-प्राइवेट हॉस्पिटल्स की जांच में डेंगू पॉजिटिव, बाहर की जांच में डेंगू निगेटिव की मिल रही है रिपोर्ट

-प्राइवेट हॉस्पिटल्स में डेंगू बताकर मरीजों से हो रही है वसूली, गिलट बाजार के एक निजी हॉस्पिटल में हुई घटना ने की पुष्टि

VARANASI

Case-1

एक दिन पूर्व अजगरा निवासी विनोद सिंह ने अपने बेटे अभिषेक को सिर में दर्द होने पर गिलट बाजार स्थित एक नामी हॉस्पिटल में एडमिट कराया तो डॉक्टर ने डेंगू बता दिया। जबकि जांच में प्लेटलेट्स एक लाख 65 हजार था। हॉस्पिटल में ही अभिषेक की मौत हो गई थी लेकिन डॉक्टर उसे सीरियस बताकर बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिये थे।

Case-2

पक्के महाल निवासी दीपक श्रीवास्तव की मां को महमूरगंज स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। जांच में डेंगू की रिपोर्ट पॉजिटीव आई लेकिन शंका दूर करने के लिए दीपक ने जब बाहर जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव निकली। दीपक ने हो हल्ला मचाया तो हॉस्पिटल प्रबंधन ने फीस नहीं लेने की बात कह अपना पीछा छुड़ाया।

'भगवान' से बन गये शैतान

ये दोनों केसेज यह बताने के लिए काफी हैं कि शहर में डेंगू के डर से डराकर लोगों से खूब कमाई की जा रही है। सिटी के कई नामी हॉस्पिटल्स में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। मरीज की मौत हो जाने के बाद भी उसे जिंदा बताकर तीमारदारों से पैसा वसूल रहे हैं। मानवता को शर्मसार करने वाला यह घिनौना खेल कोई और नहीं, धरती के भगवान कहे जाने वाले शहर के कई मानिंद डॉक्टर्स द्वारा खेला जा रहा है।

एडमिट करा कर वसूल रहे पैसा

कहने का मतलब यह है कि यदि आप किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में चेकअप करा रहे हैं तो यह मत श्योर रहिये कि आप का इलाज सही हो रहा है। यदि थोड़ा सा भी आपको शंका हो रहा है तो तुरंत पेशेंट को किसी दूसरे हॉस्पिटल में रेफर करायें। या फिर जो जांच रिपोर्ट हॉस्पिटल से मिल रही है उसका बाहर भी जांच जरूर करायें। क्योंकि सिटी के कई प्राइवेट हॉस्पिटल में पेशेंट को एडमिट कराकर पैसा वसूलने का खेल जोरों पर चल रहा है।

चल रहा है डेंगू का प्रकोप

इस समय डे्रंगू का प्रकोप चारों तरफ है। गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में जहां डेंगू पेशेंट्स के लिए अलग वॉर्ड बनाया गया है तो वहीं उनकी रिपोर्ट बीएचयू सहित लखनऊ भेजकर जांच कराई जा रही है। अकेले लोहता के कोटवां गांव के लगभग पांच सौ से अधिक डेंगू के संदिग्ध मरीजों का चेकअप किया गया है। जबकि इसी गांव के बहुत से लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में चेकअप कराये तो जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने के साथ ही मोटी रकम भी दवा में लग गई।

वैसे डेंगू मरीजों के लिए सरकारी अस्पताल में फ्री इलाज की व्यवस्था है। यदि कोई पीडि़त लिखित कम्प्लेन करे तो प्राइवेट हॉस्पिटल पर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। एमपी चौरसिया

सीएमओ