- कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए परीक्षाíथयों को दिलाया जाएगा एग्जाम

- भैरवतालाब परिसर में जल्द शुरू होगा फिशरीज कोर्स: वाइस चांसलर

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ यूनिवíसटी में जल्द ही फिशरीज (मछली पालन) से संबंधित कोर्स का संचालन होगा। काशी विद्यापीठ के भैरवतालाब परिसर में बाकायदा मछली पालन के लिए दो तालाब भी बनाये जाएंगे, जो फिशरीज कोर्स से संबंधित बच्चों के अध्ययन का हिस्सा होंगे। रिवर्स इंजीनियरिंग प्रोसेस के तहत नैक में अव्वल रहने के लिए उसके प्रमुख और प्राथमिक क्राइटेरिया को पहले फॉलो करवाएंगे। काशी विद्यापीठ और सम्बद्ध महाविद्यालयों के लगभग 2 लाख से भी ज्यादा वाíषक और सेमेस्टर परीक्षाíथयों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए एग्जाम दिलाया जाएगा। इसकी लगभग सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। गुरुवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो। आनंद त्यागी ने भावी योजनाओं की जानकारी दी।

ग्रीवांस सेल का गठन

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में बोलते हुए वाइस चांसलर प्रो। आनंद त्यागी ने कहा कि नैक की बेहतरीन श्रेणी पाने के लिए रिसर्च पेपर, प्रोजेक्ट, फीडबैक पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। अध्यापकों में सेंस ऑफ रेस्पॉन्सबिलिटी की भावना का विस्तार किया जाएगा। डिस्प्ले के माध्यम से बेहतरीन कार्यों को प्रदर्शित किया जाएगा। विद्याíथयों की हेल्प के लिए ग्रीवांस सेल का गठन कर चीफ प्रॉक्टर, चीफ वार्डेन और समाजकल्याण अधिकारी मदद के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। हॉस्टल, फीस और एग्जाम सम्बन्धी सारी जानकारियां विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएंगी। इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर पर भी पूरी मदद विद्याíथयों को मिलेगी। विश्वविद्यालय की वाíषक परीक्षा के लिए सारे मुकम्मल इंतेजाम हो गए हैं।

कॉपियों की सुरक्षा का विशेष इंतजाम

वाइस चांसलर ने बताया कि परीक्षा उपरांत कॉपियों की सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया गया है। एक नोडल सेंटर पर तीन लोगों की टीम गठित की गई है। विवि में संबद्धता का कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूरा हो गया है। साथ ही फैकेल्टी मेंबर्स का 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन का कार्य भी कर लिया गया है। परीक्षा तय समय पर करवाना हमारी प्रतिबद्धता है। सेकेंड फेज में माता पिता का फीडबैक भी हम पोर्टल के माध्यम से लेंगे। महिलाओं से सम्बंधित मामलों को सीधा वीमेन सेल के पास भेजा जाएगा।