वाराणसी (ब्यूरो)अच्छी नौकरी की चाह, बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा के लिए लगातार वाराणसी से विदेश जाने वालों की संख्या बढ़ रही हैयही वजह है कि क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में हर साल पासपोर्ट के लिए आवेदकों में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। 10 जिलों का भार होने के बावजूद वाराणसी कार्यालय के सामान्य पासपोर्ट का स्लॉट घटा दिया गया हैइसके चलते पासपोर्ट के लिए साक्षात्कार की वेटिंग बढ़ गई हैतीन से चार महीने की वेटिंग होने से विदेश जाने वालों की मुश्किलें बढ़ गई है.

कर्मचारियों की कमी, 50 स्लॉट कम

क्षेत्रीय कार्यालय में कर्मचारियों की कमी से सामान्य पासपोर्ट का स्लॉट घटा दिया गया हैइससे पासपोर्ट के लिए साक्षात्कार की वेटिंग बढ़ेगीआवेदकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगासामान्य पासपोर्ट के लिए पहले 805 स्लॉट थेइसमें से 50 घटाकर 755 स्लॉट कर दिया गयाविदेश मंत्रालय में जहां पासपोर्ट सेवा के 15-16 कर्मचारी होने चाहिए, वहां 7-8 कर्मचारी ही काम कर रहे हैंइसका सीधा असर स्लॉट पर पड़ा हैलेकिन, तत्काल पासपोर्ट के आवेदकों पर नहीं पड़ेगातत्काल पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वालों को एक दिन बाद ही साक्षात्कार का मौका मिल रहा है.

पोस्ट ऑफिस में आवेदन की सुविधा

मिर्जापुर, गाजीपुर, भदोही, गाजीपुर के साथ ही अन्य जिलों के हेड पोस्ट ऑफिस पर भी पासपोर्ट आवेदन की सुविधा दी जा रही हैहालांकि, यहां पर स्लॉट की संख्या कम हैमिर्जापुर के चुनार पोस्ट ऑफिस में पासपोर्ट के लिए 40 स्लॉट हैं, जहां आवेदन के तीन बाद ही साक्षात्कार का मौका मिल रहा हैभदोही में 20 स्लॉट है, जहां आवेदन के दो दिन बाद साक्षात्कार का मौका मिल रहा हैकुछ जिलों के पोस्ट ऑफिस पर भी लंबी वेटिंग चल रही हैजैसे गाजीपुर में भी 40 स्लॉट हैं, जहां आवेदन के 15 दिन बाद साक्षात्कार का मौका मिलेगाजौनपुर में 35 स्लॉट हैंएक माह बाद साक्षात्कार का मौका मिल रहा है.

दो हजार से अधिक पासपोर्ट अटके

पासपोर्ट आवेदकों की गलती के कारण करीब दो हजार से अधिक पासपोर्ट अटक गए हैंआवेदन करते समय आवेदकों ने नाम, पता व उम्र के साथ पुराने पासपोर्ट से संबंधित जानकारी सही नहीं दी हैबड़ी संख्या में ऐसे मामले भी हैं जो जुर्माना अदा नहीं करने के कारण फंसे हुए हैंपासपोर्ट कार्यालय से 10 जिलों के लोगों के पासपोर्ट जारी किए जाते हैंवाराणसी, आजमगढ़ में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है, जो किसी दूसरे राज्यों से यहां आए हैंकई बार यहां आने के बाद आवेदक पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैंऐसे में वह सही पता या फिर अपने राज्य में किए गए आवेदन की जानकारी नहीं देते हैं

कर्मचारियों की संख्या कम होने की वजह से स्टॉल घटा दिए गए हैंजैसे ही संख्या बढ़ेगी तो पहले जैसी स्थिति हो जाएगी.

डीएस रावत, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी