-जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में आ रही है अड़चनें, सर्वर भी नहीं दे रहा साथ

-पोर्टल से नहीं मिल पा रही है मदद, व्यापारी हो रहे परेशान

VARANASI

साल भर पूरे कर चुके गुड्स टैक्स सर्विस जीएसटी में पर अभी भी नियम कायदों को लेकर कारोबारी उलझन में रह रहे। कारोबारियों की राहत के लिए समाधान पोर्टल भी बनाया गया मगर, वह भी राहत देने में नाकाम साबित हो रहा है। रिटर्न फाइल करने में कारोबारी पेशोपेश में है कि व्यापार करें कि कई तरह के फॉर्म भरें। उसमें भी कारोबारियों को रिटर्न दाखिल करने में सर्वर डाउन तो बाधा बन ही रहा है। वहीं यदि फॉर्म सबमिट भी हो जा रहा है तो पोर्टल पर शो नहीं कर रहा है। इन प्रॉब्लम को दूर करने की पहल विभागीय स्तर पर हो तो रही है लेकिन व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। कुटीर उद्योग से लेकर अन्य कारोबार पर इसका गहरा असर पड़ रहा है।

कम पढ़े लिखे कारोबारियों की सांसत

एक जुलाई को एक साल पूरा कर चुके जीएसटी को लेकर विभागीय स्तर पर कुछ ठोस पहल नहीं होने से कारोबारी परेशान हैं। रिटर्न कैसे भरा जाए? इसका क्या प्रॉसेस है? इसे लेकर उनमें अवेयरनेस की कमी है। उधर, अधिकतर कारोबारी कम पढ़े लिखे होने की वजह से कम्प्यूटर, सीए और एडवोकेट एफर्ड नहीं कर पा रहे हैं इसका प्रभाव पूरे शहर के कारोबारियों में जबरदस्त है। ऐसे स्थित में व्यवसाय ही बदल रहे हैं।

वर्कशॉप का नहीं हुआ असर

जीएसटी लागू होने से पहले और बाद में भी कॅमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से सौ से ज्यादा सेमिनार, वर्कशॉप आयोजित हुए। इन सेमिनारों में एक्सप‌र्ट्स ने जीएसटी के बारे में काफी जानकारियां दीं। मगर, रिटर्न भरने के प्रॉसेस को लेकर एक भी ऐसा सेमिनार आयोजित नहीं किया गया। जिसके जरिए कारोबारियों को इसके प्रॉसेस की जानकारी मिल सके।

नहीं बताया जा रहा समाधान

जीएसटी को लेकर सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इसके तमाम पहलुओं की तकनीकी जानकारी कोई नहीं दे पा रहा है। इसमें कॅमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट पूरी तरह फेल साबित हो रहा है। इतना ही नहीं, टैक्स कंसल्टेंट और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी कारोबारियों की समस्याओं का पूरी तरह निदान नहीं कर पा रहे हैं। जीएसटीआर दाखिल करने को लेकर कारोबारियों के सामने पोर्टल का प्रॉपर वे में काम नहीं करना भी परेशानी का सबब बना हुआ है। घंटों जीएसटी वेबसाइट पर समय देने के बाद भी रिटर्न नहीं दाखिल हो पा रहा है। ऐसे में व्यापारियों का समय भी जाया हो रहा है और बिजनेस भी प्रभावित हो रहा है। इसी वजह से रिटर्न दाखिल करने वाले कारोबारियों की संख्या काफी कम है।

रिटर्न फाइल करने में व्यापारियों को दिक्कतें ही दिक्कतें आ रही हैं। पोर्टल काम कर नहीं रहा, ऑफिसर्स अब सुन नहीं रहे। ऐसे में कारोबार भी प्रभावित हो रहा है।

जय निहलानी, अध्यक्ष

युवा काशी बिस्कुट एंड कंफेक्शनरी व्यापार मंडल

जीएसटी में अभी भी तमाम खामियां हैं। नियम कायदे ऐसे हैं कि कारोबारी उलझ कर रह गए हैं। इसे लेकर वाणिज्यकर कमिश्नर ग्रेड-1 से मुलाकात कर छह सूत्री मांग पत्र भी सौंपा गया है।

राजकुमार शर्मा, महामंत्री

काशी व्यापार प्रतिनिधिमंडल