-अथाह कमाई वाले नौका संचालक के कारोबार में चल रही वर्चस्व की लड़ाई

एक दशक पहले प्रभू के पिता की भी पीट-पीटकर कर दी गयी थी हत्या

VARANASI

बेहिसाब टूरिस्ट फ्लो वाले शहर बनारस अथाह कमाई वाले कारोबार नौका संचालन में वर्चस्व की लड़ाई जानलेवा बन गयी है। इसी में प्रभू और उसके पिता को मौत के घाट उतार दिया गया। लगभग एक दशक पूर्व गौरी शंकर मांझी को नौका संचालन के विवाद में पट्टीदारों ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। कुछ दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद उसकी मौत हो गयी। उसके बाद विवाद की आंच प्रभू तक पहुंच गयी। पट्टीदारों के बीच अदावत में कई बार हाकी-डंडे चले मगर, गोलियों की तड़तड़ाहट पहली सुनी गयी।

जिनकी अधिक नांव, वहीं सरताज

टूरिस्ट फ्लो के हिसाब से प्रमुख 22 से 25 गंगा घाटों पर नौका संचालन को लेकर नाविक तीन-चार गुट बंट गए हैं। जिसकी सबसे अधिक नाव होती है वहीं घाटों का बेताज बादशाह माना जाता है। प्रभू के भाई शंभू ने जिन चचेरे भाइयों पर हत्या का आरोप लगाया है मौजूदा समय में नावों की संख्या उनके पास सबसे ज्यादा है। जिसकी वजह से उनका दबदबा कायम है। सवारियों को बैठाने को लेकर अक्सर चचेरे भाइयों में विवाद होता था।

पुलिस पर लगाया आरोप

नाविकों के बीच अक्सर मारपीट की घटनाएं होती थी, मामला थाना तक पहुंचता था। मगर पुलिस किसी तरह की कार्रवाई करने में रूचि नहीं दिखाती थी। घटनास्थल पर मृतक के परिजनों की चित्कार पुलिस की कार्यप्रणाली पर सीधे सवाल उठा रही थी। उन्होंने सीधे-सीधे इलाकाई पुलिस पर दोष मढ़ा। दिनदहाड़े प्रभू की हत्या पर परिजनों का कहना था कि उसने चौक थाना में जान की सलामती की गुहार भी लगाया था।