-गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में फुल चल रहा है डेंगू वॉर्ड, मंडलीय में तीन मरीजों में डेंगू के मिले लक्षण

--DDU हॉस्पिटल में भी एक मरीज में डेंगू की हुई पुष्टि, मेडिकल वॉर्ड में एडमिट हो रहे हैं patients

VARANASI

शहर में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स के साथ-साथ प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी डेंगू मरीजों के एडमिट किये जाने की संख्या बढ़ती जा रही है। मंडलीय हॉस्पिटल में मंगलवार को डेंगू के संभावित चार मरीजों का टेस्ट हुआ। इनमें तीन मरीजों में डेंगू एनएच वन पॉजिटिव पाया गया। डीडीयू हॉस्पिटल में एक पेशेंट में डेंगू की पुष्टि हुई। यहां कंडीशन यह है कि डेंगू वॉर्ड फुल होने के बाद अब मेडिकल वॉर्ड में डेंगू के संभावित मरीजों को एडमिट किया जा रहा है।

मरीजों के आने का क्रम जारी

मंडलीय हॉस्पिटल में अब तक एक दर्जन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। रोजाना दो से तीन मरीजों में डेंगू के लक्षण पाये जा रहे हैं। हालांकि अभी तक एनएच वन की ही पुष्टि लगभग सभी मरीजों में हो रही है। पैथालॉजी में डेंगू किट से दोपहर तक चार मरीजों की जांच हुई। इनमें लहुराबीर की तनु (फ्ख्), मिर्जापुर, अर्जुनपुर निवासी राजकुमार पांडेय (ख्भ्) व इमरजेंसी वॉर्ड में एडमिट गौरव (ख्भ्) में डेंगू के शुरुआती लक्षण पाए गए हैं। वहीं जौनपुर के मडि़याहू निवासी लक्ष्मी (8) व चेतगंज के तनवीर अहमद (ख्भ्) को डेंगू की संभावना पर इमरजेंसी वॉर्ड में भर्ती किया गया है।

दीनदयाल हॉस्पिटल के डेंगू वॉर्ड में भर्ती राजातालाब निवासी सोनी में डेंगू की पुष्टि हुई है। छह बेड का डेंगू वॉर्ड कई दिनों से फुल चल रहा है। सभी पेशेंट्स को मच्छरदानी के अंदर ही रखा जा रहा है।

डेंगू के सामान्य लक्षण

-बुखार होना, शरीर में दर्द और सिर दर्द होना

-पेट दर्द, उल्टी और भूख न लगना

-पेट और शरीर में सूजन

-उल्टी होना या दस्त में खून आना

-शरीर पर लाल निशान या चकत्ते पड़ना

-सांस लेने में तकलीफ होना

जरूरी है बचाव

-अपने आसपास सफाई का ध्यान रखें, साफ-सुथरी जगह पर मक्खी-मच्छर कम पनपते हैं और बीमारियां कम फैलती हैं।

-कूलर का पानी सप्ताह में जरूर बदल दें।

-नालियों की सफाई कराएं और गड्ढे़ आदि भरवाएं

-जल निकासी संभव न हो तो उसमें कीटनाशक दवा या केरोसिन का तेल डालें।

-घर में या आसपास पड़े बर्तन, मटके, डब्बे, गमले, टायर आदि में पानी एकत्रित नहीं होने दें।

-अधिक मच्छर वाले प्लेसेज पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें।

-सोते समय मच्छरदानी का यूज करें।

-बरसात के दिनों में मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े जैसे पूरी बांह का शर्ट, कुर्ता-पायजामा पहनें

इलाज

-डेंगू फीवर का कोई सुनिश्चित इलाज नहीं है, हालांकि इसका उपचार लक्षणों के आधार पर किया जाता है।

-बुखार उतारने के लिए पैरासिटामॉल का यूज करें।

-रोगी को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ जैसे पानी, ओआरएस का घोल, नींबू पानी, लस्सी, दूध आदि दें

-हल्का खाना दें, पीडि़त व्यक्ति को फलों का सेवन ज्यादा करना चाहिए

डेंगू वार्ड कई दिनों से फुल चल रहा है। हालांकि अन्य वार्डो में संभावित मरीजों को सुरक्षित तरीके से रखा जा रहा है।

डॉ। एसके उपाध्याय

सीएमस, डीडीयू

बाढ़ ग्रस्त एरिया में ज्यादातर फागिंग कराई जा रही है। हॉस्पिटल्स कैंपस में पहले से ही फागिंग कराई जा चुकी है।

डॉ। एमए खान

जिला मलेरिया अधिकारी