वाराणसी (ब्यूरो)सिटी में मच्छरों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा हैशहर से लेकर गांव तक कही भी न दवा का छिड़काव हो रहा है और न ही कोई फॉगिंग करते हुए दिखाई दे रहा हैविभाग के इस लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा हैयही वजह है कि शहर में पिछले एक माह से हर घर में डेंगू, मलेरिया और वायरल फीवर से पीडि़त लोग इलाज कराने के लिए अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हंैशायद ही ऐसा कोई घर होगा, जहां वायरल के पेशेंट न होंमंडलीय, जिला अस्पताल, हेल्थ सेंटर से लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगी हैअस्पतालों में जांच के बाद ज्यादातर मरीजों में डेंगू-मलेरिया और टायफाइड के लक्षण पाए जा रहे हैंसिटी के दर्जनों ऐसे एरिया हैं, जहां वायरल फीवर के साथ डेंगू-मलेरिया ने आतंक फैला रखा हैवहीं कही स्थानों को हॉट स्पॉट के रूप में तब्दील किया गया है.

अब तक 146 से ज्यादा डेंगू के मरीज

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों पर गौर करें तो इस सीजन में अब 114667 लोगों में मलेरिया की जांच कराई गई है, जिसमें 21 लोग पॉजीटिव पाए गएवहीं 2612 डेंगू के एलाइजा टेस्ट में अब तक 146 से ज्यादा लोगों में डेंगू की पुष्टि की गई हैइसके अलावा 20 लोग चिकनगुनिया से पीडि़त पाए गए हैं.

न फॉगिंग दिख रहा, न छिड़काव

स्वास्थ्य विभाग के जिला मलेरिया विभाग एवं नगर निगम के नगर स्वास्थ्य विभाग को मच्छर भगाने के साथ डेंगू-मलेरिया से बचाव की जिम्मेदारी मिली हैइन दोनों विभाग की ओर से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के सफाया और लोगों को इससे होने वाली बीमारियों के प्रति अवेयर करने के लिए बेसिक हेल्थ वर्कर, आशा वर्कर, सुपरवाइजर व अफसरों समेत 2728 लोगों की फौज लगाई गई हैलेकिन इनमें से कोई भी व्यक्ति सिटी में कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा और न ही कहीं फॉगिग व दवा का छिड़काव हो रहा

सिटी में 70 हॉटस्पॉट प्वाइंट

विभाग के मुताबिक डेंगू-मलेरिया और मच्छर जनित बीमारियों से बचाव को लेकर शहरी क्षेत्र में कुल 70 हॉटस्पाट प्वाइंट बनाए गए हैंये वे स्थान हैं जहां सबसे ज्यादा डेंगू-मलेरिया के केसेस मिलते हंैघरों में पनपने वाले लार्वा को नष्ट करने के लिए 34 ब्रिडिंग चेकर को भी लगाया गया हैये लोग घर-घर जाकर एंटी लार्वा का छिड़काव करने के साथ पनपने वाले लार्वा को नष्ट करते हैंलेकिन, ये लोग भी कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैंहां कागजों पर ये जरुर एक्टिव हंैये हाल अन्य हेल्थ वर्कर्स और फॉगिंग करने वालों का भी है

यहां सबसे ज्यादा है समस्या

डेंगू-मलेरिया और मच्छर जनित रोग शहर के उन एरिया में ज्यादा फैल रहा है जहां घनी आबादी हैइसमें बीएचयू के आसपास के एरिया, भगवानपुर, करौंदी, नरिया, सुंदरपुर, डाफी, सामनेघाट, छित्तुपुर, काशी विद्यापीठ, रोडवेज, चौकाघाट, चितईपुर, नेवादा, अवलेसपुर, रानीपुर, गौतम बुद्धनगर कालोनी, पांडेयपुर, महामनापुरी कालोनी समेत दर्जनों एरिया हैैं.

ये काम है टीम का

-घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करना.

-कीटनाशक दवा का छिड़काव करना.

-अलग-अलग एरिया व गलियों में फॉगिंग करना.

ये बरतें सावधानी

-सोते समय मच्छरदानी का यूज करें.

-शाम होते ही खिड़कियों, दरवाजों को बंद कर दें.

-घर के आसपास गंदगी न होने दें.

-फिनायल व दवा का छिड़काव करते रहें.

-बच्चों को गंदगी में जाने से रोकें.

-घर की डेली साफ-सफाई करते रहें.

-बच्चों को फुल बाजू का कपड़ा पहनाकर रखें.

कितने केस आए

2612

लोगों में डेंगू का एलाइजा टेस्ट कराया गया

146

डेंगू के कंफर्म केस आए हैं अब तक

114667

मलेरिया के मरीजों की जांच की गई

21

के करीब मलेरिया के कंफर्म केस

20

के करीब चिकनगुनिया के मरीज मिले

शहर में फॉगिंग व छिड़काव की जिम्मेदारी नगर निगम के पास हैमलेरिया विभाग की लार्वा चेकर टीम घर-घर पहुंच रही है, ताकि डेंगू का मच्छर पनपने न पाए.

शरत चंद्र पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी