--Simple हो गयी luxary में जीने वालों की life

-रेस्तरां, बार में नहीं के बराबर पहुंचे customers

-छोटे नोट को खर्च करने की बजाय बचाकर रख रहे लोग

VARANASI

बड़े नोट बैन क्या हुए सौ और उससे छोटे नोट की तो जैसे किस्तम बदल गयी। पहले इसे होटल रेस्तरां, बार में टिप के तौर पर इन्हें दे देने वाले अब सीने से लगाए हुए हैं। बार-बार उसे निहार रहे हैं। दस-दस रुपये का हिसाब कर रहे हैं कि कितना खर्च करना है और कितना बचा के रखना है। पांच सौ और हजार की पुरानी नोट चलन से बाहर होने का बड़ा असर लग्जरी लाइफ जीने वालों पर पड़ा है। खर्च किए जा सकने वाले रुपयों के अभाव में ठेले वाले का सस्ता आइटम खाकर खुश हैं। महंगी वाइन के जगह कोल्ड ड्रिंक का पैग लगाकर प्यास बुझा रहे हैं।

कुर्सियां रहीं खाली

खाने-पीने के शौकीनों के शहर बनारस में मौजूद डेढ़ हजार से अधिक रेस्तरां की कुर्सियां बुधवार को लगभग खाली रहीं। पूरे दिन में एक-दो लोग पहुंच जा रहे थे तो वो भी वही ऑर्डर कर रहे थे जिसका पेमेंट सौ रुपये नोट में हो सके। वहीं दो दर्जन बार में पैग भी कम ही लड़े। अगर किसी को बहुत तलब लगी तो ऐसे तारांकित होटलों के बार को चुना जहां कार्ड पेमेंट हो सके। हालांकि कस्टमर्स के आते ही रेस्तरां और बार मैनेजर ताकीद कर दे रहे थे कि यहां पांच सौ और हजार के नोट नहीं चलेंगे।

इनकी तो निकल पड़ी

सौ और उससे छोटी नोट की तरह ही ठेले-खुमचे वालों की तो निकल पड़ी। उनके बनाए व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए लोग लग्जरी कारों में सवार होकर पहुंचे। जिस चाट-पकौड़ी को अनहाइजेनिक मान रहे थे वही बड़ा स्वादिष्ट लग रहा था। फैमिली के साथ मार्केटिंग और रेस्तरां में खाने-पीने का जिन्होंने प्रोग्राम बनाया था वो घर से निकले तो जरूर लेकिन किसी मॉल, शोरूम में न जाकर ऐसे बाजारों में गए जहां छोटी-मोटी खरीदारी के साथ ठेले-खुमचे पर मिलने वाली चीजों का स्वाद ले सकें। सबसे अधिक चाट-गोलगप्पा के ठेलों पर भीड़ रही। रोल, चाउमीन जैसे चाइनीज आइटम के ठेले भी कस्टमर की भीड़ से घिरे रहे।