे हैैं, वहीं बंदरों ने भी खूब आंतक मचा रखा हैकुत्ते के बाद बंदर द्वारा काटे जाने वाले पेशेंट सबसे ज्यादा एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने के लिए लाइन में लगे रहते हैंआंकड़ों की बात करें तो एक दिन में 150 से ज्यादा पेशेंट वैक्सीनेशन करवाने आ रहे हैयानी महीने में इनकी संख्या करीब 4000 से भी ज्यादा हो जाती है

कालोनियों में ज्यादा मुसीबत

जानवरों का आंतक बढ़ता जा रहा हैआए हुए पेशेंट को काफी गंभीर रूप से इन जानवरों ने काटा होता हैशास्त्री नगर, पांडेयपुर और बनारस की तमाम कॉलोनी में बंदर एक बड़ी समस्या बने हुए हैंयह लोगों को आए दिन बुरी तरह से घायल कर रहे हैं.

दो बजते ही मुसीबत

मंडलीय अस्पताल में दो बजे के बाद वैक्सीनेशन नहीं होता हैऐसे में कई बार दो बजे के बाद एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने आए लोग को मुसीबत का सामना करना पड़ता हैगुरुवार को 2 मिनट की देरी से आए लोगों का भी वैक्सीनेशन नहीं हुआगाजीपुर से अपने बेटे गौतम के साथ आए गुप्तेश्वर उपाध्याय को बुधवार की शाम को पागल कुत्ते ने काट लिया थागाजीपुर के अस्पताल में उन्हें एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं मिली, जिस कारण उनका बेटा गौतम उन्हें गुरुवार की सुबह गाजीपुर से बनारस के मंडलीय अस्पताल में लेकर आ रहे थे, पर ट्रैफिक के कारण उनको थोड़ी देरी हो गईगौतम अपने पिता को लेकर दो बजकर दो मिनट में कमरा नंबर 12 के बाहर पहुंच गए थे पर उस समय कर्मचारी ताला लगाकर जा रहे थेगौतम के बहुत बार कहने पर भी डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन नहीं लगाया और वहां से चले गए.

महीने में चार हजार से ज्यादा लोग वैक्सीनेशन करवाने आ रहे हैंइन पेशेंट की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैअभी गंभीर स्थिति बनी हुई है

एसपी सिंह, एसआईसी, मंडलीय अस्पताल