यूनिवर्सिटी में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए यूजी व पीजी स्तर के कोर्सेस को प्रोजेक्ट बेस बनाया जा रहा है। नए कोर्स में 50 परसेंट थ्योरी व 50 परसेंट प्रैक्टिकल शामिल किया जाएगा। यूनिवर्सिटी में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम बनाने के लिए अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग की अध्यक्षता में गठित राज्यस्तरीय समिति के सुझाव पर शासन ने पहल तेज कर दी है। इस आशय का अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी परिपत्र शुक्रवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संस्कृत यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को भी मिला है। इसमें कहा गया है कि सभी विषयों का पहला पाठ भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित रखा जाएगा। वहीं शोध को बढ़ावा देने के लिए स्नातक प्रथम वर्ष से ही रिसर्च उन्मुखीकरण से जोड़ा जाएगा। वहीं अंतिम वर्ष में प्रोजेक्ट वर्क शामिल रहेगा। सभी पाठ्यक्रमों की रेफरेंस लिस्ट में ¨हदी लेखकों की पुस्तकें भी जोड़ी जाएंगी। मुख्य विषयों से अलावा अतिरिक्त लाइब्रेरी साइंस व अन्य पाठ्यक्रमों के निर्माण के लिए भी विषय विशेषज्ञ का समूह बनाने का निर्देश है। विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों के सुझाव के लिए स्नातक स्तर पर अनिवार्य पाठ्यक्रमों को राज्य उच्च परिषद की वेबसाइट पर भी अपलोड किए जाएंगे। शासन ने समिति से न्यूनतम समान पाठ्यक्रम 31 जनवरी तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

कोर्सेस के लिए निर्धारण डेट

31 मार्च : बीएड का पाठ्यक्रम

30 अप्रैल : अनिवार्य विषयों का पाठ्यक्रम

31 मई : स्नातकोत्तर स्तर के सभी विषयों का पाठ्यक्रम

30 जून : पीएचडी कोर्स वर्क का पाठ्यक्रम