-आज 760 ग्राम प्रधान लेंगे शपथ, मगर 530 ही गांवों में बना सकेंगे सरकार

-अन्य गांवों में दो तिहाई ग्राम पंचायत सदस्य की संख्या पूरी न होने के कारण सरकार नहीं बन पाएगी

-छह माह बाद होगा निर्वाचन, प्रशासक संभालेगा कार्यभार

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ग्राम प्रधान चुनाव के बाद 230 गांव में जीत का जश्न ठंडा पड़ गया है। बड़े-बड़े वादे कर चुनाव जीतने वाले प्रधान जश्न मना रहे हैं और न ही विकास की योजना बना रहे हैं। क्योंकि काफी मेहनत और मतदाताओं के प्यार से मिली जीत के बावजूद विजयी प्रधान शपथ तो लेंगे मगर अपनी सरकार नहीं बना पाएंगे। इन गांव में दो तिहाई ग्राम पंचायत सदस्य की संख्या पूरी न होने के कारण सरकार नहीं बन पाएगी। रविवार को सरकार के गठन की प्रक्रिया सिर्फ 530 गांव में होगी। इन गांव में प्रधान ने चुनाव भी जीता है और ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या भी दो तिहाई से अधिक है।

ब्लॉक पर होगा शपथ ग्रहण

बनारस में आठ ब्लॉक सेवापुरी, बड़ागांव, हरहुआ, पिंडरा, चिरईगांव, चोलापुर, काशी विद्यापीठ और आराजी लाइन हैं। इनमें प्रधान पद के लिए चार चरणों में चुनाव हुआ था। जिसका फैसला 13 दिसंबर को आया। अब रविवार को इन आठ ब्लॉक के 760 ग्राम पंचायत के विजयी प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य अपने पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह ब्लॉक पर आयोजित किया जाएगा। पहले बीडीओ निर्वाचित प्रधानों को शपथ दिलाएंगे। इसके बाद एडीओ पंचायत ग्राम पंचायत सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। 760 में से 230 ग्राम पंचायत में सदस्यों की संख्या कम होने से गांव की अपनी सरकार नहीं बन पाएगी। बड़ागांव ब्लॉक के फत्तेपुर में 11 में पांच, फुलवरिया में 13 में सात, भीटी में 11 में पांच, कैथोली में 13 में छह, कोदई में 13 में आठ सीट खाली है। ऐसा ही हाल अधिकतर ब्लॉक के विभिन्न ग्राम पंचायत का है।

दो तिहाई सदस्य नहीं तो, सरकार नहीं

ब्लॉक - गांव - सरकार बनेगी - नहीं बनेगी

चोलापुर - 89 - 56 - 33

पिंडरा - 104 - 48 - 56

बड़ागांव - 80 - 61 - 19

सेवापुरी - 87 - 49 - 38

आराजीलाइन - 117 - 90 - 27

काशी विद्यापीठ - 93 - 88 - 05

हरहुआ - 96 - 71 - 25

चिरईगांव - 94 - 67 - 27

योग - 760 - 530 - 230

वर्जन-

मतदाताओं के मत के आधार पर गांव के प्रधान ने जीत हासिल की है। मगर गांव की सरकार बनाने के लिए दो तिहाई ग्राम पंचायत सदस्य भी होने चाहिए। जिन गांव में सदस्यों की संख्या कम है, वहां सरकार नहीं बनेगी। ऐसे गांव की सरकार का संचालन प्रशासक के सहारे किया जाएगा। छह माह बाद दोबारा चुनाव से खाली ग्राम पंचायत सदस्य की सीट को भरा जाएगा।

अरविंद सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी