-चुनाव में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए हर स्ह्र को साइबर एक्सप‌र्ट्स को जोड़ना होगा अपने साथ

- क्राइम ब्रांच के अलावा सर्विलांस सेल करेगा पूरे प्रॉसेस की निगरानी

-सोशल मीडिया के जरिए जरा भी गड़बड़ी करने वाले होंगे अंदर

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विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस अब सोशल मीडिया की भी निगरानी करेगी। इसके लिए पुलिस डिपार्टमेंट की ओर से साइबर फ्रेंडस सेल का गठन किया गया है जो सीधे एसएसपी की निगरानी में काम कर रही है। इस सेल का काम चुनावी माहौल में चल रहे घमासान के बीच आ रहे आपत्तिजनक मैसेजेज ओर इसे भेजने वालों को ट्रेस कर उनके खिलाफ कार्रवाई करना है। जिसके लिए हर एसओ को अपने नेटवर्क में 20 ऐसे साइबर फ्रेंड्स को जोड़ने को कहा गया है जो नेट और सोशल मीडिया की अच्छी जानकारी रखते हैं ताकि पुलिस के साथ मिलकर ये साइबर फ्रेंडस चुनाव के दौरान किसी भी गड़बड़ी की आशंका पर पुलिस को पहले ही अलर्ट कर सकें।

एसपी रूरल हैं नोडल अधिकारी

एसएसपी ने इस सेल के लिए नोडल प्रभारी एसपीआरए आशीष तिवारी को बनाया है। जबकि क्राइम ब्रांच सेल प्रभारी, मीडिया सेल प्रभारी और सर्विलांस सेल प्रभारी इस सेल के मेम्बर हैं। एसओ अपने साइबर फ्रेंड्स खुद बनायेंगे लेकिन वो किसी राजनैतिक दल से न हो। प्रत्येक थाने से साइबर सेल की आई लिस्ट से जिला स्तर एक व्हाट्स एप्प ग्रुप भी बनाया जायेगा और इन लोगों को खुद एसपी रूरल ट्रेनिंग देंगे। इनको सिखाया जायेगा कि सोशल मीडिया पर वायरल मैसेजेज की निगरानी कैसे करें। अफवाह फैलाते हुए अमन चैन बिगाड़ने वालों को कैसे ट्रेस करें और पुलिस को इसकी सूचना देने के साथ क्या स्टेप लें। आमजन तक इससे जुड़े अवेयरनेस मैसेज कैसे पहुंचायें। इसके साथ ही लोगों को कैसे अलर्ट करें कि वे इन मैसेजेज के झांसे में न आएं।

थानेदार करेंगे मेन काम

इस बारे में एसएसपी नितिन तिवारी का कहना है कि सोशल मीडिया पर बढ़ रही एक्टिविटी को देखते हुए ये कदम उठाया गया है। साइबर मित्र निगरानी के बाद जब सूचना देंगे तो हर थानेदार की ये जिम्मेदारी होगी कि वो दोषी लोगों के खिलाफ एक्शन ले ताकि लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रहे।