बनारस नगरी में भांग को बाबा विश्वनाथ का प्रसाद माना जाता है। इसकी बिक्री के लिए बाकायदा लाइसेंसी दुकान हैं। मगर भांग की दुकान पर प्रतिबंधित गांजा बिके तो बात कुछ हजम नहीं होती। डीजे आई नेक्स्ट को खबर मिली कि शहर में ज्यादातर भांग की दुकानों में ये गोरखधंधा चल रहा है। इसकी सच्चाई जांचने के लिए डीजे आई नेक्स्ट टीम ने स्टिंग ऑपरेशन प्लान किया और निकले पड़े गांजा की तलाश में। हमें चीज की जरुरत थी वह था गांजा खरीदने का कोडवर्ड जिसके बिना कोई दुकानदार लिफ्ट नहीं देता। कोडवर्ड मिलने के बाद स्टिंग ऑपरेशन में जो मिला उसकी डिटेल रिपोर्ट पढि़ये अंदर के पेज पर। यकीन मानिये पढ़ के आप भी चौंक जाएंगे। पढि़ये डीजे आई नेक्स्ट रिपोर्टर ललित पाण्डेय की ये खास रिपोर्ट

भांग की दुकानों पर 'दम' मारने का सामान

- सिटी में भांग की लगभग 30 लाइसेंसी दुकानें आवंटित हैं।

- सभी दुकानों को आबकारी विभाग की ओर से लाइसेंस जारी किया गया है।

- शिकायत है कि ज्यादातर भांग की दुकानों की आड़ में गांजा भी बेचा जाता है।

- कुछ तो दुकान के अंदर से बेचते हैं जबकि कुछ ने बाहर बैठा रखा है एजेंट।

- गांजा मांगने के लिए खास कोडवर्ड का इस्तेमाल होता है जिससे दुकानदार समझ जाता है कि ग्राहक का छोटी पुडि़या चाहिए, मीडियम या फिर बड़ी।

- रेलवे स्टेशन, रोडवेज के आस-पास की दुकानों के साथ शहर के सभी प्रमुख एरिया और मलिन बस्तियों में होती है गांजा की बिक्री।

-यूनिवर्सिटीज-कॉलेजेज के पास तथा गंगा घाट के पास सबसे ज्यादा होती है इसकी खपत।

इन सरकारी दुकानों अब भी चलता है 'चवन्नी-अठन्नी'

--City के सरकारी भांग की दुकान की आड़ में चल रहा है गंदा खेल, codeword से हो रही है गांजा की बिक्री

--DJ inext के sting operation में हुआ खुलासा, विकलांगों का भी हो रहा है गांजा बिक्री में इस्तेमाल

lalit.pandey@inext.co.in

VARANASI

स्पॉट- वन

डीजे आई नेक्स्ट रिपोर्टर सोमवार दोपहर एक बजकर क्भ् मिनट पर तेलियाबाग स्थित चौरा माता मंदिर के पास सरकारी भांग की दुकान पर पहुंचा। कोड वर्ड 'चवन्नी' का जिक्र करते ही दुकानदार ने तीस रुपये में गांजा की एक पुडि़या थमा दी। देखने से ऐसा भी लगा कि यहां भांग कम और गांजे की ब्रिकी कुछ अधिक ही हो रही है।

स्पॉट टू

चौकाघाट रेलवे ओवर ब्रिज के पास पेट्रोल पंप रोड पर स्थित सरकारी भांग की दुकान पर पहुंचे डीजे आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने 'चवन्नी' का जिक्र किया तो दुकान के अंदर बैठे एक व्यक्ति ने बोला कि बाहर ट्राई साइकिल पर लड़का बैठा है। चले जाइये वहां मिल जाएगा। रिपोर्टर वहां पहुंचा और चवन्नी का जिक्र करते ही दिव्यांग लड़के ने तुरंत फ्भ् रुपये में गांजा की एक पुडि़या थमा दी।

स्पॉट थ्री

सिटी के अन्य भांग की दुकानों पर गांजा की बिक्री खोज में निकले डीजे आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इंग्लिशिया लाइन स्थित भांग की दुकान पर पहुंचकर गांजा की मांग की तो दुकानदार ने साफ इनकार कर दिया, बोला कि यहां नहीं मिलता है। कहीं और देख लीजिए। कमोवेश यही हाल लक्सा रोड मजदा सिनेमा के पास भांग की दुकान का भी रहा। हालांकि यहां बैठे दुकानदार ने यह जरूर बताया कि गिरजाघर स्थित भांग की दुकान पर चले जाइये, आपको गांजा मिल जाएगा। इसके बाद यहां से रिपोर्टर व फोटोग्राफर गांजा ब्रिकी की टोह लेने वरुणापुल स्थित भांग की दुकान पर पहुंचा जो सबसे अधिक गांजा ब्रिकी के लिए बदनाम है। यहां भी धड़ल्ले से गांजे की बिक्री चल रही है।

ऊपर दिये गये स्पॉट यह बताने के लिए काफी है कि सिटी में धड़ल्ले से मादक पदार्थो की ब्रिकी हो रही है। कहने को सिर्फ सरकारी भांग की दुकान आवंटित है लेकिन यहां भांग के बदले गांजा बेचा जा रहा है। ऐसा नहीं है कि प्रशासनिक अमला इससे अनजान है या उसको इस करतूत की जानकारी नहीं लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों मौन साधे हुए हैं? बेरोकटोक, बेखौफ सरकारी भांग की दुकानों पर गांजे की ब्रिकी हो रही है।

साहब सब हैं जानते पर नहीं हैं मानते

-आबकारी विभाग की नाक के नीचे चल रहा भांग की दुकान से गांजा बेचने का गोरखधंधा

-आस-पास रहती है पुलिस की निगरानी फिर भी खुलेआम कोडवर्ड से बिक रहा है गांजा

डीजे आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जहां-जहां भांग की दुकान का स्टिंग किया वह सिटी के मुख्य मार्केट माने जाते हैं। सुरक्षा चाकचौबंद रहे इसलिए हर वक्त पुलिस की निगरानी रहती है। लेकिन फिर भी भांग की दुकान से चंद कदम दूर पुलिस बूथ पर बैठे पुलिसकर्मियों को इस काले कारनामे की जानकारी नहीं होती है। चौकाघाट स्थित पुलिस का हर वक्त पहरा रहता है, यहां पुलिस के साथ ही ट्रैफिक पुलिस भी होती है। तेलियाबाग चौराहे पर भी पुलिस बूथ है। हर समय यहां से पुलिस अधिकारियों व जवानों का आना जाना होता है। वरुणापुल के पास भी पुलिस की तैनाती है। सबसे व्यस्ततम माने जाने वाले गिरिजाघर चौराहे के चारों तरफ पुलिस की तैनाती है फिर भी गांजे की ब्रिकी हो रही है। सिटी में कई ऐसे जगह है जहां पुलिस के सामने भांग की दुकानों पर गोरखधंधा चल रहा है।

क्या बोले, आबकारी अधिकारी

सरकारी भांग की दुकानों पर गांजा बिकने की बात जब आबकारी अधिकारी वाईआर यादव से की गई तो उनका दो टूक जवाब था, 'भांग की दुकान पर नहीं बल्कि बाहर बिक रहा होगा गांजा'। वह तो साफ इनकार कर गये कि भांग की दुकान पर गांजा बिक ही नहीं सकता। अब शायद आबकारी अधिकारी साहब हकीकत से अनजान है या फिर जान बूझकर इस तल्ख सच्चाई पर पर्दा डाल रहे हैं।

कोड वर्ड से होता है खेल

सरकारी भांग की दुकान पर हर किसी को गांजा ऐसे ही नहीं मिलता है। यदि आप खुले मन से गांजा की मांग करेंगे तो बिल्कुल भी नहीं दिया जाएगा। यदि आप चवन्न्नी, अठन्नी और रुपया बोलेंगे तो तुरंत दुकानदार आपको झोले में रखा गांजा का पुडि़या थमा देगा। चवन्नी माल फ्0 से भ्0 रुपये, अठन्नी माल म्0 से 80 रुपये और रुपया माल 90 से क्ख्0 रुपये में बिक रहा है।