प्रदेश सरकार के आयुर्वेद निदेशालय ने दवा निर्माता कंपनियों के लिए जारी किये दिशा-निर्देश

सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने भी फर्जी विज्ञापनों के बाबत टीवी चैनल्स को दी सख्त चेतावनी

VARANASI

आयुर्वेद के नाम पर टीवी चैनल्स पर फर्जीवाड़ा जोरों से चल रहा है। कोई कंपनी अपने विज्ञापन में चुटकियों में कैंसर दूर करने का दावा करती है तो कोई दस दिन में लंबाई बढ़ाने की गारंटी देता है। सेक्स पावर बढ़ाने के नाम पर देर रात लगभग हर चैनल में दवाओं का विज्ञापन शुरू हो जाता है। पर अब कंपनियां इस तरह के फर्जी विज्ञापनों के जरिये पब्लिक को बेवकूफ नहीं बना पायेंगी। प्रदेश सरकार के आयुर्वेद निदेशालय ने इस ओर सख्ती से कदम बढ़ाते हुए कंपनियों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। जिसके तहत अब दवा कंपनियां टीवी चैनल्स पर आयुर्वेद दवाओं के नाम पर फर्जी विज्ञापन नहीं दिखा पायेंगी।

देना होगा श्ापथ पत्र

आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण के लाइसेंसिंग अथारिटी के मेंबर्स की पिछले दिनों लखनऊ में मीटिंग हुई। मीटिंग में बतौर पैनल मेंबर शामिल बीएचयू रसशास्त्र डिपार्टमेंट के एक्स हेड प्रो। आनंद चौधरी ने बताया कि सभी आयुर्वेदीय औषधि निर्माताओं को यह शपथ पत्र देना होगा की वे अपनी द्वारा निर्मित औषधियों के भ्रामक विज्ञापन नहीं करेंगे। साथ ही इन निर्माताओं को आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण के लाइसेंस के पूर्व उन्हें निर्मित औषधि के सम्पूर्ण गुणवत्ता व चिकित्सकीय प्रभाव का भी सरकार के द्वारा प्रमाणित प्रयोगशाला से प्रमाण पत्र देना होगा। इसके अतिरिक्त आयुर्वेदिक दवाओं में मुख्य कार्मुक औषधि के अतिरिक्त अन्य द्रव्य जिससे कि दवा में स्थिरिता आती है। उसे भी औषधि एवं प्रसाधन नियमावली क्9ब्भ् के नियम क्म्9 के मानको के अनुरूप ही मिलाये जाये। जिससे कि औषधि के मूल में परिवर्तन न हो और पब्लिक को गुमराह होने से बचाया जा सके.

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टीवी चैनल्स पर भी होगी कार्रवाई

सिर्फ इतना ही नहीं इस बाबत मिनिस्ट्री ऑफ इंफारमेशन एण्ड ब्रॉडकास्टिंग ने सभी टीवी चैनल्स को एक एडवाइजरी जारी किया है। ऐसे विज्ञापनों की सत्यता की जांच कर के ही प्रसारित करने को कहा है। मिनिस्ट्री की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी टीवी चैनल्स औषधि एवं चमत्कारिक अधिनियम आपत्ति जनक विज्ञापन क्9भ्ब् व ड्रग्स व कॉस्मेटिक्स एक्ट क्9ब्0 के नियमों को सख्ती से पालन करें। मंत्रालय से जारी निर्देश में नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कानून के अंर्तगत सख्त कार्रवाई करने की भी बात कही गयी है।