-बनारस दौरे के अंतिम दिन गवर्नर व चांसलर ने काशी विद्यापीठ के भैरव तालाब में एग्रीकल्चर फैकल्टी का किया इनॉगरेशन

-सेंट्रल जेल का किया निरीक्षण, कैदियों के लिए ई रिक्शा की किया व्यवस्था

गवर्नर व चांसलर आनंदी बेन पटेल ने बनारस में बुधवार को विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत किया। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के भैरव तालाब कैंपस में जहां एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट का उद्घाटन किया वहीं सेंट्रल जेल का निरीक्षण करने पहुंची। काशी विद्यापीठ के भैरव तालाब कैंपस में गवर्नर व चांसलर आनंदी बेन पटेल ने कहा कि कृषि तकनीक को लैब से निकालकर लैंड तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की खेत ही असली प्रयोगशाला है। कुलाधिपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के चौथे परिसर भैरव तालाब स्थित कृषि एवं तकनीकी संकाय के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रही थीं। राज्यपाल ने कहा कि देश आज जैविक खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहा है तो ऐसे में कृषि छात्र, कृषि विज्ञानी और अध्यापकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह जैविक खेती को जन-जन तक पहुंचाएं। कृषि विज्ञान संकाय से निकलने वाले छात्र पहले अपने खेतों से एक छोटी सी शुरुआत करें। अपने गांव के किसानों को जागरूक करें। आपकी एक छोटी सी पहल आने वाले समय में एक वृहद स्वरूप लेगी, जब खेतों की सेहत सुधरेगी तब देश की सेहत में भी सुधार होगा।

बेटियां भी पीछे नहीं

उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में अब बेटियां भी आगे आ रही हैं। यह आने वाले सुनहरे भविष्य का संकेत है। हर मां बाप से अपील है कि वह बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलाएं। बेटे और बेटियों में कोई भेदभाव न करें। वीसी प्रो टीएन सिंह ने अध्यक्षता किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह कैंपस कृषि क्षेत्र में रिसर्च सेंटर के तौर पर डेवलप होगा। धन्यवाद ज्ञापन रजिस्ट्रार डॉ। साहब लाल मौर्य ने किया।

जेल में चलेगा ई रिक्शा

गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने तीन दिवसीय दौरे के दौरान बुधवार को सेंट्रल जेल का निरीक्षण किया। उन्होंने अशक्त व बुजुर्ग कैदियों को बैरक से जेल के मेन गेट व हॉस्पिटल ले जाने व आने के लिए दो ई-रिक्शा की व्यवस्था करने को कहा। इसका खर्च गवर्नर हाउस उठाएगा। आनंदी बेन पटेल सुबह साढ़े नौ बजे ऑफिसर्स संग सेंट्रल जेल पहुंचीं। उन्होंने जेल कैंपस में स्थापित शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। वहीं पर लगे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मृति स्तंभ के बारे में जेल अधीक्षक अर¨वद सिंह द्वारा गवर्नर को जानकारी दी गई। राज्यपाल के पूछे जाने पर कि अशक्त और वृद्ध कैदियों को यदि जेल से बाहर किसी कारणवश ले जाना हो तो बैरक से जेल के मेन गेट तक कैसे लाया जाता है। जेल अधीक्षक के बताने पर कि बैरक से पैदल ही लाया जाता है। इतना सुनते ही उन्होंने कहा कि जेल में दो ई-रिक्शा की व्यवस्था की जाए जो गवर्नर हाउस के खर्च पर संचालित किया जाएगा। जेल में स्थित गोशाला के निरीक्षण के दौरान उन्होंने गायों को केले और गुड़ आदि खिलाया। भ्रमण के दौरान कैदियों से भी मुलाकात की और विभिन्न विधा में निपुण कैदियों के प्रोडक्ट का अवलोकन किया। बेकरी के उत्पाद, फर्नीचर में गवर्नर चेयर, तौलिया, गमछा के साथ-साथ उत्पादित सब्जियां आदि को भी देखा।