-नवमी पूजा और यज्ञ के साथ पूरा हुआ शक्ति आराधना का महा अनुष्ठान

'मां' का दिखा करुणामयी रूप, पंडालों में उमड़ी भारी भीड़

VARANASI

नवरात्र की महानवमी को शहर का वातावरण हवन वेदियों से उठ रहे धुएं और सप्तशती के मंत्रों की गूंज से पवित्र हो उठा। सोमवार को शक्ति आराधना के महा अनुष्ठान का अंतिम दिन था। घरों से लेकर पूजा पंडालों तक हर जगह यज्ञ वेदियां प्रज्जवलित हुई। यज्ञ पुरोहितों ने पूरे विधि-विधान से अनुष्ठान संपन्न कराया। नौ दिनी व्रत उपवास और संकल्पित पूजन के तहत श्रद्धालुओं ने कुमारी कन्याओं को सम्मान के साथ यथा शक्ति वस्त्र आदि भेंट कर अपनी श्रद्धा समर्पित की। बंगीय परंपरा के पंडालों में रात को महानवमी पूजन का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने पूरे श्रद्धा और समर्पण के साथ मां दुर्गा की पूजा अर्चना की। अंतिम होने के चलते पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

आज लौट जाएंगी 'मां'

नवमी पूजा के समय एक ओर जहां भक्त आनंद की अनुभूति कर रहे थे वहीं दूसरी ओर उनकी आंखों के कोरों में कहीं नमी भी छिपी थी। भक्तों को 'मां' से बिछड़ने का गम सता रहा था। तीन दिनों तक मां ने उन्हें अपनी ममता के आंचल की छांव दी और अब वे वापस चली जायेंगी। दशमी को कोला बोऊ लौट जायेंगी। भावविह्वल श्रद्धालु शहर के विभिन्न कुंडों, जलाशयों और सरोवरों में देवी प्रतिमाओं का विसर्जन करेंगे। मंगलवार होने के चलते अधिकतर देवी प्रतिमाओं का विसर्जन क्ख् अक्टूबर को होगा। वहीं कुछ मंगलवार को ही मां की प्रतिमा का विसर्जन करेंगे।

देवी मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

शहर के देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। गोलघर स्थित सिद्धिदात्री देवी मंदिर के अलावा कामाख्या देवी, दुर्गाकुंड स्थित कुष्मांडा देवी, संकठा देवी के मंदिरों में लोगों की लाइन लगी दिखी। भारतसेवा श्रम संघ, रामकृष्ण मिशन, अकाल बोधन समिति, यंग बॉयज क्लब, काशी दुर्गोत्सव समिति, जिम स्पोर्टिग क्लब, ईगल क्लब आदि परंपरागत पूजा पंडालों में सुबह ही श्रद्धालु पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए पहुंचे।