वाराणसी (ब्यूरो)घाटे के इस सौदे को लेकर विभागीय अधिकारी बताते हैं कि शहर को प्रदूषण मुक्त करने और लोगों को आरामदायक सफर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इन्हें चलाने का निर्णय लिया गया है। इस समय शहर में 25 ई-बसों को संचालन किया जा रहा है, जिसमें मार्च में 25 बसें और शामिल करने की बात कही जा रही है।

तीन महीने का किराया जमा
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत नगर परिवहन की ओर से 25 ई-बसों का परिचालन शुरू किया गया। 28 सीट वाली बसों को शहर में बिना किसी रूकावट के दौड़ाने के लिए एक मुश्त तीन महीने का किराया प्रति किमी 62 रुपये के हिसाब से बसें उपलब्ध कराने वाली हरियाणा की कपंनी वीसीटीएसएल के पास जमा कर दिया गया है। वर्तमान में प्रतिदिन होने वाली इन बसों की कमाई का आकलन करें तो वह 13 रुपये प्रति किमी ही निकल कर सामने आ रहा है।

एक दिन की कमाई 2200
विभागीय लोगों के अनुसार एक ई-बस से प्रतिदिन की कमाई लगभग 2200 रुपए तक हो रही है। यदि इसे किलोमीटर में निकाला जाए एक बस 13 रुपये प्रति किमी की कमाई कर रही है। बसों में सीटों की संख्या महज 28 होने के बावजूद इनमें 25 प्रतिशत सीटों खाली ही रहती हैं।

25 बसे और आएंगी
शहर में इस समय 25 ई-बसों का परिचालन किया जा रहा है। मार्च तक और 25 ई-बसें आने की बात कही जा रही है। इन बसों को शहर में किन रूटों पर चलाया जाएगा, इस पर विभाग मंथन कर रहा है। शासन से निर्देश मिलने के बाद रूट फाइनल किया जाएगा।

समय का निर्धारण नहीं
समय निर्धारित नहीं होने के कारण ई-बसों से लोग सफर करना पसंद नहीं कर रहे हैं। ठहराव का जगह चिह्नित नहीं होने के कारण बसेें कहीं भी रूक जाती हैं। खास तौर से कैंट के पास बसों का ठहराव डेढ़-डेढ़ घंटे तक होता है, जिस कारण सवारी दूसरे वाहनों से चले जाते हैं। कई बार अधिक समय तक एक ही ठहराव पर खड़े होने के कारण पब्लिक और परिचालकों में विवाद की स्थिति भी बन जाती है।

एक ही चार्जिंग प्वांइट
वाराणसी में ई-बस सेवा का सिर्फ एक ही चार्जिंग प्वांइट है। मिर्जामुराद में ई-बसों को चार्ज किया जाता है। एक बस चार्ज होने के बाद लगभग 180 किमी तक चल सकती है, लेकिन कई बार सिर्फ चार्ज करने के लिए खाली बसों को ही दौड़ाना पड़ता है। कई बार ऐसा भी हुआ है कि बीच रास्ते से ही बस को चार्जिंग प्वांइट के लिए लौटना पड़ा है। विभागीय लोगों के अनुसार शहर में और चार्जिंग प्वाइंट बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

निर्धारित किमी किराया
0 से 3 किमी - 15 रुपए
3 से 6 किमी - 20 रुपए
6 से 11 किमी - 20 रुपए
11 से 15 किमी - 25 रुपए
15 से 38 किमी - 40 रुपए

घाटे का कारण
- शहर में चार्जिंग प्वांइट एक ही होना
- पैसेंजर नहीं मिलना
- ठहराव निर्धारित नहीं होना
- समय भी तय नहीं

शहर में जो बसें चलाई जा रही है वे शुरू से ही घाटे में हैं। यह शासन को भी पता है। यात्रियों की कमी एक कारण हो सकती है, इसके अलावा जो भी समस्याएं आ रही हैं उसको जल्द ही दूर कर लिया जाएगा।
- एके तिवारी, रीजनल मैनेजर, यूपी रोडवेज