- पुलिस और क्राइम ब्रांच की चौकसी नहीं आयी काम
- थाने के पैरोकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगी क्राइम ब्रांच
VARANASI।
डीएलडब्ल्यू मर्डर केस के आरोपी रविनारायण सिंह उर्फ बबलू ने गुरुवार को पुलिस को करारा झटका दिया। पहले से इसकी सूचना होने के बावजूद विभागीय कार्यप्रणाली में छेद का फायदा उठाकर आरोपी ने आराम से अदालत में सरेंडर कर दिया। हालांकि पुलिस और क्राइम ब्रांच ने कचहरी के गिर्द जाल फैला रखा था मगर उनकी सारी चौकसी दिखावा साबित हुई।
14 दिन की कस्टडी में भेजा गया जेल
प्रभारी सीजेएम उमाकांत जिंदल की अदालत में आरोपी दोपहर एक बजे पेश हुआ। अदालत ने उसे 14 दिन की ज्यूडीशियल कस्टडी में जेल भेजने का आदेश दिया। बबलू के भाई डब्लू और एक अन्य आरोपी आशुतोष सिंह के खिलाफ बुधवार को ही एनबीडब्ल्यू जारी किया गया है। अब पुलिस उनकी तलाश में लगी हुई है।
थाने के पैरोकार ने नहीं दी विवेचक को सूचना
मंडुवाडीह थाने से कोर्ट का कामकाज देखने वाले पैरोकार सिपाही ने आरोपी बबलू के सरेंडर एप्लीकेशन की जानकारी विवेचक, एसएसपी कार्यालय या क्राइम ब्रांच तक को नहीं दी थी। जबकि नियम है कि सरेंडर के समय आदि की जानकारी उसे तत्काल अफसरों को देनी होती है। इसी विभागीय ढिलाई का फायदा उठाकर आरोपी ने पुलिस की आंख में धूल झोंककर सरेंडर कर दिया।
पैरोकार के खिलाफ होगी कार्रवाई
हालांकि क्राइम ब्रांच और पुलिस की टीमों ने अपनी जानकारी के आधार पर कोर्ट में घेराबंदी की थी मगर उनका यह प्रयास नाकाफी रहा। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों का कहना है कि अब थाने के पैरोकार के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसएसपी को पत्र लिखेंगे। मर्डर केस में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश के लिए अब प्रयास तेज कर दिए गए हैं।