गंगा घाट पर अवैध guides को नजर आए थे चार संदिग्ध, इनके पास थे आधुनिक उपकरण और drone

-सूचना के बाद पुलिस हुई alert, जोर-शोर से चल रही तलाश

--Intelligence जुटा रही जानकारी, मुम्बई में नजर आए संदिग्धों से इनका connection तो नहीं

VARANASI

भीड़ भाड़ वाले गंगा घाट के एक कोने में चार संदिग्धों की मौजूदगी थी। सभी के पास बैग और आधुनिक उपकरण थे। एक ड्रोन भी उनके हाथों में था। किसी से कोई मतलब नहीं था, वे आपस में शायद कश्मीरी लहजे में बात कर रहे थे। कुछ अवैध स्थानीय गाइडों ने उन्हें अपना शिकार समझ फंसाने की कोशिश की तो झगड़े पड़े। बार-बार अपने बैग की तरह इशारा करते हुए जताते रहे कि इनमें ऐसा कुछ मौजूद है जो मौत दे सकता है। इससे घबराए गाइडों ने पूरे मामले की जानकारी जानकारी पुलिस को दी लेकिन जब तक पुलिस वाले पहुंचते चारो संदिग्ध गुम हो गए। यह जानकारी आला अधिकारियों तक पहुंची तो सबके कान खड़े हो गए। आखिर वो अजनबी कौन थे? उनके इरादे क्या हैं? शहर की इस भीड़ में कहां छुप गए? अब इन सवालों का जवाब पुलिस से लेकर इंटेलिजेंस तलाश रही है।

खतरे में है शहर

चंद दिनों पहले मुम्बई के नेवी बेस के पास कुछ संदिग्धों की मौजूदगी का पता चला था। उसके बाद बनारस में ही लगभग वैसे ही संदिग्धों की मौजदूगी ने जानकारी ने सभी के होश उड़ा दिए हैं। लोकल इंटेलिजेंस इनके बीच कनेक्शन तलाश रही है। टेररिस्ट एक्टिविटी पर नजर रखने वाली सभी एजेंसी को इनकी जानकारी उपलब्ध कराने के साथ मुम्बई के संदिग्धों का स्केच और इंफॉर्मेशन मंगाया है। इसके जरिए यह जानने की कोशिश है कि कहीं ये संदिग्ध वही तो नहीं जो मुम्बई में मौजूद थे या उनकी टीम का कोई हिस्सा हैं। इटेंलिजेंस लगातार बनारस को आतंकी खतरे से आगाह कर रहा है। उरी हमले के पहले देश की सीमा में दाखिल हो चुके आतंकियों की एक टीम का लोकेशन कश्मीर से पंजाब होते उत्तर प्रदेश तक मिला था। इसके बाद उनकी कोई इंफॉर्मेशन नहीं मिल सकी थी। बनारस में संदिग्धों की तलाश में पुलिस अलर्ट है। हर संभावित ठिकानों की खोज-खबर ली जा रही है। आला अधिकारी किसी भी तरह का चांस नहीं लेना चाहते हैं।

कहीं हो न जाए कोई वारदात

-उरी हमले के बाद पूरे देश के साथ बनारस में आतंकी हमले की आशंका बढ़ी है

-आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का कमांडो दस्ता इसे अंजाम देने की फिराक में है

-पाकिस्तान को हर मोर्चे पर करारा जवाब दे रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में भी ये दस्ता वारदात करके चुनौती देना चाहता है

-कई बार आतंकी हमले का शिकार हो चुके शहर में स्लीपिंग माड्यूल्स की मौजूदगी उनकी मददगार हो सकती है

-आने वाले दिनों में त्योहार के दौरान हर तरफ होने वाली जबरदस्त भीड़ इनका आसान निशाना हो सकती है

-दुर्गापूजा पंडाल, गंगा घाट और भीड़ भरे बाजार में फिदायीन हमला बड़ा नुकसान कर सकता है

आसान नहीं तलाश

-हर वक्त देश और दुनिया भर के लोगों की मौजूदगी से गुलजार रहने वाले इस शहर में संदिग्धों की मौजूदगी का पता लगाना आसान नहीं

-इस शहर में किसी भी तरह की वेषभूषा धरे और भाषा का इस्तेमाल करने वाला सबके बीच घुलमिल जाता है

-दर्जनों होटल, सैकड़ों लॉज और गेस्ट हाउस में उनकी तलाश बेहद मुश्किल है

-संदिग्ध अपने छुपने के लिए धार्मिक स्थलों का उपयोग करते हैं तो वहां तक पुलिस नहीं पहुंच पाएगी

जबरदस्त है लापरवाही

संदिग्धों की तलाश में भले ही पुलिस अलर्ट है लेकिन आज भी शहर की सुरक्षा को लेकर जबरदस्त लापरवाही बरती जा रही है। कई बार आई नेक्स्ट खबरों के जरिए सुरक्षा के दावों की पोल खोल चुका है। इसके बावजूद किसी की आंख नहीं खुली। आंतकी हमले का गवाह बने दशाश्वमेध और शीतला घाट पर सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। शाम को आरती के समय महज दिखावा होता है। अन्य प्रमुख जगहों पर भी कोई खास इंतजाम नहीं है।