- वाराणसी पुलिस ने टॉप टेन अपराधी रुपेश को किया अरेस्ट

-उसकी निशानदेही पर बहन के घर से 32 लाख का सोना और पिस्टल बरामद

VARANASI(25 Oct):

दस साल से फरार चल रहे 50 हजार के ईनामी अपराधी रूपेश सेठ को पुलिस ने शुक्रवार को कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर नौ से गिरफ्तार कर लिया। किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में आए रूपेश की निशानदेही पर उसकी बहन के दौलतपुर स्थित आवास से पुलिस ने 32 लाख रुपये का सोना व पिस्टल भी बरामद करने में सफलता पाई है। रूपेश जनपद के टॉप टेन अपराधियों में शुमार था। उसके खिलाफ 46 मुकदमें अलग-अलग थानों में दर्ज है।

रूपेश आदमपुर थाना क्षेत्र स्थित कोनिया का निवासी है और असम में अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था।

गुवाहाटी से आया था

क्राइम ब्रांच प्रभारी व एसओ कैंट को मुखबिर से सूचना मिली कि रूपेश सेठ कैंट स्टेशन के नौ नंबर प्लेटफार्म पर मौजूद है। दोनों टीमों ने घेराबंदी कर उसे दबोच लिया। पूछताछ में उसने बताया कि मैं दीपावली से पहले किसी घटना को अंजाम देने आज ही गुवाहाटी से आया हूं। मैने अपने छोटी बहन के घर पर अपनी पिस्टल और लूट का कुछ बचा हुआ सोना छुपाकर रखा है। बताया कि वह अपने साथियों के साथ वर्ष 1997 से अपराध कर रहा है। बनारस, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर व बिहार, आसाम में विभिन्न जगहों पर लूटपाट व हत्याएं की हैं। भाड़े पर हत्या और बड़े स्वर्ण व्यवसायियों को गोली मारकर लूटता था। वर्ष 2008 में जिला कारागार में बंद रहने के दौरान मादक पदार्थो की तस्करी में पहले से जिला कारगार में ही बंद मोनी सिंह(बोडो) से प्रेम संबंध हो गया था। जेल से छूटने के बाद दोनों ने शादी कर ली और असम के कामरूप में ग्राम धुपगुडी स्थित ससुराल में रहने लगे।

बेइज्जती का लिया बदला

पूछताछ में रूपेश ने बताया कि वर्ष 2014 में मोहन सेठ से पैसे को लेकर विवाद के दौरान थप्पड़ मार दिया था। बेइज्जती का बदला लेने के लिए साथी गुड्डू मामा व अजय सेठ के साथ मिलकर मोहन सेठ की हत्या कर दी और असम भाग गया। पिछले साल साथियों संदीप जगदाले, सागर चाह्वाण, बृजेश जायसवाल, मोहित गुजराती, मुकेश सेठ के साथ मिलकर 80 लाख का सोना व चांदी को सेठ को पिस्टल दिखाकर डराकर उसकी स्कूटर की डिग्गी से लूट लिया था। रूपेश का असम में कई अन्य अपराधियों से संपर्क हुआ जिससे छिपकर रहने में आसानी होती थी। वह वाराणसी व आसपास के अपने साथी अपराधियों को छिपने व रूकने में सहयोग करता था। अपराधों के जरिए पैसा एकत्र कर असम में अपना खुद का मकान बना लिया था तथा व्यवसाय के लिए पोल्ट्री फार्म खोला था ताकि लोग शक न करें।