- कई दिनों से गुलजार सीर में मंगलवार को छाया सन्नाटा, उखड़ने लगे तंबू कनात, पंगत भी हुई बंद

- पांच हजार भक्त दो ट्रेनों से जालंधर हुए रवाना

VARANASI

पिछले कई दिनों से गुरु कृपा की आस लिए सीर पहुंचकर भक्ति में लीन भक्तों को झुंड मंगलवार को अपने अपने घरों की ओर लौटने लगा। जिसके कारण कई दिनों से गुलजार पड़ा सीर एक दम से सन्नाटे के आगोश में चला गया। काफी दूर दूर तक फैले मैदानों में लगे तंबू कनात के उखड़ने का सिलसिला भी जारी रहा और जारी रहा वादों का दौर अगले बसर गुरु दर्शन करने के लिए फिर से सीर में मिलने का।

पूरा दिन लगा रहा सिलसिला

गुरु रविदास जयंती ख्ख् फरवरी को थी। हालांकि ख्ख् की रात से ही लोगों के वापस लौटने का सिलसिला शुरू हो गया था लेकिन मंगलवार को ग्रुप में लोग घरों को लौटने लगे। दोपहर बाद डेरा सच्च खंड बल्ला पीठाधीश्वर संत निरंजन दास के नेतृत्व में भक्तों ने सीर से विदाई ली तो पूरा मेला क्षेत्र ही लगभग खाली हो गया। कैंट रेलवे स्टेशन से दो विशेष ट्रेनें लगभग पांच हजार रविदास भक्तों को लेकर जालंधर सिटी रवाना हुई। पहली ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर चार से शाम ब्.क्भ् बजे तो दूसरी शाम म्.ब्0 बजे पांच नंबर से निकली। इसमें भक्तों के साथ संत निरंजन दास भी सवार थे। स्टेशन तक सभी भक्त बस के सहारे पहुंचे। ट्रेनों के रवाना होने तक सर्कुलेटिंग एरिया से लगायत प्लेटफॉर्म नंबर चार-पांच तक गुरु रविदास शक्ति अमर रहे का उद्घोष गूंजता रहा। हालांकि शहर में लगे जाम के कारण दो दर्जन भक्तों की ट्रेन छूट गई। जिसके कारण उनको वापस सीर जाना पड़ा। इससे पहले क्ख्.भ्0 बजे बनारस से जम्मूतवी जाने वाली बेगमपुरा एक्सप्रेस भी रवाना हुई।