-बनारस में होने वाले जी-20 देशों के सम्मेलन में वित्त विशेषज्ञ करेंगे मंथन

-बैठक में लिए जाएंगे फैसले, भारत में खुलेगा निवेश का द्वार

VARANASI

बनारस में ख्8 व ख्9 मार्च को प्रस्तावित जी-ख्0 देशों के वित्त विशेषज्ञों की बैठक में तमाम अहम फैसले लिए जाएंगे। इनका प्रभाव बनारस के साथ दुनियाभर के आर्थिक विकास पर होगा। जी-ख्0 देशों की प्री मेच्योर्ड बैठक के बाद भारत में निवेश का द्वार तेज गति से खुल जाएगा।

नोटबंदी की सफलता ने किया आकर्षित

अर्थशास्त्रियों का भी मानना है कि पीएम के नोटबंदी के फैसले के बाद से कालाधन व भ्रष्टाचार में काफी कमी आई है। इसको पूरी दुनिया में भी महसूस किया जाने लगा है। हाल ही में नोट निकासी की सीमा खत्म किए जाने के बाद से विदेशों में भारत के प्रति काफी विश्वास बढ़ा है। इससे निवेश की संभावना को काफी बल मिल रहा है। वित्त सचिव शशिकांत दास के अलावा केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के संयुक्त सचिव समीर खरे तथा उप सचिव जयंत नार्लिकर कार्यक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।

कई हैं मुद्दे

जी-ख्0 सम्मेलन में कई मुद्दों पर चर्चा होगी। इसमें विकसित एवं विकासशील देशों की प्रमुख समस्याएं, तमाम देशों की व्यापारिक स्थिति व महंगाई दर पर बात होगी। प्रति व्यक्ति आय के अलावा रोजगार के संसाधन, बेरोजगारी के अलावा उद्योग में निवेश की वर्तमान स्थिति भी अहम मुद्दा होगा। मुद्रास्फीति को मजबूत करने के अलावा व्यापारी रिश्ते मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। जी-ख्0 की बैठक में आर्थिक मुद्दों से संबंधित तमाम प्रस्ताव आएंगे। इसमें प्रमुख बिंदुओं को शामिल करने के बाद, उस पर बहुमत से हरी झंडी के बाद जर्मनी में होने वाली जी-ख्0 की मूल बैठक में शामिल किया जाएगा। इसके बाद जरूरतमंद देशों में उस व्यवस्था को लागू किया जाता है।

ये देश हैं शामिल

भारत, संयुक्त राज्य, रूस, जापान, फ्रांस, जर्मनी, चीन, यूके, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, इटली, मेक्सिको, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, अर्जेटीना, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, तुर्की, यूरोपीय संघ।