-श्री संकटमोचन संगीत समारोह में शिरकत करने बनारस पहुंचे फेमस गजल गायक

-प्रोग्राम के एक दिन पहले सिटी में आए पाकिस्तानी कलाकार ने मीडिया के सवालों का दिया जवाब

VARANASI

भारत व पाकिस्तान को बांटने में बड़े लोगों का हाथ है। ऐसे लोग दोनों देशों में मौजूद हैं। वो नहीं चाहते कि दोनों मुल्क एक हों। श्री संकटमोचन संगीत समारोह में शिरकत करने पाकिस्तान से बनारस पहुंचे गुलाम अली ने सोमवार को मीडिया के सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। कहा कि भारत व पाकिस्तान के बीच बहुत मोहब्बत है लेकिन कुछ बड़ी ताकतें हैं जिन्हें यह अच्छा नहीं लगता है। हमारे बीच वो मोहब्बत नहीं देखना चाहते। यही वजह है कि हम एक होकर भी अलग हैं।

कलाकार देता है मोहब्बत का पैगाम

संकटमोचन संगीत समारोह में प्रोग्राम पेश करने के एक दिन पहले ही सिटी में पहुंचे प्रख्यात गजल गायक ने दोनों देशों में कलाकारों को लेकर होने वाले सियासत के सवाल पर कहा कि हम तो मोहब्बत का पैगाम पेश करते हैं। हमारा काम सियासत नहीं है। कलाकार हमेशा मोहब्बत, इंसानियत और प्यार ही चाहता है। वह नफरत की बात कर ही नहीं सकता। लोग बेवजह हमें सियासत में घसीटते हैं। एक साल पहले बनारस दौरे के दौरान मोदी को नूर बताने के सवाल पर गुलाम अली ने कहा कि कोई इंसान बुरा नहीं होता। वक्त और हालात उसे बुरा बना देते हैं। कहा कि हमारा राजनीति से कोई लेना नहीं है। मैं कला का संदेश लेकर आया हूं।

वो कला का विरोध नहीं कर सकते

श्री संकटमोचन संगीत समारोह में शामिल होने का विरोध कर रहे शिवसेना के सवाल पर गुलाम अली ने कहा कि वो ऐसा नहीं कर सकते। मुझे विश्वास है कि कभी भी वो कला का विरोध नहीं करेंगे। कला और कलाकार का काम जहर घोलना नहीं बल्कि प्यार का पैगाम देना है। इस बीच उन्होंने एक शेर भी पढ़ा। जिसमें शांति, मोहब्बत और भाईचारे का संदेश छिपा था।

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कुछ नया होगा

बजरंग बली के दरबार में पिछले साल और इस बार फिर हाजिरी लगाने वाले दुनिया भर में अपनी गजल गायिकी के लिए फेमस गुलाम अली इस बार कुछ नया सुनाएंगे। मीडिया के सवाल पर कहा कि इस साल मैं कुछ नया सुनाऊंगा। हालांकि मैं पिछले साल भी तैयार होकर आया था। लेकिन सुनने वालों के आगे एक कलाकार बेबस होता है। वह चाहकर भी उन्हें नाराज नहीं कर पाता। वो जो चाहते हैं वही सुनाना पड़ता है।