-क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े युवक ने अपने करतूत का किया खुलासा

-खुद को उद्योग मंत्रालय का संयुक्त सचिव बताकर ऑफिसर्स से करता था वसूली

-रुड़की के एसडीएम समेत कई अधिकारियों को ले चुका था अर्दब में

-प्राइवेट सेक्टर में था सॉफ्टवेयर इंजीनियर, नौकरी जाने पर फ्रॉड का चुना रास्ता

VARANASI

क्राइम ब्रांच ने कैंट पुलिस के साथ मिलकर एक ऐसे फ्रॉड को पकड़ा है जिसके करतूत का खुलासा होते ही खुद पुलिस भी चौंक उठी। सेंट्रल गवर्नमेंट के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव व सीनियर आईएएस अधिकारी रवि कपूर के नाम पर वसूली करने वाले हत्थे चढ़े युवक का नाम प्रमोद कुमार सिंह है। उसने ट्रू कॉलर पर फर्जी आईडी बनाने के बाद खुद को रवि कपूर बता कई बड़े ऑफिसर्स व कर्मचारियों को अपना निशाना बनाया। उनसे अपने खाते में लाखों रुपये ट्रांसफर कराने के अलावा कई महत्वपूर्ण काम भी कराए। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

करता था सिफारिश भी

गिरफ्तार फ्रॉड प्रमोद ने पूछताछ में बताया कि वो मूल रूप से जौनपुर का रहने वाला है। इन दिनों वह फैमिली के साथ वीडीए कॉलोनी फेज वन बड़ा लालपुर थाना क्षेत्र शिवपुर में रह रहा था। प्रमोद ने बताया कि वो नोएडा में प्राइवेट सेक्टर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। दस सालों तक नौकरी करने के बाद उसकी नौकरी चली गई। तब के बाद से वह अपने परिवार के साथ बड़ालालपुर में रह रहा था। आर्थिक तंगी के चलते उसने अपने मोबाइल नम्बर 9ब्भ्0फ्क्म्म्78 से कई सोशल साइट्स पर व ई-मेल आईडी में रवि कपूर आईएएस 8म् के नाम से अपना नंबर सेव किया। जिसके बाद फोन किये जाने पर कॉल रिसीव करने वाले व्यक्ति के ट्रू कॉलर पर रवि कपूर के नाम से ही नंबर डिस्प्ले होने लगता था। इसी का फायदा उठाकर उसने अपने को आईएस होने का रौंब दिखाकर कई विभाग व बैंक के अधिकारियों से अपने खाते में रुपये भी ट्रांसफर कराये। प्रमोद ने कबूल किया कि ख्0क्ब् में उसने आबकारी विभाग का सीनियर ऑफिसर बनकर जौनपुर के अधिकारियों को फोन कर रुपये वसूले थे। जिसमें उस पर मुकदमा भी दर्ज हुआ और वो जेल भी गया था। इसके अलावा दिसम्बर ख्0क्भ् में उसने एसडीएम रुड़की को कॉल कर अपने खाते में रुपये डलवाये थे। इतना ही नहीं केनरा बैंक, बैंगलोर के एमडी व सीईओ को भी फोन कर एक कर्मचारी की सिफारिश भी की थी।

एसडीएम को कॉल, पड़ा महंगा

पुलिस ने बताया कि फर्जी आईएएस बनकर प्रमोद को रुड़की के एसडीएम मंगेश को फोन कर रुपये मांगना महंगा पड़ गया। क्योंकि फोन आने के बाद उन्होंने असल रवि कपूर से सम्पर्क किया तो हकीकत का खुलासा हुआ। रवि कपूर ने मंगेश को फोन करने से ही इंकार कर दिया। जिसके बाद जांच शुरू हुई तो कॉल बनारस से किए जाने का पता चला। इस पर रुड़की पुलिस ने बनारस पुलिस से सम्पर्क साधा। फ्रॉड को पकड़ने का टास्क क्राइम ब्रांच को दिया गया तो उसने बुधवार को कैंट पुलिस संग मिलकर उसे ताड़ीखाना तिराहे के पास से अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने गिरफ्तार प्रमोद के पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया है।